Friday, May 17, 2024
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जानिए कब है वैकुण्ठ चतुर्दशी, शिव और विष्णु जी की होगी एक साथ पूजा

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Vaikuntha Chaturdashi 2023 : वैकुण्ठ चतुर्दशी देव उठनी एकादशी के दो दिन बाद और कार्तिक पूर्णिमा के एक दिन पहले मनाई जाती है। इस साल 25 नवंबर 2023 को वैकुण्ठ चतुर्दशी मनाई जायेगी। वैकुण्ठ चतुर्दशी एक ऐसा पर्व है जिसमें भगवान शिव और भगवान विष्णु की एक साथ पूजा की जाती है। इस चतुर्दशी को हरिहर का मिलन कहा जाता है। हरिहर का मिलन यानि की भगवान विष्णु और महादेव का मिलन।

वैकुण्ठ चतुदर्शी की शुभ मुहूर्त जानें 

वैकुण्ठ चतुर्दशी: शनिवार, 25 नवंबर 2023
चतुर्दशी तिथि प्रारंभ : 25 नवंबर 2023 शाम 05:22 बजे
चतुर्दशी तिथि समाप्त : 26 नवंबर 2023 अपराह्न 03:53 बजे
वैकुण्ठ चतुर्दशी निशिताकाल:  रात 11:41 से रात 12:35  नवंबर 26
अवधि- 00 घण्टे 54 मिनट तक

वैकुण्ठ चतुर्दशी के दिन खुला रहता है स्वर्ग का द्वार 

मान्यता है कि जो व्यक्ति वैकुण्ठ चतुर्दशी दिन महादेव और नारायण की पूजा करता है उस व्यक्ति को स्वर्ग की प्राप्ति होता है। मरने के बाद जीवात्मा को वैकुण्ठ में स्थान प्राप्त होता है। कहते हैं कि वैकुण्ठ चतुर्दशी पर स्वर्ग के द्वार खुले रहते हैं। भगवान विष्णु के जप से ही स्वर्ग प्राप्त होता है।

जानते हैं वैकुण्ठ चतुर्दशी की कथा 

पौराणिक कथा के अनुसार एक बार भगवान विष्णु 108 कमल पुष्पों से भगवान शिव की पूजा कर रहे थे, तब ​महादेव ने उनकी परीक्षा लेने के लिए एक कमल पुष्प गायब कर दिया। भगवान विष्णु शिवलिंग पर एक-एक करके कमल पुष्प चढ़ा रहे थे, अंत में एक पुष्प कम लगा। ऐसे में उन्होंने सोचा कि उनके नेत्र भी कमल के समान हैं, इसलिए वे अपने एक नेत्र को शिवलिंग पर ​अर्पित करने जा रहे थे, तभी भगवान शिव प्रकट हुए और ऐसा करने से रोका। उन्होंने प्रसन्न होकर भगवान विष्णु को सुदर्शन चक्र प्रदान किया।

भगवान शिव ने कहा कि यह कार्तिक शुक्ल चतुर्दशी अब वैकुण्ठ चतुर्दशी कहलाएगी। इस दिन व्रतपूर्वक जो पहले आपका पूजन करेगा, उसे वैकुण्ठ लोक की प्राप्ति होगी।

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