Friday, May 17, 2024
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सोशल मीडिया पर अब अश्लील वीडियो भेजने वालों की खैर नहीं

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सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर अब अश्लील वीडियो भेजने या फिर अपलोड करने वालों की अब खैर नहीं है। हाल ही में माननीय जिला और सैशन अदालत एस.ए.एस. नगर ने लुधियाना के एक व्यक्ति को फेसबुक मैसर्ज के द्वारा बाल अश्लील वीडियो अपलोड करने के आरोप में तीन साल की सजा सुनाई है। साथ ही साथ आरोपी के खिलाफ 10 हजार रुपए का जुर्माना भी लगाया गया है।

आरोपी की पहचान लुधियाना के एक गांव साहनेवाल के निवासी अनुज कुमार के रूप में की गई है। नेशनल सैंटर फॉर मिसिंग एंड एक्सप्लोएडिड चिल्ड्रन से नैशनल साइबर क्राइम रिपोर्टिंग पोर्टल से प्राप्त बाल अश्लील सामग्री के प्रसारण संबंधी मिली साइबर जानकारी के बाद पंजाब राज्य साइबरक्राइम सैल की इकाई महिलाओं और  बच्चों के खिलाफ साइबर अपराध रोकथाम ने मामले की जांच शुरू। इस जांच में सामने आया कि संदिग्ध व्यक्ति ने 27 नवम्बर 2020 को फेसबुक मैसैंजर के द्वारा बाल अश्लील वीडियो क्लिप को अपलोड किया था। इसके बाद बाल अश्लील सामग्री को अपलोड/प्रसारति करने के लिए पुलिस स्टेशन स्टेट साइबर क्राइम पंजाब में आई.टी. एक्ट की धारा 67-बी के तहत एफ.आई.आर. नंबर 18 दिनांक 18 सितम्बर 2021 को दर्ज की गई।

इस संबंध में की जांच के दौरान अलग-अलग इंटरनेट सेवा प्रदान करने वाले और सोशल मीडिया प्लेटफार्मों से आई.पी. एड्रैस सहित तकनीकी विवरण मांगे गए थे जिससे आरोपी की पहचान की जा सके। दोषी को 13 जनवरी 2022 को गिरफ्तार किया गया था और उसके कब्जे से अपराध करने के लिए प्रयोग किया गया मोबाइल फोन भी बरामद किया गया था।

इस मामले पर डी.आई.जी. साइबर क्राइम नीलांबरी जगदले ने कहा कि इलेक्ट्रिक रूप मे किसी भी सामग्री को प्रकाशित या प्रदर्शित करना जिसमें बच्चों को अश्लील हरकतों या व्यवहार में शामिल दिखाया गया हो या ऐतराज योग टैस्ट या डिजीटल चित्र बनाए गए हों, ऐसी किसी भी सामग्री को एकत्रित करना, खोजना, डाउनलोड करना, इश्तिहार देना, प्रचार करना, आदान-प्रदान या बांटना, जिस भी इलेक्ट्रानिक रूप में बच्चों का जिस्मानी शोषण हो, को दर्शाना एक सजा योग कार्रवाई है जिसमें 5 साल तक की कैद और 10 लाख रुपए तक का जुर्माना हो सकता है।

उन्होंने बच्चों के अभिभावकों को अपने बच्चों की ऑनलाइन गतिविधियों बारे खुलकर बात करने, बच्चों को अपनी निगरानी के अधीन स्क्रीनों व डिवाइसों का प्रयोग करने की अनुमति देने, बच्चों के ऑनलाइन दोस्तों पर नजर रखने और बच्चों को निकटता गुप्त रखने की शिक्षा देने के लिए कहा।

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