Saturday, May 4, 2024
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2 हजार के नोट पर  RBI ने दिल्ली HC से कहा, यह नोटबंदी नहीं करेंसी प्रबंधन की कवायद

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RBI: हाल ही में भारतीय रिजर्व बैंक के द्वारा 2 हजार के नोट को 2,000 रुपये के करेंसी नोटों को सर्कुलेशन से वापस लेने की घोषणा की। हालांकि 30 सितंबर  तक इस नोट का इस्तेमाल किया जा सकता है। इसे नोटबंदी 2.0 से जोड़कर देखा जा रहा है। अब आरबीआई (RBI) ने शुक्रवार दिल्ली हाईकोर्ट (HC) को बताया कि 2,000 रुपये के नोटों को चलन से वापस लेने का उसका फैसला केवल करेंसी मैनेजमेंट एक्सरसाइज है, न कि नोटबंदी है।

याचिकाकर्ता वकील रजनीश भास्कर गुप्ता द्वारा दायर जनहित याचिका पर आरबीआई के द्वारा बचाव प्रस्ताव पेश किया गया। हाईकोर्ट को दायर जनहित याचिका में तर्क दिया गया है कि आरबीआई अधिनियम के अनुसार इस तरह का निर्णय लेने के लिए स्वतंत्र प्राधिकरण की कमी है। वहीं इस मामले पर बैंक की ओर से केस लड़ रहे वरिष्ठ वकील पराग पी. त्रिपाठी ने अदालत के समक्ष आग्रह किया कि इस मामले की सुनवाई बाद की तारीख में की जाए क्योंकि पीठ ने याचिकाकर्ता वकील अश्विनी उपाध्याय द्वारा इसी तरह की जनहित याचिका में अपना फैसला सुरक्षित रख लिया है।

नोटबंदी नहीं है (RBI) 

याचिकाकर्ता ने तर्क दिया है कि 4-5 साल के बाद एक विशिष्ट समय सीमा के साथ नोटों की वापसी अन्यायपूर्ण, मनमाना और सार्वजनिक नीति के विपरीत है। ये फैसला आरबीआई के क्षेत्र में नहीं है वो स्वतंत्र रुप से इस तरह का फैसला ले सके। इस पर आरबीआई बैंक की ओर से वकील पराग पी. त्रिपाठी ने कहा कि यह एक करेंसी मैनेजमेंट एक्सरसाइज है और नोटबंदी नहीं है। पीठ ने पहले एक मामले में फैसला सुरक्षित रखा है। मैं सुझाव दे रहा हूं कि उस आदेश को आने दें और उसके बाद हम इसे प्राप्त कर सकते हैं।

अब 29 मई को होगी अगली सुनवाई 

अदालत ने दोनों पक्षों की दलीलों को सुनने के बाद इस मामले में अगली सुनवाई के लिए 29 मई की तारीख निर्धारित की है। दालत ने कहा, आरबीआई के वकील ने अदालत को सूचित किया है कि इसी विषय के साथ एक और याचिका पर सुनवाई हुई है। वह सोमवार को लिस्टिंग के लिए प्रार्थना करता है।

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