Wednesday, May 1, 2024
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तुलसी पूजा में ना करें ये गलतियां

Tulsi Puja: तुलसी का पौधा बहुत ही लाभदायक होता है। धार्मिक दृष्टि से देखें या फिर आयुर्वेदिक से इसके ढ़ेरों फायदें हैं। हिंदू धर्म में तुलसी के पौधे को काफी पवित्र माना जाता है। हर घर में सुबह-शाम तुलसी के पौधे की पूजा  (Tulsi Puja) की जाती है। कहते हैं जिस घर में तुलसी का पौधा रहता है वहां हमेशा सकरात्मकता बनी रहती है ऐसे घर में मां लक्ष्मी का वास रहता है। तुलसी की पूजा करने से भगवान विष्णु खुश रहते हैं। लेकिन तुलसी पूजन के दौरान कुछ सावधानियां रखनी बहुत जरुरी है।

तुलसी पूजा (Tulsi Puja) करने के कुछ नियम हैं-

तुलसी के पत्तों को बिना मतलब नहीं तोड़ना चाहिए इससे घर में दुर्भाग्य आता है। जितने पत्तों की जरुरत हो उतने ही तोड़े।

हर सुबह स्नान करने के पश्चात साफ कपड़े धारण करने पर मां तुलसी को जल अर्पित करें। रविवार और एकादशी के दिन भूलकर भी तुलसी मां को जल अर्पित नहीं करना चाहिए। एकादशी और रविवार के दिन मां तुलसी निर्जला व्रत रखती हैं इसलिए जल अर्पित करने से उनका व्रत टूट जाता है। इस दिन ना ही तुलसी के पत्तों को तोड़े और ना तुलसी के पौधे को स्पर्श करें।

तुलसी की पूजा करते वक्त महिलाएं अपने बाल खुले ना  रखें।

बिना नहाए तुलसी में ना तो जल डालें और ना ही तुलसी के पौधे को छुयें। गंदे हाथ से या जूते-चप्‍पल पहनकर तुलसी के पौधे को छूना पाप का भागीदार बनाता है।

सूर्य ग्रहण और चंद्र ग्रहण के काल में तुलसी के पत्तों को ना तोड़े। सूतक काल लगने से पहले ही आवश्यकतानुसार तुलसी के पत्तों को तोड़ लें।

तुलसी के पौधे में जल अर्पित करते समय उसके मंत्र ‘महाप्रसाद जननी, सर्व सौभाग्यवर्धिनी। आधि व्याधि हरा नित्यं, तुलसी त्वं नमोस्तुते।।’ का उच्चारण जरूर करें। कहते हैं कि इस मंत्र का उच्चारण करने से  पूजा का पूरा फल मिलता है।

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