साल 2023 की शुरुआत में 23 फरवरी को वारिस पंजाब संस्था के प्रमुख और खालिस्तानी नेता अमृतपाल सिंह ने अपने साथी लवप्रीत सिंह तूफान की गिरफ्तारी से नाराज होकर श्री गुरु ग्रंथ साहिब की शरण ली और पुलिस पर हमला कर दिया। उसने अपने साथियों के साथ थाना अजनाला के कई पुलिस कर्मियों को तेजधार हथियारों से घायल कर दिया, जिससे पुलिस को उसके साथी तोफान सिंह को छोड़ना पड़ा। आपको बता दें कि इस झड़प में एक पुलिस अधीक्षक समेत 6 पुलिसकर्मी घायल हो गये।
पूरी घटना के दौरान जेल में बंद अमृतपाल के भाई बने आरोपी शिव कुमार और भूपिंदर सिंह ने हाईकोर्ट में जमानत याचिका दायर की, जिसे कोर्ट ने खारिज कर दिया। पंजाब हरियाणा उच्च न्यायालय ने स्पष्ट रूप से कहा कि किसी भी नागरिक के लिए न्याय प्रशासन में हस्तक्षेप करना और लोगों को भड़काकर कानून अपने हाथ में लेना स्वीकार्य नहीं है।
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कोर्ट ने आगे स्पष्ट किया कि आरोप बेहद गंभीर हैं और ऐसे में याचिकाकर्ताओं को 8 महीने की हिरासत की दलील स्वीकार कर जमानत नहीं दी जा सकती। याचिका दायर करते हुए आरोपी अजयपाल सिंह उर्फ शिव कुमार और भूपिंदर सिंह ने हाई कोर्ट को बताया कि घटना वाले दिन वे अजनाला में भी नहीं थे, लेकिन फिर भी साजिश के तहत उनके खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई और उन्हें जेल में डाल दिया गया।
आपको बता दें कि पंजाब सरकार के वकीलों ने अपना पक्ष रखते हुए पंजाब हरियाणा हाई कोर्ट को बताया कि इन दोनों ने खुद को अमृतपाल सिंह का साथी होने का दावा किया है, जिसने पंजाब के युवाओं को गुमराह करने के लिए भड़काऊ बयान दिए थे। इसके साथ ही पंजाब सरकार की ओर से याचिकाकर्ताओं के पास से बरामद हथियारों और संबंधित सामग्रियों का भी हवाला दिया गया।