Saturday, April 27, 2024
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‘डेड बेडरूम’ में रहते हैं आप! साथ हैं लेकिन रिलेशनशिप में जोश-गर्माहट नहीं, तो अपनाये ये टिप्स

रिलेशनशिप। क्या आपका रिश्ता भी ऐसे ‘डेड बेडरूम’ में बसता है? ‘डेड बेडरूम’ से मतलब आपस में बातचीत है, रूठना-मनाना है, प्यार भी है लेकिन जीरो सेक्शुअल रिलेशनशिप है। ऐसी कई खुशहाल जोड़ियां हैं जो एक-साथ खुश तो हैं लेकिन उनकी सेक्स लाइफ ना के बराबर है। तो ये आर्टिकल केवल आप के लिए है।

क्या होता है डेड बेडरूम?

‘डेड’ का मतलब होता है मरा हुआ। यहां रिश्ता खत्म होनी की बात नहीं हो रही। बेडरूम में कपल्स के बीच सेक्शुअल रिलेशन बेहद कम हो या ना के बराबर हो, तो इसे सेक्शुअल और रिलेशनशिप एक्सपर्ट ‘डेड बेडरूम’ कहते हैं। जब रिश्ते में गर्माहट नहीं रहती तो यह वही स्थिति होती है। इसकी कई वजह हो सकती हैं। लेकिन इसका मतलब यह नहीं है कि पार्टनर एक-दूसरे का ख्याल नहीं रखते या एक-दूसरे के प्रति आकर्षण कम होता है। समय के साथ यह स्थिति बदल भी सकती है।

सेक्स की कमी से रिश्ते में समस्या

सेक्शुअल इंटीमसी कई वजहों से घट सकती हैं। इसकी वजह वक्त के साथ निर्भर करती है। अगर एक पार्टनर सेक्स करना चाहता है और दूसरा नहीं तो कई बार दिल को चोट पहुंचती है। उसे अकेला महसूस होता है या लगता है कि पार्टनर उन्हें स्वीकार नहीं कर रहा। अगर दंपती आपस में सहयोग करें तो उनके बेडरूम का सीन पलभर में बदल सकता है। हर कपल के लिए सेक्शुअल रिलेशनशिप की फ्रीक्वेंसी की परिभाषा अलग-अलग होती है। कुछ 1 हफ्ते, महीना या साल में एक बार रिश्ता बनाते हैं। 2017 में 18–89 साल तक के लोगों पर ग्लोबल स्टडी की गई। इसमें 15.2% पुरुष और 26.7% महिलाओं ने कहा कि उन्होंने पिछले 1 साल में एक बार भी संबंध नहीं बनाए।

पति को होती है पत्नी से उम्मीद

रिलेशनशिप काउंसलर डॉक्टर गीतांजलि शर्मा ने बताया कि कई बार व्यक्ति को लगता है कि उनका पार्टनर बोरिंग है। पति को पत्नी से ज्यादा उम्मीदें रहती हैं लेकिन पहली बार संबंध बनाने में उन्हें आनंद नहीं आता। लड़कियां इस मामले में शर्मीली होती हैं। जबकि लड़कियों में सेक्स एजुकेशन का होना जरूरी है। वहीं, कुछ लड़के शादी से पहले ही संबंध बना चुके होते हैं इसलिए वह पत्नी से ज्यादा उम्मीद रखते हैं।

कई स्थितियां मूड ऑफ कर देती हैं

डॉक्टर गीतांजलि शर्मा कहती हैं कि उनके पास कई कपल ऐसे आए जिनके बीच संबंध बनाने के दौरान रूम टेम्परेचर तक आड़े आया। एक पार्टनर को एयर कंडीशनर चाहिए, दूसरे को नहीं। ऐसी स्थितियां मूड ऑफ करती हैं। कुछ परिवारों में प्राइवेसी नहीं होती। कुछ मर्दों को लगता है कि कमरे का दरवाजा बंद कर देंगे तो परिवार वाले बुरा मान जाएंगे इसलिए जब कहीं घूमने जाएंगे तब पत्नी से संबंध बनाएंगे। कहीं पत्नी के लिए खुल्ला दरवाजा शर्म और झिझक का कारण बनता है। इसके अलावा करियर के चलते कई कपल अलग-अलग रह रहे हाेते हैं। पति शहर में और पत्नी गांव में रहती है। लॉन्ग डिस्टेंस रिलेशनशिप भी ‘डेड बेडरूम’ का कारण बनते हैं।

बच्चों के बाद बदल जाता है महिला का व्यवहार

डॉक्टर गीतांजलि शर्मा ने बताया कि जब आप किसी को किस करते हैं या गले मिलते हैं तो ऑक्सीटॉसिन हार्मोन रिलीज होता है। पति चाहते हैं कि पत्नी उनके साथ संबंध बनाए। लेकिन जब बच्चे पैदा हो जाते हैं तो महिला अपने बच्चे को पुचकारती है, सहलाती है। इस स्पर्श से उनके शरीर में ऑक्सीटॉसिन हार्मोन रिलीज हो जाता है। इस वजह से उन्हें पति के करीब होने की इच्छा नहीं रहती। यह संबंधों में दूरियों की वजह बनती है।

सेक्स का मेंटल हेल्थ से रिश्ता

अगर कपल सेक्शुअल रिश्ते से संतुष्ट नहीं हैं तो इसका उनकी मेंटल हेल्थ पर गहरा असर पड़ता है। सेक्स के दौरान शरीर में सेरोटोनिन हॉर्मोन रिलीज होता है। इससे मूड अच्छा रहता है और व्यक्ति चिंतामुक्त होता है। लेकिन अगर सेक्शुअल लाइफ नीरस हो तो कपल्स को एंग्जायटी, डिप्रेशन, गुस्सा, आत्मविश्वास की कमी और डर जैसी चीजें घेर लेती हैं।

फिजिकल हेल्थ भी जिम्मेदार

हार्मोनल बदलाव: जब शरीर में सेक्स हार्मोनल के स्तर में बदलाव होता है तो संबंध बनाने की इच्छा पर फर्क पड़ता है। इसके अलावा नींद और स्ट्रेस का बना रहना इसके लिए जिम्मेदार होता है।

सेक्शुअल हेल्थ कंडीशन: कुछ लोगों को सेक्शुअल ट्रांसमिटेड बीमारियां हो तो वह संबंध बनाने से संकोच करते हैं। इसके अलावा शरीर का साथ ना देना।

गंभीर बीमारियां: जिन लोगों को हृदय रोग, थायराइड, डायबिटीज, नसों में समस्या, क्रॉनिक पेन, कैंसर जैसी बीमारियां संबंध बनाने की इच्छा को खत्म कर देती है।

दवाओं का साइड-इफेक्ट: कुछ दवाइयां जैसे एंटीडिप्रेसेंट्स या हार्मोनल बर्थ कंट्रोल जैसी मेडिसिन भी इस इच्छा को प्रभावित करती है।

परिवार में यह शर्म की बात

हमारे समाज में इस विषय पर खुलकर बात नहीं की जाती। कपल भी इस बारे में बात करने में असहज महसूस करते हैं। यह एक शर्म की बात समझी जाती है। जबकि हर दंपती को इस पर बात करना जरूरी है ताकि उनके रिश्ते में नयापन आए और रिलेशनशिप मजबूत बने। गांव-कस्बों में बच्चे की इच्छा तो की जाती है लेकिन संबंध में कैसे सुधार किया जाए, इस बारे में दंपती चुप्पी साध लेते हैं। कुछ जगह बच्चे पैदा होने के बाद संबंध बनाना पाप भी समझा जाता है।

प्यार की शुरुआत बेडरूम से नहीं होती

रिलेशनशिप काउंसलर बताती हैं कि कपल के बीच प्यार की शुरुआत बेडरूम से नहीं बल्कि रोजमर्रा की बातचीत और व्यवहार से शुरू होती है। इसलिए पार्टनर की इज्जत करनी चाहिए,उसकी तारीफ करनी चाहिए ताकि रिश्ते का इमोशनल कनेक्ट बना रहे। ऐसा होगा तो उनके बीच के संबंध भी अच्छे रहेंगे। तो झिझक छोड़िये और अपने रिश्तों में गर्माहट लाइए, फिर देखिये कैसे डेडरूम खुशियों से भरे बेडरूम में तब्दील होता है।

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