Monday, May 6, 2024
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खुदरा वस्तुओं की कीमत में हुई महंगाई, सब्जी, दाल और मसालों की कीमत में हुआ इजाफा

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CPI: देश में खुदरा वस्तुओं में महंगाई का दौर जारी है। बीते महीने दिसंबर में  सब्जी, दाल और मसालों के महंगा होने से खुदरा मुद्रास्फीति तेजी से बढ़कर चार महीनों के उच्च स्तर 5.69 प्रतिशत पर पहुंच गई है। CPI पर आधारित मुद्रास्फीति नवंबर, 2023 में 5.55 प्रतिशत थी और दिसंबर, 2022 में 5.72 प्रतिशत थी।

 राष्ट्रीय सांख्यिकीय कार्यालय (NSO) के द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार, खाद्य वस्तुओं की खुदरा मुद्रास्फीति दिसंबर, 2023 में बढ़कर 9.53 प्रतिशत हो गई जो इससे बीते महीने 8.7 प्रतिशत और एक साल पहले के इसी महीने में 4.9 प्रतिशत थी। बता दें कि इससे पहले, पिछले साल 2023 के अगस्त में मुद्रास्फीति 6.83 प्रतिशत के उच्च स्तर पर पहुंच गई थी।

जारी ताजा आंकड़ों के अनुसार, दिसंबर में सब्जियों की महंगाई सालाना आधार पर 27.64 प्रतिशत रही। बाद में दाल की कीमत 20.73% और मसालों की 19.69% बढ़ी। लेकिन आलोच्य अवधि में तेल और वसा की कीमतें 14.96 प्रतिशत गिरी। दिसंबर में ग्रामीण क्षेत्रों में खुदरा मुद्रास्फीति 5.93% रही, जबकि शहरी क्षेत्रों में 5.46% रही।

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इक्रा रेटिंग्स की मुख्य अर्थशास्त्री अदिति नायर ने इन आंकड़ों पर अपनी प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि मासिक आधार पर उपभोक्ता मूल्य सूचकांक मुद्रास्फीति में वृद्धि का कारण खाद्य और पेय पदार्थों की कीमतों में तेजी है। अन्य उप-समूहों में या तो दाम नरम हुए हैं या फिर सालाना आधार पर लगभग स्थिर हैं। महंगाई बढ़ाने में खाद्य वस्तुओं में उम्मीद के अनुरूप सब्जियों की भूमिका सबसे ज्यादा रही।

भारतीय रिजर्व बैंक मौद्रिक नीति समीक्षा पर विचार करते समय मुख्य रूप से खुदरा मुद्रास्फीति को ध्यान में रखता है। उसे मुद्रास्फीति दो प्रतिशत घट-बढ़ के साथ चार प्रतिशत पर रखने की जिम्मेदारी मिली हुई है।

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