Saturday, May 4, 2024
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बेबसी, लाचारी, लेनदारी ने पिता को बना दिया हत्यारा, तीन मासूमों की ले ली जान

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सुमन ने आरोप लगाया कि लेनदार उसे डरा रहे थे। घर से समान तक उठा ले गए थे। उसका पति पुलिस के पास न्याय मांगने गया तो उसकी पुलिसवालों ने नहीं सुनी न ही कोई शिकायत दर्ज की बल्कि उसे थाने से दुत्कारकर भगा दिया।

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रोहतक। बेबसी, लाचारी और लेनदारी की वजह से ऐसा दर्दनाक मंजर सामने आया कि एक पिता अपने ही बच्चों की जान लेने पर मजबूर हो गया। रोहतक के कबूलपुर गांव में कर्ज में डूबे पिता ने अपने चार बच्चों को दांत साफ करने का पाउडर बताकर सल्फास की गोली पिसकर दे दी। बच्चों को कड़वाहट के चलते शक न हो जाए, इसलिए ऊपर से एक-एक रसगुल्ला खिला दिया। एक 14 माह के मासूम को तो दूध की बोतल में जहर मिलाकर दे दिया। पिता ने यह कदम तब उठाया बच्चों की माँ और दादी घर पर नहीं थे। इसके बाद उसने पत्नी को फोन कर बताया कि उसने बच्चों को जहर दे दिया है और वह भी मरने के लिए जा रहा है।

बच्चों को लेकर पीजीआई आपातकाल में पहुंचे ग्रामीण
वेंटिलेटर पर है इकलौती बची हिना

थोड़ी ही देर में बच्चों ने उल्टी करनी शुरू कर दी। जब बच्चों की तबीयत बिगड़ी तो बड़ी बेटी हिना पड़ोस के चाचा सुरेंद्र के पास पहुंची और पूरे मामले से अवगत कराया। तत्काल मामले की सूचना बच्चों की मां सुमन को दी गई। उन्होंने तब तक बच्चों को फटाफट पीजीआई में भर्ती करवाया तब तक बच्चों की हालत खराब हो चुकी थी। एक एक कर तीन बच्चों ने दम तोड़ दिया। अब चार बच्चों में से एक आठ साल की हिना ही जीवित बची है। हिना को चिकित्सकों ने खतरे से बाहर बताया है लेकिन उसे अभी वेंटिलेटर पर रखा गया है। आरोपित पिता 33 वर्षीय सुनील लापता है। वहीं अपने ही बच्चों की जान लेने वाले पिता सुनील को उसकी पत्नी सुमन ने सुनील से ज्यादा कसूरवार गांव के पांच लोगों और पुलिस को बताया है। शिवाजी कॉलोनी थाना पुलिस अब पत्नी के बयान पर मामला दर्ज कर आरोपी की तलाश कर रही है।

पत्नी ने लगाए लेनदारों और पुलिस पर आरोप

रो रो कर बेसुध हो रही सुमन ने बताया कि उसके पति सुनील ने कुछ लोगों से रकम उधार ले रखी थी। सुनील हर महीने 3-3 हजार रुपए करके ये रकम लौटा रहा था, लेकिन वो लोग हर महीने 5 हजार रुपए देने का दबाव डाल रहे थे। लेनदार उसे डरा रहे थे। जब सुनील 5 हजार रुपए नहीं दे पाया तो वो लोग उनका जनरेटर, एलईडी, इन्वर्टर और दूसरा सामान भी उठाकर ले गए। बाद में वह इन्वर्टर वापस ले आए। उसका पति पुलिस के पास न्याय मांगने गया तो उसकी पुलिसवालों ने नहीं सुनी न ही कोई शिकायत दर्ज की बल्कि उसे थाने से दुत्कारकर भगा दिया। इसके बाद वो बार बार मिल रही धमकियों से बेहद डरा हुआ पागल सा हो गया था। सुमन ने कहा कि उनके घर में कोई कलह नहीं थी। लेनदारों के डर और पुलिस से न्याय न मिलने पर ही उसके पति ने ऐसा कदम उठाया है। वहीं थाना शिवाजी कालोनी पुलिस ने अपने ऊपर लगे आरोप नकारे हैं।

जानकारी देते हुए सुमन
सुनील ने स्वयं दी जहर देने की सूचना

सुमन का कहना था कि मंगलवार सुबह सात बजे सुनील पहले पुलिस थाना और फिर छारा जाने को कहकर घर से चला गया था। सुमन के अनुसार वो बच्चों को घर पर छोड़कर नौ बजे के करीब धान कटाई की दिहाड़ी पर चली गई थी। करीब 11 बजे उसकी सास रिश्तेदारी में हुई एक मौत पर शोक जताने परिवार के लोगों के साथ गई थी। दोपहर करीब एक बजे सुनील ने अपनी माँ के पास फोन कर पूछा था कि घर में बच्चे कहाँ पर है और सुमन कहाँ पर। इसके बाद वो घर पहुंचा और हत्याओं को अंजाम दिया। सुमन ने बताया कि वो खेत में थी तो दो बजे के करीब सुनील ने फोन कर बताया कि वो बच्चों को जहर दे चुका है, वो उन्हें संभाल लें। इसके बाद सुमन किसी प्रकार घर पहुंची ते बच्चों को उसका देवर सुरेंद्र व अन्य अस्पताल ले जा चुके थे।

बच्चों की मौत का सुन किया फोन स्विच ऑफ़

सुनील इसके बाद भी वह शांत नहीं था उसने एक बार फिर चार बजे फोन किया। बोला, बच्चों का क्या रहा। सुमन ने बताया कि तब तक दो बेटियों की मौत हो गई थी, उसने जैसे ही सुनील को बताया कि दो बेटियों की मौत हो गई है तो सुनील ने ये कहते हुए फोन काट दिया कि अब वो भी अपनी जान देने जा रहा है। इसके बाद उसका फोन स्विच आफ हो गया। पीजीआई पहुंचे सुनील के भाई सुरेंद्र भी बच्चों की मौत से बेहद व्याकुल नजर आए। सुरेंद्र ने कहा-भाई पर कर्जा था पर इसका मतलब यह नहीं कि वह बच्चों की जान ले लेगा। इस कदम के लिए उसे माफ नहीं किया जा सकता। घटना की सूचना पाकर जिला परिषद के पार्षद एवं गांव कबूलपुर निवासी जयदेव भी पीजीआई पहुंचे और दुख की घड़ी में परिवार को सांत्वना दी। साथ ही पुलिस प्रशासन ने न्याय की मांग की।

पिता ने भी की थी आत्महत्या

पीजीआइ में दाखिल इकलौती बची हिना ने बताया कि डेढ बजे उसके पापा घर आए थे। उन्होंने दो-तीन गोली कूटने के बाद उन सभी बहनों को खाने के लिए देते हुए कहा कि इस दवा से दांत का दर्द खत्म हो जाएगा। छोटे बेटे देव के दांत भी जल्दी निकल आएंगे। हिना ने बताया कि उसने दवा मुंह से लगाते ही कड़वी लगने पर हाथ में वापस लेकर छुपा ली। निशिका और दीक्षा ने कहा था कि दवा कड़वी है तो पापा ने दोनों को रसगुल्ले खिला दिए। देव को दूध में वो गोली घोलकर दे दी। बताया जा रहा है कि सुनील के पिता प्रकाश की 15 साल पहले सदिग्ध हालात में मौत हुई. थी। उनका शव खेत में एक पेड़ पर फदे से लटका मिला था। सुनील की माँ के अनुसार जब गांव के कुछ लोग देनदारी के चलते उनका सामान उठा ले गए तो सुनील अपने पिता को खूब याद कर रहा था।

एफएसएल टीम व पुलिस ने किया घर का निरिक्षण

देर शाम गांव में एफएसएल टीम व पुलिस ने सुनील के घर का निरीक्षण किया है। वहाँ पर सल्फास की गोली के कुछ टुकड़े बरामद हुए हैं। दूध पीने को बोतल को भी टीम ने जांच के लिए अपने कब्जे में लिया है। ग्रामीणों के अनुसार सुनील कई साल से फर्नीचर का काम करता है। उसको मार्केट में खूब साख थी और काम भी खूब मिलता था। गांव में रहकर ही वो काम करता रहा है। झज्जर के छारा में अपने साले की कुछ साल पहले वो कमेटी डालने के काम में जुड़ गया। ये काम उसके हिसाब से नहीं बैठा और वे कर्ज में दबता चला गया। उसकी मार्केट में साख भी नहीं बची। इन दिनों वह छारा में साले की दुकान पर नौकरी करता था।

हिना की हालत भी अभी गंभीर

पुलिस को प्रांरभिक जांच में पता चला है कि कबूलपुर निवासी सुनील कुमार अपने परिवार के साथ गांव में रहता है। जबकि उसका भाई सुरेंद्र बहादुरगढ़ में रह रहा है। सुनील कारपेंटर का काम करता है। साथ ही अब धान के सीजन में कटाई और झड़ाई का काम कर रहा था। बताया जा रहा है कि उसने कर्ज ले रखा है, इसके चलते वह परेशान रहता था। सुबह खेत में पत्नी के साथ काम करने चला गया। दोपहर वापस आकर चारों बच्चों को सल्फास पीसकर दे दिया। जब बच्चों की तबीयत बिगड़ी तो बड़ी बेटी पड़ोस के चाचा सुंदर के पास पहुंची और पूरे मामले से अवगत कराया। तत्काल मामले की सूचना बच्चों की मां सुमन को दी गई। वह घर पहुंची तो बच्चों ने उल्टियां कर रखी थीं। तत्काल चारों को पीजीआई ले जाया गया, जहां बड़ी बेटी 10 वर्षीय निशिका व सात वर्षीय दीक्षा, एक साल के देव की मौत हो गई। जबकि साढ़े 8 वर्षीय हिना की हालत गंभीर है। हिना के बारे में 72 घंटे से पहले कुछ नहीं कहा जा सकता।

मां को भी दे चुका है धमकियाँ

बच्चों के चाचा सुंदर ने बताया कि वह काम की वजह से गांव से बाहर रहता है। मां गांव में ही रहती है। सुनील मां को भी कई बार धमकी दे चुका है। सुंदर ने कहा कि उसका भाई कोई नशा वगैरह नहीं करता। पुलिस को उसे जल्द से जल्द पकड़ना चाहिए। जांच अधिकारी ASI अनिल कुमार ने बताया कि घटना की जानकारी मिलते ही पुलिस टीम मौके पर पहुंचकर जांच में जुट गई थी। बच्चों की मां सुमन के बयान दर्ज किए गए हैं। जिसके आधार पर आरोपी सुनील के खिलाफ हत्या, हत्या के प्रयास सहित अन्य धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया है। बच्चों का पिता सुनील वारदात के बाद से फरार है।

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