Sunday, April 28, 2024
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नूंह हिंसा में मारे गए अभिषेक के परिजनों ने शव लेने से किया इनकार, बाजार बंद, बार एसोसिएशन ने किया वर्क सस्पेंड

अभिषेक के पिता सतपाल ने दोषियों पर कड़ी कार्रवाई की मांग की। सभी की गिरफ्तारी होनी चाहिए। अपराधियों को ऐसा दंड मिला चाहिए कि आगे किसी के साथ कोई इस तरह का करने के बारे में सोचे भी नहीं। परिजनों ने पुलिस प्रशासन के सामने अपनी मांग रखी है। जिसमें उन्होंने अभिषेक के हत्यारों की गिरफ्तारी, बेटे को शहीद का दर्जा और नूंह का नाम बदलकर अभिषेक नगर रखने की अपील की है।

पानीपत। नूंह हिंसा के दौरान पानीपत के नूरवाला निवासी अभिषेक को पहले सीने पर गोली मारी गई और फिर गला रेत दिया गया। इसके बाद भी जब हमलावरों का मन नहीं भरा तो उसे पत्थर से कुचल दिया। अभिषेक को नहीं पता था कि एक धार्मिक यात्रा उसके लिए अंतिम यात्रा बन जाएगी।

अभिषेक की मौत से पानीपत में हड़कंप का माहौल है। उस की मौत मामले में परिजनो ने फिलहाल शव लेने से भी इनकार कर दिया है। सामान्य अस्पताल में विश्व हिंदू परिषद समेत विभिन्न सामाजिक संगठनों के सैकड़ों लोग इकट्ठा हो गए है। वह लगातार प्रदर्शन कर रहे है। पुलिस लोगों से शांति बनाए रखने की अपील कर रही है।

सिविल अस्पताल में हजारों का उमड़ा हुजूम

अभिषेक की मौत के बाद पानीपत जिले में धारा 144 लागू कर दी गई है। अभिषेक का शव मंगलवार देर रात नूंह से पानीपत लाया गया था। यहां सिविल अस्पताल के शवगृह में रखवाया हुआ है। हालांकि संस्कार का समय सुबह 9 बजे का था, लेकिन अभी तक परिजनों ने शव नहीं लिया है। सुबह 6 बजे से ही लोग शवगृह के बाहर जुटना शुरू हो गए हैं।

माहौल को देखते हुए परिजनों को समझाने के लिए मौके पर MP संजय भाटिया, DC डॉ. वीरेंद्र दहिया, SP अजीत सिंह शेखावत समेत तमाम अफसर मौके पर पहुंच चुके है। इतना ही नहीं, शहर में किला थाना के सामने RSS की शाखा में भी सैकड़ों की संख्या में युवा इकट्‌ठे हो गए हैं। यहां भी पुलिस उन्हें समझाने का प्रयास कर रही है।

परिजनों को समझाने का प्रयास करती पुलिस

पानीपत सिविल अस्पताल के शव गृह के बाहर मृतक अभिषेक के परिजन हनुमान चालीसा का पाठ कर रहे हैं। परिजनों और प्रशासन के लोगों के बीच तनाव का माहौल है। परिजनों ने पुलिस प्रशासन के सामने अपनी मांग रखी है। जिसमें उन्होंने एक करोड़ रुपये मुआवजा और अभिषेक के हत्यारों की गिरफ्तारी, बेटे को शहीद का दर्जा और नूंह का नाम बदलकर अभिषेक नगर रखने की अपील की है।

इसके अलावा अरविंद के परिजनों ने उसके नाम पर एक पार्क और एक सरकारी नौकरी की भी मांग की है। परिजनों का कहना है कि जब तक सरकार लिखित में आश्वासन नहीं देती, तब तक वह शव नहीं उठाएंगे और ना ही अंतिम संस्कार करेंगे। पानीपत सिविल अस्पताल में हजारों की संख्या में लोग पहुंचे हैं। सिविल अस्पताल एरिया में भारी संख्या में पुलिस फोर्स को बुलाकर तैनात किया गया है।

आपको बता दें कि सोमवार को पानीपत से यात्रा में शामिल होने के लिए 100 लोगों का जत्था गया था, जिस समय नूंह में हिंसा हुई पानीपत के श्रद्धालु भी वहां पर फंस गए थे। अभिषेक भी उन लोगों में से एक था। माहौल को बिगड़ता देख मौजूद महिलाओं और बच्चों को मंदिर में बंद कर दिया गया था जिसके बाद उन्हें प्रशासन की मदद से पुलिस लाइन में ले जाया गया और वहां से सुरक्षा में पानीपत भेजा गया।

पानीपत से यात्रा में शामिल होने गई प्रत्यक्षदर्शी सीमा वर्मा ने बताया कि उस समय का वहां का मंजर बहुत ही खतरनाक था और जिस समय हिंसा हुई उस समय पुलिस प्रशासन भी बहुत कम था। जिस समय हमला हुआ, उस अभिषेक जैसे ही युवाओं ने उन महिलाओं की जान बचाई है। महिलाओं को मंदिर में बंद कर देने के बाद निहत्थे अभिषेक जैसे युवा ही उनकी सुरक्षा कर रहे थे जिसमें पानीपत के बेटे अभिषेक ने भी अपनी शहादत दी है।

वहीं, विश्व हिंदू परिषद के आह्वान पर आज पानीपत के बाजार भी बंद रहेंगे। दरअसल, परिषद के जिला मंत्री पुनीत बत्रा ने सनौली रोड स्थित काशी गिरी मंदिर में एक मीटिंग का आयोजन किया था। जिसमें उन्होंने पानीपत बंद का आह्वान किया था। इस आह्वान में पानीपत संयुक्त व्यापार मंडल समिति के प्रधान राजेश सूरी और संयुक्त व्यापारी मंडल के प्रधान दर्शन लाल वधवा ने अपने-अपने दायरे में आने वाले बाजारों को बंद रखने के फैसले का समर्थन किया।

इधर, आर्य कॉलेज के सभागार में होने वाला व्यापार मंडल सम्मेलन भी रद्द कर दिया गया है। इसके अलावा नगर निगम की हाउस मीटिंग भी रद्द कर दी गई है। अधिकांश स्कूलों ने भी छुट्‌टी का ऐलान किया है। इसके अलावा बार एसोसिएशन ने भी वर्क सस्पेंड किया है। अभिषेक के पिता सतपाल ने दोषियों पर कड़ी कार्रवाई की मांग की। सभी की गिरफ्तारी होनी चाहिए। अपराधियों को ऐसा दंड मिला चाहिए कि आगे किसी के साथ कोई इस तरह का करने के बारे में सोचे भी नहीं।

मृतक अभिषेक का फ़ाइल फोटो

DC डॉ. वीरेंद्र कुमार दहिया ने जिला में कानून व शांति स्थापित करने के लिए दंड प्रक्रिया नियमावली 1973 की धारा 144 के तहत आदेश जारी किए हैं। आदेशानुसार जिला में किसी भी तरह के गैरकानूनी क्रियाकलापों, सड़कों को जाम करने, रास्तों को रोकने और 5 या 5 से ज्यादा लोगों के इकट्ठा होने पर बैन है।

इसके अतिरिक्त किसी भी तरह के आग्नेय अस्त्र, तलवार, लाठी, बरछा, कुल्हाड़ी, जेली, गंडासा, चाकू और ऐसे अन्य हथियार जो शांति भंग करने में काम आते हैं, को लेकर चलने पर पाबंदी लगाई गई है। यह आदेश पुलिस फोर्स और दूसरे ऐसे सरकारी ड्यूटी करने वाले व्यक्तियों पर लागू नहीं होंगे जो कानून व्यवस्था स्थापित करने के लिए ड्यूटी पर रहेंगे।

लाठी लेकर चलने वाले दिव्यांग और वे समुदाय जो लंबे समय से चले आ रहे कानून के अनुसार हथियार प्रदर्शित करने के हकदार हैं। उन पर भी ये आदेश लागू नहीं होंगे। लेकिन अगर कानून व्यवस्था भंग करने में उनका कहीं शामिल होना पाया जाता है तो उन लोगों पर भी ये आदेश लागू होंगे। यह आदेश तुरंत प्रभाव से लागू कर दिए गए हैं और कोई भी व्यक्ति अगर इन आदेशों की अवहेलना करते हुए पाया गया तो उसके विरुद्ध भारतीय दंड संहिता की धारा 188 के तहत कार्रवाई की जाएगी।

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