Saturday, May 11, 2024
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जन्माष्टमी पर बन रहा है शुभ संयोग, जानें बाल गोपाल की पूजा करने का शुभ मुहूर्त

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जन्माष्टमी का त्योहार बड़ी धूमधाम के साथ मनाया जाता है। एक महीने पहले से ही उत्सव की तैयारियां शुरु हो जाती है। इस साल 7 सितंबर 2023 को जन्माष्टमी मनाई जायेगी।

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भारत में जन्माष्टमी का त्योहार बड़ी धूमधाम के साथ मनाया जाता है। एक महीने पहले से ही इस उत्सव को मनाने की तैयारियां शुरु हो जाती है।  हर साल भाद्रपद महीने के कृष्‍ण पक्ष की अष्‍टमी तिथि को भगवान श्री कृष्ण के जन्मोत्सव के रुप में जन्माष्टमी का त्योहार मनाया जाता है। इस साल 7 सितंबर 2023 को जन्माष्टमी मनाई जायेगी।

जन्माष्टमी पर बन रहा है शुभ संयोग 

हिंदू  पंचांग के अनुसार भाद्रपद माह के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि 6 सितंबर 2023 की दोपहर 03:37 मिनट पर शुरू होगी और 7 सितंबर 2023 की शाम 04:14 मिनट पर समाप्त होगी। मान्यता के अनुसार गृहस्थ जीवन वाले लोग 6 सितंबर को जन्मोत्सव मनाएंगे। इस दिन रोहिनी नक्षत्र भी है, ऐसा अद्भुत संयोग बनना बहुत शुभ है। वहीं वैष्णव संप्रदाय में श्रीकृष्ण की पूजा 7 सिंतबर को की जाएगी।

जानिए पूजा का शुभ मुहूर्त 

बता दें कि भगवान श्रीकृष्ण की पूजा का शुभ मुहूर्त 6 सितंबर की मध्यरात्रि 12:02 से मध्यरात्रि 12:48 तक है।  इस तरह पूजा की अवधि केवल 46 मिनट की ही रहेगी। जबकि जन्माष्टमी व्रत पारण का समय 7 सिंतबर 2023 की सुबह 06:09 के बाद है।

बाल गोपाल की पूजन विधि 

जन्माष्टमी के दिन श्रीकृष्ण के बाल रुप की पूजा की जाती है। विधि विधान से उनका श्रृंगार करके पूजन किया जाता है।

  • इस दिन भगवान श्री कृष्ण को दूध और गंगाजल से स्नान करवाया जाता है और साथ ही नए वस्त्र पहनाए जाते हैं।
  • उनके लिए पालना सजाया जाता है और उसमें उन्‍हें झुलाया जाता है
  • इसके बाद उन्हें मोरपंख, बांसुरी, मुकुट, चंदन, वैजंयती माला, तुलसी दल आदि से सजाया जाता है।
  • इसके बाद उन्हें फल, फूल, मखाने, मक्खन, मिश्री का भोग, मिठाई, मेवे आदि अर्पित करें।
  • फिर भगवान श्री कृष्ण के सम्मुख दीप-धूप जलाएं।
  • आखिर में श्री कृष्ण के बाल स्वरूप की आरती उतारें और प्रसाद सभी में बांटे।
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