Basmati, पंजाब की बासमती अंतरराष्ट्रीय बाजार में अपना खोया रूतबा फिर से पाने की कोशिश कर रही है दरसल 2018 में यूरोपियन यूनियन के देशों ने बासमती के 100 कंटेनर वापस कर दिए थे.
क्योंकि बासमती की यह खेप टेस्टिंग के दौरान सैंपल फेल हो गए थे. कृषि विभाग ने एक पायलट प्रोजेक्ट के तहत अमृतसर के चौगावां ब्लॉक में एक्सपोर्ट क्वालिटी की ऑर्गेनिक बासमती पैदा करने की योजना पर काम शुरू कर दिया है.
इस प्रोजेक्ट के अधीन अमृतसर को एक्सपोर्ट जोन के तौर पर विकसित करने की कवायद शुरू हो गई है. इस जोन में बासमती की उन किस्मों की पैदावार होगी, जिनकी विदेशों, खासकर अरब देशों में ज्यादा मांग है.
यहां पैदा की जाने वाली बासमती में रासायनिक खाद, कीटनाशकों का कोई इस्तेमाल नहीं होगा. ताकी अंतरराष्ट्रीय मंडी में क्वालिटी चैक के दौरान सैंपल फेल न हो. इसकी टेस्टगीं के लिए लैबोरेटरी स्थापित होगी.
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आपको बता दें कि पिछले वर्ष की तुलना में 73 हजार हेक्टेयर रकबा इस बार बढ़ाया गया है, पिछले साल जिले में एक लाख आठ हजार हेक्टेयर भूमि पर बासमती की खेती की गई थी. लेकिन इस बार जिले में एक लाख 81 हजार हेक्टेयर भूमि पर खेती का लक्ष्य रखा गया है.
इसके अलावा पहली बार 365 किसान मित्र तैनात किए गए हैं, जो किसानों को कीटनाशकों के इस्तेमाल के बिना ऑर्गेनिक बासमती की बढ़िया पैदावार के तरीके बताएंगे.