चंडीगढ़। हरियाणा में विभिन्न खापों ने देश में एक ही गोत्र के विवाहों को गैर कानूनी घोषित करने की मांग की है। इसके लिए खापों के प्रतिनिधियों ने हिन्दू मैरिज एक्ट में बदलाव करने और सरकार की तरफ से एक ही गोत्र में शादी को मान्यता नहीं देने की मांग की है। एक ही गोत्र में शादी का समाज पर कितना गलत प्रभाव होता है और समाज में खापों का कितना महत्व है ये बताने के लिए मुख्यमंत्री मनोहर लाल के निर्देश पर भूमि बचाओ संघर्ष समिति के मुखिया रमेश दलाल ने खाप नेताओं व सामाजिक संगठनों के प्रतिनिधियों के साथ चंडीगढ़ में एफसीआर तथा पब्लिक रिलेशन डिपार्टमेंट के अतिरिक्त मुख्य सचिव राजेश खुल्लर के साथ बैठक की।
बैठक में रमेश दलाल ने कहा कि समगौत्र विवाह पर रोक न होने के कारण रिश्ते में बहन-भाई भी न्यायालय के माध्यम से शादी कर रहे हैं। जिसके कारण हरियाणा की संस्कृति तो नष्ट हो ही रही है, इसके अतिरिक्त ऐसे मामलों से दो परिवारों में खूनी जंग भी आरंभ हो जाती है। इस कानूनी खामी की वजह से समाज में व्यापक स्तर पर बुराई फैल रही है। हरियाणा में आए दिन ऑनर कीलिंग जैसी घटनाएं हो रही हैं। सरकार को समगौत्र शादियों पर रोक के लिए कानून बनाना चाहिए।
प्रतिनिधियों का कहना है कि खापों ने समय-समय पर जरूरत के अनुसार कई सामाजिक मुद्दों को आपसी बातचीत में सुलझाया है और उन मुद्दों को अदालत तक जाने की जरूरत नहीं पड़ी। इसलिए हम सरकार को बताना चाहते हैं कि एक ही गोत्र में शादी होने से नस्लें कमजोर होती हैं, इसलिए सरकार को एक ही गोत्र में विवाह को गैर कानूनी घोषित करना चाहिए। इसके लिए कई सालों से खापें मांग कर रही हैं और प्रधानमंत्री व मुख्यमंत्री को भी मांगपत्र सौंपे जा चुके हैं।
बैठक में सरकार की तरफ से राजेश खुल्लर ने कहा कि इस संबंध में सभी संगठन अपने-अपने सुझाव लिखित रूप में दें। उन्होंने कहा कि वह इन सुझावों को मुख्यमंत्री मनोहर लाल के समक्ष उठाएंगे। मुख्यमंत्री ही इस मामले में कार्यवाही आगे बढ़ा सकते हैं। दलाल ने आशा व्यक्त की कि 14 साल से सभी खापों की तरफ से यह मांग की जा रही है कि समगौत्र विवाह को अवैध करार दिया जाए।
प्रतिनिधिमंडल में आसौदा बारह के प्रधान कपूर सिंह दलाल, ओम सिंह मांडोठी, चांदराम बुपनियां, सतपाल मेहंदीपुर, जयप्रकाश मंडोरा, ईश्वर तुर्कपुर, कुंवर सिंह, सुरेंद्र दहिया, आनंद भडक़, जिला पार्षद जयदेव रोहतक और गरनावठी के सरपंच सतबीर प्रतिनिधिमंडल में शामिल थे।