Friday, May 10, 2024
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रोहतक कोर्ट के आदेश पर जब्त हुई डीईओ की गाडी, जाने क्या है वजह

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अधिवक्ता रजनीश सुंदरपुर ने बताया कि अदालत ने केस की सुनवाई करते हुए फिर से शिक्षक के पक्ष सुनाई करते हुए डीईईओ की गाड़ी जब्त करने के निर्देश दिए। इसके चलते अदालत की ओर से शिक्षा विभाग गए कर्मचारी अधिकारी से गाड़ी ले आए। इसे मालखाने के सुपुर्द कर दिया गया है।

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रोहतक। रोहतक कोर्ट के आदेश पर जिला मौलिक शिक्षा अधिकारी की सरकारी गाड़ी को जब्त की गई है। वजह यह कि शिक्षा विभाग के एक सेवानिवृत्त अध्यापक को पेंशन राशि का भुगतान नहीं करना जिला मौलिक शिक्षा अधिकारी (डीईईओ) को महंगा पड़ गया। सिविल जज अभिमन्यु राजपूत की अदालत ने गुरुवार को शिक्षक के केस में सुनवाई करते हुए डीईईओ की गाड़ी जब्त कर ली। इसे पुलिस के मालखाना के बाहर खड़ा किया गया है। आज शुक्रवार को इस केस में अगली सुनवाई होगी।

जानकारी के अनुसार एक रिटायर्ड जेबीटी शिक्षक को पेंशन संबंधी लाभ लेने के लिए कोर्ट का सहारा लेना पड़ा, लेकिन इन आदेशों की पालना में भी देरी हुई तो फिर से कोर्ट में ब्याज राशि समेत लाभ की याचिका लगाई गई। इस पर कोर्ट ने संज्ञान लेते हुए शिक्षा विभाग को ब्याज राशि देने के लिए आदेश दिए। इनकी पालना न करने पर गुरुवार को सिविल जज सिविल जज अभिमन्यु राजपूत की कोर्ट ने आदेश की पालना न करने के चलते जिला मौलिक शिक्षा अधिकारी की सरकारी गाड़ी को जब्त करवा दिया है। इसके चलते गुरुवार को सरकारी गाड़ी को जब्त कर कोर्ट परिसर में खड़ा कर दिया।

अपने वकील के साथ रिटायर्ड शिक्षक सूरत सिंह

एडवोकेट देवरत दलाल और रजनीश सुंदरपुर के अनुसार राजकीय प्राथमिक शिक्षक संघ हरियाणा के पूर्व प्रदेशाध्यक्ष एवं चाणक्यपुरी निवासी सूरत सिंह मलिक 31 मार्च 2011 को भैणी मातो स्कूल से जेबीटी शिक्षक के तौर पर रिटायर्ड हुए थे। उसी समय शिक्षा विभाग के एक क्लर्क ने इन पर गबन संबंधी एक झूठी शिकायत कर दी। इसके बाद विभाग ने जांच का हवाला देकर पेंशन संबंधी लाभ रोक दिए। हालांकि जांच में यह शिकायत झूठी निकली। यहां तक कि जिला शिक्षा अधिकारी ने भी कोर्ट में आकर स्वीकार किया कि पत्र पर उनके फर्जी हस्ताक्षर किए गए हैं।

इसके बाद यह मामला पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट में पहुंचा। ऐसे में 15 नवंबर 2013 के हाईकोर्ट के आदेश पर सूरत सिंह मलिक को पेंशन संबंधी आधे लाभ मिल गए। जबकि मलिक के खिलाफ कोई भी जांच लंबित नहीं थी। वर्ष 2017 में इस रिटायर्ड शिक्षक ने रोहतक की सिविल कोर्ट में केस किया। सिविल कोर्ट ने यह केस डिसमिस कर दिया। इसके बाद सेशन कोर्ट में अपील की गई। सेशन कोर्ट ने सूरत सिंह मलिक की याचिका को स्वीकार कर उसके पक्ष में फैसला सुनाया। इसके बाद यह मामला सिविल कोर्ट में चल रहा है। इसके बाद 9 मार्च 2022 को सिविल कोर्ट ने रिटायर्ड शिक्षक के पक्ष में फैसला सुनाया और शिक्षा विभाग को पेंशन संबंधी सभी प्रकार के लाभ ब्याज समेत देने के आदेश दिए। शिक्षा विभाग से करीब 3.50 लाख रुपए का भुगतान किया जाना है।

रिटायर्ड शिक्षक सूरत सिंह मलिक के वकील देवरत दलाल व रजनीश सुंदरपुर ने बताया कि जिला मौलिक शिक्षा अधिकारी को बकाया भुगतान के लिए नोटिस भेजे गए, लेकिन अधिकारी ने समय पर भुगतान नहीं किया। सही तरीके से जवाब भी नहीं दिया गया। बार-बार ग्रांट और बजट न होने का बहाना बनाया गया। इसके चलते अब कोर्ट ने जिला मौलिक शिक्षा अधिकारी की सरकारी गाड़ी नंबर एचआर 12 जीवी 2020 को जब्त करने के आदेश दे दिए। गुरुवार को कोर्ट के आदेशों की पालना करते हुए बेलिफ अधिकारी अनिल ने जिला मौलिक शिक्षा अधिकारी ने इस सरकारी गाड़ी को जब्त कर कोर्ट परिसर में खड़ा कर दिया है। अब इस मामले में आज फिर से सुनवाई होगी। वहीं जिला मौलिक शिक्षा अधिकारी ने भी इस बात की पुष्टि की।

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