Thursday, May 2, 2024
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हरियाणा स्वास्थ्य विभाग से नाराज हैं अनिल विज, सीएम से भी हो चुकी मुलाकात, लेकिन दूर नहीं हुई नाराजगी

अनिल विज की संबंधित अधिकारी के विरुद्ध कार्रवाई की इच्छा पूरी नहीं होने पर उन्होंने स्वास्थ्य विभाग की फाइलों को निकालना आरंभ नहीं किया है और सचिवालय के एक कमरे में सभी फाइलें बंद पड़ी हैं। इस विवाद को लगभग डेढ़ माह का वक्त बीत जाने के बावजूद अभी तक भी विज सेहत महकमे की फाइल नहीं निकाल रहे हैं।

चंडीगढ़। हरियाणा के स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज की नाराजगी अभी दूर नहीं हुई है। अनिल विज मुख्यमंत्री कार्यालय के एक बड़े अधिकारी द्वारा स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों की मीटिंग लेने से नाराज हैं। स्वास्थ्य मंत्री को इस बात पर अधिक आपत्ति है कि उन्हें भरोसे में लिए बिना ही अधिकारी ने स्वास्थ्य विभाग की मीटिंग ली है। स्वास्थ्य विभाग का कामकाज अटकने के बाद जब मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने बातचीत के लिए अनिल विज को बुलाया तो भी अभी तक विवाद का समाधान नहीं हो पाया है। मुख्यमंत्री जल्दी ही इस विवाद का समाधान कर सकते हैं।

स्वास्थ्य मंत्री ने मुख्यमंत्री मनोहर लाल से कहा है कि वे उनके नेतृत्व में काम करते हैं और उनकी ही हर बात मानेंगे। मुख्यमंत्री को न केवल स्वास्थ्य विभाग की मीटिंग बुलाने का अधिकार है। बल्कि विभाग में किसी भी कार्य को लेकर वे सीधे मंत्री से भी पूछताछ कर सकते हैं, लेकिन यह अधिकार मुख्यमंत्री से नीचे के किसी मंत्री या अधिकारी को नहीं दिया जा सकता। अनिल विज के पास जो रिपोर्ट पहुंची है, उसके मुताबिक मीटिंग लेने वाले अधिकारी ने यह भी कहा है कि स्वास्थ्य विभाग में सब कुछ ठीक नहीं चल रहा है और उन्हें केंद्र सरकार के एक वरिष्ठ मंत्री ने स्वास्थ्य विभाग की मीटिंग लेने को कहा है। अनिल विज इस बात से भी नाराज हैं कि स्वास्थ्य सचिव जी अनुपमा भी इस मीटिंग में शामिल हुई थी। उन्होंने भी मंत्री को इस मीटिंग की जानकारी नहीं दी।

विज की दलील है कि उनकी जानकारी के बिना यदि विभाग की मीटिंग कोई अधिकारी लेता है तो इसका अच्छा संदेश नहीं जाएगा और स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी मंत्री की किसी भी बात को हलके में लेने लगेंगे। जबकि अनिल विज की छवि एक दबंग और सख्त मंत्री की है। अनिल विज ने अपने स्तर पर जब केंद्र में यह पता कराया कि क्या केंद्रीय मंत्री के कहने पर मुख्यमंत्री कार्यालय के अधिकारी ने स्वास्थ्य विभाग की मीटिंग ली थी, तो संबंधित केंद्रीय मंत्री ने यह कहते हुए जवाब दिया कि यदि मुझे कोई दिशा-निर्देश देने होंगे तो वे मंत्री या मुख्यमंत्री से बात करेंगे, सीधे अधिकारी से बात करने का सवाल ही पैदा नहीं होता। पिछले दिनों मुख्यमंत्री के साथ हुई मीटिंग के दौरान अनिल विज ने अपनी सारी आपत्ति उनके सामने रख दी।

अनिल विज ने मुख्यमंत्री से कहा कि वे उनका सम्मान करते हैं और उनकी हर बात को स्वीकार करने के लिए तैयार और बाध्य हैं, लेकिन कोई अफसर यदि उनके काम में हस्तक्षेप करेगा तो उसे किसी स्वीकार नहीं किया जा सकता। अनिल विज की संबंधित अधिकारी के विरुद्ध कार्रवाई की इच्छा पूरी नहीं होने पर उन्होंने स्वास्थ्य विभाग की फाइलों को निकालना आरंभ नहीं किया है और सचिवालय के एक कमरे में सभी फाइलें बंद पड़ी हैं। इस विवाद को लगभग डेढ़ माह का वक्त बीत जाने के बावजूद अभी तक भी विज सेहत महकमे की फाइल नहीं निकाल रहे हैं।

पूरे विवाद में मुख्यमंत्री मनोहर लाल से मिले हुए भी एक सप्ताह का वक्त बीत चुका है लेकिन मामला जस का तस बना हुआ है। मुलाकात के बाद में मामले में गतिरोध टूट जाने के आसार बने थे लेकिन अभी भी फाइलों के ढेर लगे हुए हैं लेकिन स्वास्थ्य और गृह मंत्री विज अभी भी फाइलें निकालने के मूड में नहीं है, वे गतिरोध के बावजूद ठोस समाधान की उम्मीद व सीएम की ओर से उत्तर के इंतजार में हैं। स्वास्थ्य महकमे पर फाइलों का बोझ बढ़ रहा है, कई अहम कामकाज थमे हुए हैं।

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