Friday, May 3, 2024
Homeवायरल खबरआखिर क्यों दिल टूटने के बाद महसूस होती है डिप्रेशन और डेड...

आखिर क्यों दिल टूटने के बाद महसूस होती है डिप्रेशन और डेड फीलिंग्स जैसी समस्या , करें ये क्रिएटिविटी

- Advertisment -
- Advertisment -

दिल टूटने के बाद क्या आपको भी डिप्रेशन और डेड जैसी फीलिंग्स महसूस होती है। दरअसल ये तो तो पक्का है की जहां प्यार है वहा लड़ाई झगड़े होते रहते हैं। जिसके बाद कुछ रिश्ते संभल जाते हैं लेकिन कुछ का एक ही अंजाम ”रिश्ते का अंत ” होता है। जब दिल से भी अजीज रिश्तों का अंत होता है तो इंसान की ज़िंदगी एक दम से बिलकुल ही बदल जाती है। उस इंसान को महसूस होता है सिर्फ अकेलापन। ये अकेलापन धीरे -धीरे आपको डीप्रेशन और डेड फीलिंग्स की तरफ ले जाता है। कुछ लोगों में स्वयं ही सम्भलने की ताकत होती है लेकिन भोत सारे ऐसे होते हैं जो अपने आप को संभाल नहीं पातें हैं और ये सोचते रहते हैं की अचानक उनके साथ ये क्या हो गया। चलिए आज के गरिमा टाइम्स के इस लेख में आपको बताते हैं की ऐसी फीलिंग्स जब महसूस हो तो  आप इनसे कैसे छुटकारा पा सकते हैं।

pachhtava n karein
डिप्रेशन के कारण -ईगो
आपने अपनी अब तक की लाइफ में कहीं न कहीं ये देखा होगा की कभी कभार लम्बे समय से रिश्ते में बंधे लोगों का भी अचानक रिस्ता टूट जाता है। जिसके बाद हर कोई सोचने पर मजबूर हो जाता है की आखिर ऐसा क्या हुआ इतने सालों का रिश्ता टूट गया। आपको बता दें की लाइफ में उतार चढ़ाव आते रहते हैं लेकिन जो उन उत्तार चढ़ाव को हैंडल मिलकर कर लेते हैं हमेशा उनका रिश्ता कायम हो जाता है। लेकिन भोत से ऐसे रिस्तें होते हैं जिनमे ईगो बीच में आ जाती और सुब कुछ खत्म हो जाता है।

depression ka Ilaaj

अकेले रहना –
कभी कभार धोखा अपने किसी प्रिये दोस्त या पार्टनर से मिलने के बाद आप बिलकुल अकेले हो जाते हो और आपको ऐसे में मन करता है की बस कही सबसे दूर ऐसी जगह चली जाऊ जहां कोई न हो बस। आप ऐसे में किसी से अपनी बात शेयर नहीं करते और अकेले घुट घुट के जीना शुरू कर देते हैं। लेकिन ये अकेला रहना बिलकुल गलत है। ऐसे में आपको सिर्फ नेगेटिव फीलिंग्स आती हैं जो की आपके लिए बेहद खतरनाक होती हैं।

डीप्रेशन और डेड फीलिंग्स से कैसे पाए निजात

1. सबसे पहले इन समस्याओं से छुटकारा पाने के लिए आपको अपनी जो भी बात है उसको अपने पार्टनर से सुलझाने की कोशिश करें। लेकिन अगर बात सोल्व नहीं हो रही या आपको नहीं करनी तो आपको स्वयं को समझना चाहिए कि ऐसे दुखी रहने से कुछ नहीं होगा। ऐसे में कोई फायदा है भी नहीं किसी को समझाने का।

2. दूसरा आपकी समस्या में कोई आपकी मदद कर सकता है तो सबसे पहले वह आप  स्वयं हैं। क्योंकि आपकी भावनाओं और आपके दिमाग को आपसे ज्यादा बेहतर तरीके से कोई नहीं समझता। ऐसे में दिन का कम से कम 30 मिनट खुद के साथ बिताने का प्रयास करें। साथ ही अपनी हॉबी जैसे की पेंटिंग, डांसिंग, पोएट्री, किताबें पढ़ना इत्यादि को अपनी दिनचर्या में शामिल कर सकती हैं।

3 . प्रकृति के बीच समय बिताने से इंसान का मूड बूस्ट होता है। वहीं सुबह या शाम किसी भी वक्त टहलने की आदत बनाएं, वहीं प्रकृति के बीच वॉक करने से डिप्रेशन के लक्षणों में सुधार देखने को मिलता है। यह मेंटल डिसऑर्डर जैसे अन्य समस्याओं की संभावना को भी कम कर देता है। इसके अलावा खुद को जितना हो सके उतना सक्रिय रखने की कोशिश करें।

Self care

4. अपनी पसंदीदा कार्यों को करें
डिप्रेशन से ग्रसित व्यक्ति अक्सर थकान, सुस्ती और आलस महसूस करते हैं। ऐसे में उन चीजों को करने की कोशिश करें जो आपको पसंद हैं। वहीं हो सकता है यह आपके दिमाग को शांत रखे और आपको कुछ देर के लिए ही सही खुशी दे। वहीं यह आपके ऊर्जा के स्तर को बढ़ाएगा और आपके मूड को भी अपलिफ्ट करेगा, ताकि आगे आप नकारात्मकता को दूर रखने के लिए ऐसी अन्य गतिविधियों में भाग ले सकें।

5. खुद को शारीरिक रूप से सक्रिय रखें
खुद को सक्रिय रखने के लिए एक्सरसाइज और योग जैसी गतिविधियों में भाग ले सकती हैं। इसके साथ ही अपने मनपसंदीदा खेलों में भाग लें। यह आपके ध्यान को नकारात्मक चीजों से हटाने में मदद करेगा। यदि शुरुआत में सीधे एक्सरसाइज करने में परेशानी आ रही है, तो वाकिंग जैसी आसान गतिविधियों से शुरुआत करें। खुद को शारीरिक रूप से सक्रिय रखने से ब्लड पंप रहता है और यह आपको अंदर से तरोताजा महसूस करने में मदद करता है।

STRETCHING EXERCISE

6. मेडिटेशन करें
डिप्रेशन और एंग्जाइटी जैसी समस्याओं से निपटने का एक सबसे अच्छा उपाय है मेडिटेशन का अभ्यास करना। यदि आप डिप्रेशन से ग्रसित नहीं भी हैं, तो भी मेडिटेशन का अभ्यास करना आपके लिए फायदेमंद रहेगा। मेडिटेशन आपके मन को शांति रहने और सकारात्मक चीजों पर ध्यान केंद्रित रखने में मदद करता है।

- Advertisment -
RELATED NEWS
- Advertisment -
- Advertisment -

Most Popular