WHO on Cough Syrup Deaths: विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) कप सिरप को लेकर सख्ती दिखाई है। बीते दिनों ही उज्बेकिस्तान में भारत में निर्मित कफ सिरप पीने से कई बच्चों की मौत हो गई थी। विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने एक बार फिर से इस दवाई के इस्तेमाल को लेकर चेतावनी दी है। इस संबंध में विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने बयान जारी कर कहा है कि करीब 5 साल के 300 से ज्यादा बच्चों की जांबिया, इंडोनेशिया, उज्बेकिस्तान में मौत हुई। इनकी मौत का कारण किडनी की खराबी रहा और इसका ताल्लुक दूषित दवाई से था। कि खांसी के कुछ सिरप में डाइएथिलीन ग्लाइकोल और एथीलीन ग्लाइकोल की मात्रा ज्यादा पाई गई है, जो बच्चों में किडनी की खराबी का कारण बनी। इसके साथ विश्व स्वास्थ्य संगठन ने ग्लोबल मेडिकल अलर्ट भी जारी किया है।
WHO ने तुरंत एक्शन की अपील
नोएडा में स्थित कंपनी मैरियन बायोटेक की ओर से बनाए गए दो कफ सिरप (Cough Syrup)के पीने से बच्चों की मौत की पुष्टि हुई है। ऐसी जानलेवा दवाईयों के खिलाफ WHO ने तुरंत कार्रवाही की मांग की है। इन कप सिरप में डायथिलीन ग्लाइकॉल और एथिलीन ग्लाइकॉल का उच्च स्तर पाया गया था। संयुक्त राष्ट्र की स्वास्थ्य एजेंसी ने यह भी कहा कि फिलीपींस, तिमोर लेस्ते, सेनेगल और कंबोडिया संभावित रूप से प्रभावित हो सकते हैं क्योंकि उनके पास भी बिक्री के लिए ऐसी दवाएं हो सकती हैं। WHO ने कहा कि संगठन मेडिकल सप्लाई में लगे विभिन्न प्रमुख हितधारकों से तत्काल एक्शन लेने की अपील करता है।
डब्लूएचओ ने कहा है कि बाजार में मिलने वाले सभी मेडिकल उत्पाद, किसी सक्षम अथॉरिटी से अप्रूव होने चाहिए और उनके पास ऑथराइज्ड लाइसेंस भी होना चाहिए। मेडिकल उत्पादों के मार्केट सर्विलांस की सुविधा होनी चाहिए। इसमें अनौपचारिक बाजार भी शामिल है। अपने-अपने बाजार से ऐसी दवाईयों के सर्कुलेशन को रोकें, जिनमें जहरीले तत्व हैं और जो मौत का कारण बन सकते हैं। सभी सदस्य देशों को अपने अपने देश में दवाईयों की मैन्यूफैक्चरिंग साइट्स पर अंतरराष्ट्रीय मानकों के हिसाब से जांच के प्रावधान करने चाहिए।
विश्व स्वास्थ्य संगठन का कहना है कि खराब दवाईयों के मैन्यूफैक्चर और डिस्ट्रिब्यूटरों से निपटने के लिए देशों में पर्याप्त कानून होने चाहिए। अंतरराष्ट्रीय मानदंडों और मानकों के अनुसार अपने अधिकार क्षेत्र के भीतर निर्माण स्थलों के निरीक्षण और उसमें सुधार के लिए उचित संसाधन प्रदान करने की भी बात कही गई है। डब्ल्यूएचओ (WHO) ने घटिया और नकली दवाओं के निर्माण, वितरण या इस्तेमाल से निपटने में मदद करने के लिए उचित कानूनों को लागू करने की अपील की है।