भारत ने भू-राजनीतिक अनिश्चितताओं के बावजूद अपनी आर्थिक ताकत का ठोस प्रदर्शन करते हुए इस सप्ताह दावोस में आयोजित वार्षिक विश्व आर्थिक मंच (WEF) शिखर सम्मेलन में 20 लाख करोड़ रुपये से अधिक के निवेश प्रस्ताव प्राप्त किए। इन निवेश प्रस्तावों में महाराष्ट्र को सबसे अधिक लगभग 80 प्रतिशत हिस्सेदारी मिली।
मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस के नेतृत्व में महाराष्ट्र ने 15.7 लाख करोड़ रुपये के 61 समझौता ज्ञापनों पर हस्ताक्षर किए, जिससे राज्य में 16 लाख से अधिक रोजगार सृजित होने की संभावना है। तेलंगाना के मुख्यमंत्री रेवंत रेड्डी ने भी 1.80 लाख करोड़ रुपये के 20 समझौतों पर हस्ताक्षर किए, जबकि केरल और उत्तर प्रदेश ने भी अपनी योजनाओं का प्रदर्शन किया और महत्वपूर्ण निवेश प्राप्त किए।
आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री एन. चंद्रबाबू नायडू ने विभिन्न वैश्विक कंपनियों के सीईओ और देशों के प्रतिनिधियों के साथ उपयोगी बैठकें की और राज्य में निवेश के अवसरों के बारे में चर्चा की। इस दौरान, इंफोसिस ने हैदराबाद में अपनी उपस्थिति बढ़ाने की घोषणा की और 17,000 नई नौकरियां सृजित करने का वादा किया।
केंद्रीय रेलवे और इलेक्ट्रॉनिक्स एवं आईटी मंत्री अश्विनी वैष्णव ने भी WEF शिखर सम्मेलन में भारत के संतुलित आर्थिक दृष्टिकोण पर प्रकाश डाला, जिसमें विनिर्माण और सेवाओं दोनों पर ध्यान केंद्रित किया गया है। उन्होंने सेमीकंडक्टर और एआई जैसे क्षेत्रों में भारत की प्रगति की बात करते हुए कहा कि भारत जल्द ही सेमीकंडक्टर उद्योग के शीर्ष तीन गंतव्यों में शामिल होगा। उन्होंने यह भी कहा कि भारत की क्षमता वैश्विक स्तर पर अभिनव अनुप्रयोग और समाधान विकसित करने की है, जो उद्योगों की जरूरतों को पूरा करेंगे।