Thursday, May 2, 2024
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धरना प्रदर्शन करने वाले पहलवानों को मिली ट्रायल में छूट पर फूटा जूनियर कुश्ती खिलाड़ियों का गुस्सा

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सांसद बृजभूषण पर यौन शोषण के आरोप लगाने वाली साक्षी मलिक समेत दूसरे अंतरराष्ट्रीय पहलवानों पर रोहतक के छोटूराम खेल स्टेडियम में अभ्यास करने वाले पहलवानों ने अपना गुस्सा उतारा।

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रोहतक। सांसद बृजभूषण पर यौन शोषण के आरोप लगा कर धरना प्रदर्शन करने वाले साक्षी मालिक सहित 6 पहलवानों को मिली ट्रायल में छूट से जूनियर पहलवानों और उनके परिजनों में जबरदस्त गुस्सा है। इसी वजह से साक्षी मलिक समेत दूसरे अंतरराष्ट्रीय पहलवानों पर रोहतक के छोटूराम खेल स्टेडियम में अभ्यास करने वाले जूनियर पहलवानों ने अपना गुस्सा उतारा। एक सुर में लामबंद होते हुए स्थानीय जूनियर पहलवानों ने इंटर नेशनल रेसलर के खिलाफ जमकर नारेबाजी की।

जूनियर पहलवानों ने कहा कि क्या ट्रायल से छूट लेने के लिए ही सांसद बृजभूषण पर यौन शोषण के आरोप लगाकर आंदोलन शुरू किया था। पहलवानों ने कहा कि साक्षी मलिक समेत दूसरे पहलवानों को हमारे साथ ही विभिन्न अंतर राष्ट्रीय प्रतियोगिताओं के लिए ट्रायल में शामिल किया जाना चाहिए। ताकि उनके दो-दो हाथ ट्रायल के दौरान पूरी दुनिया देखती। रेसलर ने कहा कि साक्षी और दूसरे पहलवानों को छूट क्यों दी गई? यह सरासर हमारे साथ अन्याय है।

कुश्ती खिलाड़ियों ने कुश्ती फेडरेशन की एडहॉक कमेटी से सवाल किया है कि आखिर कमेटी बताएं कि इनको किस आधार पर छूट दी गई है। अगर ऐसे ही चलता रहा तो आने वाले समय में कुश्ती खिलाड़ियों का भविष्य क्या होगा। इस पर सवाल उठना लाजमी है। खिलाड़ियों का कहना है की एक खिलाड़ी चार से पांच कुश्ती लड़ने के बाद फाइनल में पहुंचेगा और यह 6 खिलाड़ी सिर्फ एक कुश्ती लड़ेंगे आखिर ऐसा क्यों। सभी लोग पसीना बहाते हैं, मेहनत करते हैं सिर्फ इसलिए कि वह भी कुश्ती के क्षेत्र में कोई मुकाम हासिल करें। लेकिन इन धरना प्रदर्शन करने वाले खिलाडियों को लगता है किसी को भी आगे आना नहीं देखना चाहते। बृजभूषण के खिलाफ बैठे धरने की पोल दुनिया के सामने खुल गई है साफ हो गया है कि आखिर इनका मकसद क्या था।

खिलाड़ियों ने कहा कि इतने लंबे समय से लगातार एक्सरसाइज कर रहे हैं कि इंटरनेशनल स्पर्धाओं में हम भी देश के खेलें और पदक जीतकर लाएं। लेकिन अब हम देश के लिए पदक लाने में कैसे सफल होंगे। क्योंकि सीनियर खिलाड़ियों को ट्रायल से छूट दे दी गई है और अब वे पहलवानों ही इंटरनेशनल प्रतियोगिता में भाग ले सकेंगे। खिलाड़ियों ने दो टूक कहा कि अगर जूनियर हमारे ज्यादा काबिल हैं तो उन्हें भी ट्रायल देनी चाहिए।

पहलवान मनीषा

छोटूराम स्टेडियम में खिलाड़ी मनीषा ने कहा कि वह साक्षी मलिक को कुश्ती में हरा चुकी है। मनीषा वर्ल्ड चैंपियनशिप, 2022 में सीनियर नेशनल में जीत चुकी है। मनीषा का कहना है कि ट्रायल में छूट देना गलत है, क्योंकि इससे किसी दूसरे का अवसर छिन जाता है। जबकि हर खिलाड़ी को एक अवसर मिलना चाहिए। काबलियत के अनुसार आगे बढ़ने का मौका मिलना चाहिए। वे ट्रायल में छूट देने के खिलाफ खेल मंत्री से मिलेंगे।

पहलवान सारिका

जूनियर एशिया खिलाड़ी सारिका भी खेल ट्रायल में छूट देने पर नाराजगी जताई है। 2022 में कॉमनेवल्थ गेम्स में ब्रॉन्ज मेडल जीत चुकी पूजा गहलोत का कहना है कि सभी खिलाड़ी मेडल हासिल करने के लिए बराबर मेहनत करते हैं तो सभी को बराबर मौका मिलना चाहिए। ट्रायल में छूट देना सरासर गलत है।

अंतरराष्ट्रीय जूनियर खिलाडियों के साथ उनके परिजन भी इन छह खिलाड़ियों की को मिली छूट के विरोध में उतर आए हैं। खिलाड़ी और उनके परिजनों ने साफ कहा है कि धरने पर बैठने का इनका मकसद दुनिया के सामने साफ हो चुका है यह हमेशा जूनियर खिलाड़ियों का हक मारना चाहते हैं। यह सब ना तो कुश्ती के हितैषी हैं और ना ही कुश्ती खिलाड़ियों के। कुश्ती खिलाड़ी और उनके परिजनों ने इस छूट के खिलाफ अंत तक लड़ने का फैसला किया है।

परिजनों ने कहा कि वे एडहॉक कमेटी से पूछना चाहते हैं कि आखिर इनको ट्रायल में छूट किस आधार पर दी गई है। अगर आंदोलन पर बैठकर ही छूट मिलती हो तो सभी खिलाड़ी आंदोलन पर बैठ जाएंगे और वह सीधे चैंपियनशिप चले जाएंगे। बजरंग पुनिया और इन लोगों का समय निकल गया है इसलिए यह शॉर्टकट रास्ता अपना रहे हैं। यह लोग सिर्फ अपने लिए धरने पर बैठते हैं और अपना काम निकालते हैं। परिजनों का कहना है कि वह भी अपने बच्चों पर पैसा खर्च और मेहनत इसलिए करवाते हैं ताकि वह भी 1 दिन ओलंपिक खेल में, अंतरराष्ट्रीय चैंपियनशिप खेलें । लेकिन यह 6 खिलाड़ी दूसरे खिलाड़ियों का हक मारने पर तुले हुए हैं।

ध्यान रहे कि कमेटी ने महिला पहलवानों के कथित यौन शोषण मामले में इंडियन रेसलिंग फेडरेशन ऑफ इंडिया के पूर्व प्रमुख बृजभूषण शरण सिंह की गिरफ्तारी की मांग कर रहे छह पहलवानों को ट्रायल में छूट देने का फैसला किया था। इनमें साक्षी मलिक, बजरंग पूनिया, विनेश फोगाट, संगीता फोगाट, सत्यव्रत कादियान और जितेंद्र किन्हा शामिल हैं। इससे पहले शुक्रवार को ही सोशल मीडिया पर भी आंदोलनकारी पहलवानों को ट्रायल से छूट देने का मामला काफी ट्रेंड हुआ। पहलवान योगेश्वर दत्त ने इंडियन ओलंपिक एसोसिएशन (आईओए) की एडहॉक कमेटी के एक फैसले से नाराज होकर उस पर सवाल उठाए हैं। पहलवान विनेश फोगाट ने उनके सवाल का जबाव दिया है, जिसकी सोशल मीडिया पर खूब चर्चा है।

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