Saturday, May 18, 2024
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बीजेपी नेता के गुरुद्वारे उखाड़ने के बयान पर भड़के जत्थेदार, बोले- गुरुद्वारे न होते तो…

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राजस्थान के तिजारा में बीजेपी की रैली के दौरान सरकार आने पर गुरुद्वारा साहिब उखाड़ दिए जाने वाले बयान पर पंजाब में विरोध बढ़ता जा रहा है। शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के बाद अब तख्त श्री दमदमा साहिब के मौजूदा जत्थेदार सिंह साहिब ज्ञानी हरप्रीत सिंह ने भी अपनी प्रतिक्रिया व्यक्त की है। अमृतसर में प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान ज्ञानी हरप्रीत सिंह ने कहा कि राजस्थान में बीजेपी रैली के दौरान गुरुद्वारा साहिबों को उखाड़ने का बयान बेहद निंदनीय है।

जत्थेदार ज्ञानी हरप्रीत सिंह ने कहा कि बीजेपी की इस रैली में जब यह बयान दिया गया, उस वक्त मंच पर यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भी बैठे थे. यह उनकी जिम्मेदारी थी कि वह उसी समय और उसी मंच से ऐसे घृणित बयान का विरोध करते, लेकिन दुख की बात है कि एक राज्य के मुख्यमंत्री होने के बावजूद वह इस घटना का हिस्सा बन गये हैं। उन्होंने कहा कि इतिहास गवाह है कि कांग्रेस ने भी अपनी सिख विरोधी विचारधारा के तहत गुरुधामों पर हमला किया था और अब भाजपा भी उसी रास्ते पर चलती नजर आ रही है।

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ज्ञानी हरप्रीत सिंह ने आगे कहा कि इस घटना को लेकर शिरोमणि कमेटी ने केंद्र को पत्र लिखकर इस मामले पर विरोध दर्ज कराया है। इस मामले पर मुख्यमंत्री आदित्यनाथ योगी को भी माफी मांगनी चाहिए. उन्होंने कहा कि अगर गुरुद्वारा साहिब न होता तो उत्तर भारत मुस्लिम होता।

उन्होंने कहा कि आपसी फूट के कारण सिखों को न्याय नहीं मिल रहा है। सिखों की लघु संसद शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी को पुरजोर तरीके से कमजोर करने की साजिशें रची जा रही हैं। उन्होंने कहा कि एक समय था जब शिरोमणि कमेटी अध्यक्ष बोलते थे तो प्रधानमंत्री तक को जवाब देना पड़ता था, लेकिन अब शिरोमणि कमेटी अध्यक्ष को पत्र लिखना पड़ता है और फिर भी कोई कार्रवाई नहीं हो रही है।

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