चंडीगढ़। नूंह हिंसा से हरियाणा का कोना कोना सुलग रहा है। इस हिंसा में अब तक दो होमगार्ड सहित 5 लोगों की जान चली गई है। 15 से अधिक लोग गंभीर रूप से घायल हैं। इनमे से दो गंभीर रूप से घायल युवकों को रोहतक पीजीआई में लाया गया है। एक युवक के मोबाईल नंबर के आधार पर उसकी पहचान अजय के रूप में हुई है और दूसरे युवक का अभी कुछ पता नहीं चला है। पुलिस फ़ोर्स की गाडी मंगलवार सुबह दोनों को लेकर आई है।
इसी बीच हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने नूंह में उत्पन्न हुई स्थिति को लेकर बैठक बुलाई है। वे 1 बजे मुख्यमंत्री आवास संत कबीर कुटीर पर गृह मंत्री अनिल विज के साथ बैठक करेंगे। बैठक में प्रदेश के मुख्य सचिव, पुलिस महानिदेशक समेत तमाम प्रशासनिक अधिकारी भी मौजूद रहेंगे। इसके साथ ही नूंह और प्रदेश में शांति बहाली के लिए नूंह उपायुक्त कैंप कार्यालय में अमन कमेटी की बैठक चल रही है।
हिंसा के समय मेवात के एसपी छुट्टी पर थे लेकिन पलवल के एसपी के पास दोनों जिलों का चार्ज था और वह मौके पर उपस्थित है और लोगों को रेस्कयू करने के लिए वह फोर्स लेकर वहां पहुंचे हैं। कुछ घायलों को रेवाड़ी के अस्पताल, दो गंभीर लोगों को रोहतक और अन्य सभी घायल पुलिसकर्मियों का मेदांता हॉस्पिटल में इलाज चल रहा है। हिंसा में होमगार्ड नीरज (थाना खेड़की दौला) व होमगार्ड गुरसेवक (थाना खेड़की दौला) की मौत हो गई।
आज सुबह हरियाणा के गृह मंत्री अनिल विज ने विपक्ष द्वारा उठाए गए सवालों का जवाब देते हुए कहा ये राजनीति समय करने का नहीं है। समय आने पर विपक्ष के हर प्रश्न का उत्तर दिया जाएगा। अभी हमारे पहली प्राथमिकता नूंह में शांति बहाल करना और स्थिति को नियंत्रण में करना हो। वो हम कर रहे हैं। हमने फरीदाबाद गुरुग्राम, झज्जर, पलवल से पुलिस रवाना कर दी गई है। 20 कंपिनयां हमें केंद्र की तरफ से दी गई। जिनमे से 13 कंपनिया पहुंच चुकी है और बाकी भी पहुंचना शुरू हो गई हैं। एयरफोर्स को भी स्टैंड बाय में रखा गया है। अगर किसी दूसरे राज्य से फोर्स से मंगवानी पड़ी तो मंगवाई जाएगी।
गृह मंत्री अनिल विज का कहना है कि ये कोई हिंसा नहीं है, बल्कि सोची-समझी साजिश के तहत इसे प्लान किया गया था। इसके पीछे कोई न कोई मास्टमाइंड है। अधिकारियों को मामले की जांच के आदेश दे दिए गए हैं और जो भी दोषी पाया जाएगा उसे बिलकुल भी बख्शा नहीं जाएगा। विज ने सभी राजनीतिक पार्टियों से भी शांति बनाए रखने की अपील की है। जहां-जहां भी लोग फंसे हुए हैं उन्हें रेस्क्यू किया जा रहा है और वहां पर अतिरिक्त फोर्स भेजी जा रही है। हिसार, भिवानी, रोहतक, रेवाड़ी के लोगों को सुरक्षित निकाल लिया गया है और उनके घरों को रवाना कर दिया गया है।
पुलिस प्रशासन अब आरोपियों को सबक सिखाने सबक सिखाने में जुट गया है। जिनकी वजह से यह सारा बवाल खड़ा हुआ है। शोभा यात्रा पर पथराव करने तथा आगजनी करने वालों की पहचान की जा रही है, तो इस नौबत को यहां तक पहुंचाने वाले लोगों पर भी सख्ती का डंडा जल्द सकता है। पूरे जिले के अलग – अलग खंडों में डयूटी मजिस्ट्रेट की नियुक्ति की गई है।
देर रात भी उपायुक्त प्रशांत पवार तथा नरेंद्र सिंह बिजारनिया आईपीएस ने इलाके के गणमान्य लोगों के साथ बैठक की थी और प्रशासन का सहयोग करने के साथ – साथ इलाके में शांति बहाल करने में मदद की अपील की थी। लोगों ने भी जिला प्रशासन और पुलिस प्रशासन को भरोसा दिलाया है कि जो सदियों पुराना भाईचारा है उसे बहाल करने में वह अपनी तरफ से जी तोड़ कोशिश करेंगे।
हरियाणा का मेवात-नूंह इलाका गो-तस्करी के विवाद में पहले से बेहद संवेदनशील रहा है। ये इलाका देश की राजधानी से सिर्फ डेढ़ घंटे की दूरी पर है। मेवात जैसे इलाके में धार्मिक यात्रा पर पथराव हुआ। मंदिर को घेरकर हमले का दावा किया गया। दावा किया गया कि सैकड़ों लोग मंदिर में फंस गए। जिन्हें बाद में रेस्क्यू तक किया गया।
बताते चले गुड़गांव से सटे नूंह में सोमवार को शोभायात्रा पर पथराव के बाद हालात तनावपूर्ण हो गए। देखते ही देखते बवाल पत्थरबाजी, गोलीबारी और आगजनी में तब्दील हो गया। इस हिंसा में दो होमगार्ड जवान की मौत हो गई जबकि डीएसपी सहित 10 पुलिस अधिकारी व कर्मचारी घायल हैं। इसके अलावा 60 से ज्यादा यात्रा में शामिल होने गए यात्रियों और नागरिकों के घायल होने की खबर है। भीड़ को काबू करने के लिए पुलिस ने आंसू गैस के गोले छोड़े। हालात को काबू करने के लिए गुड़गांव, फरीदाबाद और पलवल से फोर्स भेजी गई। इंटरनेट सेवाएं अगले आदेश तक के लिए बंद कर दी गई हैं। नूंह जिले की सीमाएं सील कर दी गई हैं।