Wednesday, May 1, 2024
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Lok Sabha Election 2024 : सोशल मीडिया पर कड़ी नजर, आचार संहिता का उल्लंघन करने वालों के खिलाफ होगी सख्त कार्रवाई

Lok Sabha Election 2024 : हरियाणा के मुख्य निर्वाचन अधिकारी अनुराग अग्रवाल ने कहा कि लोकसभा चुनाव को प्रदेश में पारदर्शी और निष्पक्ष ढंग से संपन्न करवाने को लेकर हरियाणा के सभी जिलों व मुख्य निर्वाचन कार्यालय का प्रशासन पूरी तरह से गंभीर है। आदर्श आचार संहिता की पालना को लेकर भारत निर्वाचन आयोग के निर्देशानुसार साइबर सैल सहित विभिन्न टीमों द्वारा सोशल मीडिया पर भी कड़ी निगरानी रखी जा रही है। सोशल मीडिया के माध्यम से प्रसारित विज्ञापनों का खर्चा भी संबंधित उम्मीदवार या पार्टी के खाते में जोड़ा जाएगा।

उन्होंने बताया कि आचार संहिता के दौरान कोई भी उम्मीदवार व पार्टी प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से भ्रामक चुनाव सामग्री का प्रसारण नहीं कर सकते। आदर्श चुनाव आचार संहिता की उल्लंघना नहीं होने दी जाएगी, यदि कोई ऐसा करता है तो उनके खिलाफ नियमानुसार कार्रवाई अमल में लाई जाएगी।

चुनाव संपन्न होने तक आदर्श आचार संहिता लागू रहेगी

अनुराग अग्रवाल ने बताया कि चुनाव संपन्न होने तक आदर्श आचार संहिता लागू रहेगी। किसी भी व्यक्ति को आचार संहिता के उल्लंघन करने की इजाजत नही है। आचार संहिता की पालना को लेकर विभिन्न टीमों का गठन किया गया है। इन टीमों द्वारा कड़ी निगरानी की जा रही है। टीमों की यूट्यूब, इस्ट्राग्राम, फेसबुक व वाट्सएप ग्रुप आदि सोशल मीडिया पर भी पैनी नजर है। उन्होंने बताया कि चुनाव के दौरान अखबार, टेलीविजन व रेडियो की तरह सोशल मीडिया पर भी चुनाव के दौरान प्रचार किया जाता है, जिस पर राशि खर्च होती है। यह खर्च संबंधित प्रत्याशी या पार्टी के खाते में जोड़ा जाता है। उन्होंने बताया कि निर्वाचन आयोग के निर्देशों पर जिला में गठित टीमें इस बार चुनाव के दौरान सोशल मीडिया पर भी नजर रखेंगी और किसी भी तरह का विज्ञापन मिलने पर उसकी रिपोर्ट खर्च के ब्यौरे सहित खर्चा निगरानी टीम को देंगी। रिपोर्ट के आधार पर संबंधित उम्मीदवार या पार्टी के खाते में उस विज्ञापन का खर्चा जोड़ दिया जाएगा।

उन्होंने बताया कि चुनाव के दौरान सोशल मीडिया की निगरानी भी बहुत जरूरी है। सोशल मीडिया पर भी कई बार चुनाव के दौरान यू-ट्यूब वीडियो प्लेटफॉर्म आदि पर उम्मीदवार व पार्टी चुनाव का प्रचार करते हैं। निगरानी टीम को यदि ऐसे वीडियो मिलते हैं जो अपनी खबरों से किसी प्रत्याशी या राजनीतिक दल का एकतरफा जीत का दावा या समर्थन करते हों या जाति, धर्म विशेष के पक्ष में या कोई भ्रामक सामग्री दर्शाते हों, आदर्श आचार संहिता का उल्लंघन करते हों तो उस स्थिति में संबंधित यू-टयूब चैनल चलाने वाले के खिलाफ आईटी एक्ट के तहत कार्यवाही की जाएगी।

मुख्य निर्वाचन अधिकारी ने बताया कि आदर्श आचार संहिता एक समान रूप से सभी पर लागू होती है, जिसमें समाचार पत्र, टेलीविजन, रेडियो और सोशल मीडिया भी शामिल है। आयोग के निर्देशों के अनुसार मीडिया के सभी माध्यमों में चुनाव में एक समानता होनी चाहिए। मीडिया में प्रकाशित या प्रसारित होने वाली खबर किसी एक पक्ष में न होकर केवल खबर ही होनी चाहिए। किसी एक पक्ष में खबरें छापने या चलाने से परहेज किया जाए, जो किसी धर्म, जाति या समुदाय के पक्ष एवं विपक्ष में हों।

विज्ञापन प्रकाशित करवाने से पहले एमसीएमसी कमेटी के माध्यम से अनुमति लेनी जरूरी

उन्होंने बताया कि समाचार पत्र या चैनल पर कोई भी विज्ञापन प्रकाशित करवाने से पहले एमसीएमसी कमेटी के माध्यम से अनुमति लेनी जरूरी है, उसी प्रकार से सोशल मीडिया पर दिए जाने वाले विज्ञापन या अन्य प्रसार सामग्री डालने के लिए भी प्रशासन की अनुमति जरूरी है। निर्वाचन आयोग के निर्देशानुसार किसी भी रूप में विज्ञापन का खर्च संबंधित प्रत्याशी या पार्टी के खाते में जाता है। इसके साथ ही किसी भी व्यक्ति को सोशल मीडिया के माध्यम से भ्रामक प्रचार-प्रसार करने व आदर्श आचार संहिता का उल्लंघन करने की इजाजत नहीं है।

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