Friday, April 26, 2024
Homeस्वास्थ्यH3N2 Flu: बहुत खतरनाक है इन्फ्लुएंजा वायरस, खांसी, जुकाम या बुखार को...

H3N2 Flu: बहुत खतरनाक है इन्फ्लुएंजा वायरस, खांसी, जुकाम या बुखार को न करें नजरांदाज

कोविड जाता नजर आ रहा है लेकिन दूसरा वायरल इन्फेक्शन अब चिंता बढ़ाने लगा है। हरियाणा में इन्फ्लूएंजा वायरस के A सबटाइप H3N2 के मामले बढ़ रहे हैं। कई मामलों में संक्रमितों को गंभीर बीमारी हो रही है। इसके लक्षण भी कोविड के जैसे ही हैं। इसलिए जानना जरूरी है कि ये कितना खतरनाक है? अचानक से क्यों बढ़ रहे हैं सर्दी-खांसी और बुखार के मामले?

रोहतक। H3N2 Flu: हरियाणा के ज्यादातर हिस्सों में लोग फ्लू जैसी परेशानियों से पीड़ित हैं। लगभग हर कोई बुखार, खांसी, बहती नाक और बदन दर्द से पीड़ित है। बदलते मौसम में मौसमी फ्लू हो सकता है। अब भारत में H3N2 इन्फ्लूएंजा के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं। हरियाणा में भी इस वायरस की दस्तक ने सरकार और स्वास्थ्य विभाग की चिंता बढ़ा दी है। हरियाणा के गृह एवं स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज ने भी लोगों को अवेयर होने की नसीहत दी है। आपको बता दें अभी तक हरियाणा में मामले रिपोर्ट हुए हैं।

स्वास्थ्य मंत्री ने कहा स्वास्थ्य विभाग अलर्ट है और लोग भी गाइडलाइंस को भी माने, ताकि वायरस को बढ़ने से रोका जा सके। हरियाणा स्वास्थ्य विभाग ने बचाव के लिए एडवाइजरी जारी की है। रिपोर्ट्स की मानें तो लोगों में फ्लू के लक्षणों में इस तेजी से वृद्धि के पीछे एक मुख्य कारण ज्यादा ठंड से गर्म मौसम में तेजी से बदलाव है। डब्लूएचओ की मानें तो H3N2 इन्फ्लुएंजा ए वायरस का एक वैरिएंट है, जो मुख्य रूप से मनुष्यों को प्रभावित करता है। इसके लक्षण बेहद सामन्य है।

डॉक्टरों का कहना है कि खांसी जुकाम और बुखार को इस समय हलके में लेना खतरनाक हो सकता है, क्योंकि तेजी के साथ फैल रहे इनफ्लुएंजा वायरस के भी यही मुख्य लक्षण है। जोकि मरीज की स्थिति को खराब कर सकते हैं। यही कारण है डॉक्टरों की ओर से इस समय खांसी, जुकाम और बुखार होने पर केमिस्ट के भरोसे न रहकर डॉक्टर को दिखाकर दवा लेने की सलाह दी जा रही है।

डॉक्टर्स का कहना है कि बहुत से लोग खांसी, जुकाम और बुखार होने पर केमिस्ट के पास जाते हैं और उसे अपनी स्थिति बताकर दवाई ले जाते हैं। परंतु बिना जांच के केमिस्ट को यह जानकारी नहीं होती है कि आखिर मरीज की स्थिति किस तरह की और कौन सी दवाई किस बीमारी में कारगर साबित होगी। वहीं केमिस्ट अपने हिसाब से बिना कोई जांच किए दवाई दे देगा। जो कि खतरनाक साबित हो सकता है। जबकि डॉक्टर मरीज की स्थिति को देखते हुए टेस्ट का सुझाव भी दे सकता है और उचित दवा भी उपलब्ध करवा सकता है।

डॉक्टर ने बताया कि ठंड लगना, खांसी, बुखार, जी मिचलाना, उल्टी, गले में दर्द, गले में खराश, मांसपेशियों और शरीर में दर्द, छींक आना और नाक बहना इसके सामान्य लक्षण हैं। अगर किसी मरीज को सांस लेने में तकलीफ, सीने में दर्द या बेचैनी महसूस होती है, लगातार बुखार और भोजन करते समय गले में दर्द होता है, तो उसको डॉक्टर को दिखाना बहुत जरूरी है। इससे बचने के लिए पल्स ऑक्सीमीटर की मदद से लगातार ऑक्सीजन लेवल चेक करते रहना चाहिए। अगर ऑक्सीजन लेवल 95 फीसदी से कम है, तो डॉक्टर के पास जाना अनिवार्य है। अगर ऑक्सीजन लेवल 90 प्रतिशत से कम है, तो बहुत अधिक देखभाल की जरूरत हो सकती है। इसके साथ ही अपने हाथों को नियमित रूप से पानी और साबुन से धोते रहें।

वहीँ चंडीगढ़ स्वास्थ विभाग की ओर से जारी एडवाइजरी में इन्फ्लुएंजा A को गर्भवती महिलाओं के लिए ज्यादा खतरनाक बताया गया है। ऐसे में गर्भवती महिलाओं के स्वास्थ्य का विशेष ध्यान रखने की जरूरत है। एक्सपर्ट्स के अनुसार H3N2 वायरस बच्चों, गर्भवती महिलाओं, बुजुर्गो को आसानी से अपनी चपेट में ले लेता है। ऐसे में बच्चों, बुर्जुर्गों और गर्भवती महिलाओं को इस वायरस से ज्यादा खतरा है। H3N2 वायरस फैलता कोरोना की तरह ही तेजी से ही है. किसी संक्रमित व्यक्ति के खांसने, छीकने या अन्य किसी तरह से संपर्क में आने पर H3N2 वायरस फैलने के चांस काफी ज्यादा हैं।

एक्सपर्ट की माने तो H3N2 वायरस कोरोना से अलग है। कोराना निचले रेस्पिरेटरी ट्रैक्ट यानी श्वसन मार्ग को प्रभावित करता है। जबकि H3N2 वायरस ऊपरी रेस्पिरेटरी ट्रैक्ट को प्रभावित करता है। ये संक्रमण संक्रमित व्यक्ति के थूक की ड्रॉपलेट्स से फैलता है। इस संक्रमण को रोकने के लिए सही सफाई बनाए रखना जरूरी है।

  • इसके लिए फेस मास्क पहनें और भीड़-भाड़ वाली जगहों से बचें।
  • अपने हाथों को साबुन और पानी से धोएं, खासकर खाने से पहले और कहीं यात्रा के बाद, अपनी नाक और मुंह को छूने से बचें।
  • खांसते और छींकते समय अपनी नाक और मुंह को अच्छी तरह से ढक लें।
  • अगर आप अपने हाथ नहीं धो सकते हैं तो हैंड सैनिटाइजर का इस्तेमाल करें।
  • खुद के बचाव के लिए संक्रमित लोगों के पास जाने से बचें।
  • खूब सारे तरल पदार्थों का सेवन करें।
  • बुखार और बदन दर्द होने पर पैरासिटामोल लें। कैमिस्ट की सलाह पर कतई एंटीबयोटिक मेडिसन का इस्तेमाल न करें, केवल डॉक्टर की सलाह से ही लें।
- Advertisment -
RELATED NEWS

Most Popular