Tuesday, May 7, 2024
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सेना के जवानों के नाम पर हो रही साइबर ठगी, रोहतक एसपी ने जारी की एडवाइजरी

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इंटरनेट पर सक्रिय शातिर लोग सेना के जवान नाम को ठगी का माध्यम बना रहे हैं। ऐसे गिरोह के सदस्य खुद को सेना का जवान बताकर घर, कमरा, जमीन को किराए पर लेने के लिए सोशल मीडिया, वेबसाइट आदि पर विज्ञापन जारी कर लोगों को ठगी का शिकार बनाते है। लोग उन पर भरोसा करके आसानी से जाल में फंसकर उनकी ठगी का शिकार हो रहे हैं।

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रोहतक। साइबर ठगी करने वाले गिरोह आए दिन लोगों को तरह तरह के झांसे देकर ठग रहे हैं। ठगी करने वाले आरोपित सेना के जवान बनकर भी वारदातों को अंजाम दे रहे हैं। ऐसी शिकायत सामने आने के बाद एसपी उदय सिंह मीना ने एडवाइजरी जारी की है।

एडवाइजरी में बताया गया है कि इंटरनेट पर सक्रिय शातिर लोग सेना के जवान नाम को ठगी का माध्यम बना रहे हैं। ऐसे गिरोह के सदस्य खुद को सेना का जवान बताकर घर, कमरा, जमीन को किराए पर लेने के लिए सोशल मीडिया, वेबसाइट आदि पर विज्ञापन जारी कर लोगों को ठगी का शिकार बनाते है। लोग उन पर भरोसा करके आसानी से जाल में फंसकर उनकी ठगी का शिकार हो रहे हैं। एसपी उदय सिंह मीना ने बताया ऐसे ठगों से आमजन को सावधान रहने की जरूरत है। इसलिए वह किसी के बहकावे में न आएं।

ऐसे बचें साइबर अपराध से
  • आमजन हमेशा याद रखे कि खाते से पैसे दूसरे के खाते में भेजने के लिए ओटीपी की आवश्यकता होती है, खुद के खाते में किसी ओर से पैसे प्राप्त करने के लिए हमें आटोपी की आवश्यकता नहीं होती।
  • कोई भी अनजान व्यक्ति आप के घर, फ्लैट, कमरे किराए पर या खरीदने के लिए संपर्क करता है तो हमेशा प्रयास करें कि उस व्यक्ति की पहचान सही हो जाए।
  • किसी भी अनाज व्यक्ति द्वारा सोशल मीडिया या साईट पर दी गई जानकारी को पूर्ण न समझें। व्यक्ति के बारे में पूरी जांच करने के बाद ही सौदा करें।
  • जालसाज व्यक्ति हमेशा कार्य में जल्दबाजी करते है। इसलिए जल्दबाजी वाले कार्य को हमेश सावधानी पूर्वक ही करें।
    किसी भी अनजान व्यक्ति के कहने से अपने मोबाइल पर एनीडेस्क, एम्मीडेस्क, टीम विवर, क्विक स्पोर्ट ऐप डाउनलोड ना करें। ऐसा करने पर दूर बैठे साइबर ठग पूरी तरह से आपकी स्क्रीन सांझा करने के साथ ही आपकी डिवाइस पर कब्जा कर लेते हैं।
  • ओएलएक्स, फेसबुक या किसी भी अन्य ऐप पर कोई सामान खरीदने से पहले विक्रेता के संबंध में पूरी जानकारी की जांच करें।
  • कभी भी अपने डिजीटल वॉलेट या एकाउंट की केवाईसी ऑनलाइन अपडेट न करें। किसी अनजान व्यक्ति द्वारा आपको भेजे गए कुछ रुपये प्राप्त करने संबंधित लिंक या क्यूआर कोड को अपने फोन से स्कैन न करें।
  • फर्जी फेसबुक आईडी बनाकर, फेसबुक आईडी को हैक कर फ्रेंड लिस्ट में सभी से बीमारी का बहाना या एक्सीडेंट का बहाना बनाकर यूपीआई फोन पेय, गूगल पेय पर रुपये डलवा कर अपराधी आपको विश्वास में लेने के लिए ऐसी पहल करता है।
  • किसी डिजीटल वॉलेट या इंश्योरेंस सेवा के कस्टमर केयर का नंबर गूगल से सर्च न करें। हमेशा उसे कंपनी की वेबसाइट पर उपलब्ध कस्टमर केयर से सर्च करें।
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