Friday, May 17, 2024
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रोहतक में धुंध में हादसों से बचने के लिए बसों में लगवाई जाएंगी फॉग लाइट, रोडवेज डिपो ने शुरू की तैयारी

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जिला प्रशासन ने सड़क सुरक्षा और यातायात व्यवस्था पुलिस के भरोसे छोड़ रखा है। जबकि इसमें सबसे ज्यादा जिम्मेदारी आरटीए की बनती है। मगर लगातार हादसों के बाद भी आरटीए की नींद नहीं टूटी है। स्मॉग के कारण दृश्यता कम होने लगी है।

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रोहतक। रोहतक रोडवेज अधिकारियों ने ठंड में पड़ने वाली धुंध के दौरान होने वाले हादसों से बचने के लिए पहल शुरू कर दी है। इसके तहत रोडवेज की सभी बसों में फॉग लाइट लगाई जाएंगी। शुरूआती चरण में बसों पर फॉग लाइट लगाने के लिए अभियान छेड़ा गया है। ऐसा इसलिए किया जा रहा है ताकि बस चालक को रास्ता दिखाई देता रहे। रोडवेज अधिकारियों ने वर्कशॉप कर्मचारियों को इस बारे में निर्देश दिए हैं कि सभी बसों में फॉग लाइट व रिफ्लेक्टर लगाए जाएं। ताकि धुंध में दृश्यता कम होने पर होने वाले हादसों की आशंकाओं को टाला जा सके।

इसके अलावा ब्रेक, बैक लाइट, इंडीगेटर, स्क्रीन वाइपर की भी रिपेयरिंग की जा रही हैं। रोहतक डिपो के बेड़े में करीब 197 बसें हैं। जिनमें से 90 प्रतिशत बसों पर लाइटें लगा दी गई हैं। वहीं हादसों को लेकर अभी तक आरटीए और पुलिस विभाग ने कोई तैयारी शुरू नहीं की है। जबकि मौसम पूरी तरह से बदल गया है। मुख्य सड़कों पर कई जगह रिपेयर की जरूरत है। हाइवे पर पुलिस नाकाबंदी भी दिखाई नहीं दे रही है।

जिला प्रशासन ने सड़क सुरक्षा और यातायात व्यवस्था पुलिस के भरोसे छोड़ रखा है। जबकि इसमें सबसे ज्यादा जिम्मेदारी आरटीए की बनती है। मगर लगातार हादसों के बाद भी आरटीए की नींद नहीं टूटी है। स्मॉग के कारण दृश्यता कम होने लगी है। इसके बावजूद विभाग की तरफ से यातायात सुचारु करने को लेकर कोई अभियान नहीं चलाया गया है। जबकि स्मॉग व घना कोहरा होने के तुरंत बाद विभाग की तरफ से सड़कों पर विशेष चेकिंग अभियान चलाया जाता है।

दरअसल सड़क हादसों में मरने वालों की संख्या में इजाफा होने का एक कारण समय पर स्वास्थ्य सेवा का नहीं मिलना भी है। हादसा होने के बाद समय पर एंबुलेंस के मौके पर नहीं पहुंचने और उपचार नहीं मिलने के कारण घायल दम तोड़ देता है। हालांकि स्वास्थ्य विभाग की मानें तो एक समय में कई सड़क दुर्घटना होने पर एंबुलेंस की संख्या कम पड़ जाती है। जब तक एंबुलेंस घटनास्थल पर पहुंचती है तो घायल दम तोड़ देता है। वहीं रोडवेज अधिकारियों का कहना है कि धुंध में हादसे रोकने के लिए विभाग पूरी तरह सचेत है। रात व अल सुबह की बसों में कुशल चालकों की ड्यूटी लगाई गई है।

वर्कशॉप मैनेजर सुरेंद्र सिवाच ने कहा कि रोडवेज सरकारी बसों में पीली लाइट लगाई गई है। अधिकतर बसों पर लाइट लगा दी गई हैं। जबकि अन्य बसों पर भी इसी सप्ताह तक लाइटें लग जाएंगी। इसके बाद आवश्यकतानुसार और लाइट मंगवाई जाएंगी, ताकि सभी बसों में भी फॉग लाइट लगवाना सुनिश्चित हो सके।हादसों पर अंकुश लगाने के लिए यह प्रयास किए जा रहे हैं। अक्सर धुंध के कारण बस चालकों को दिखाई देना कम हो जाता है जिसकी वजह से कई बार बड़ी दुर्घटना हो जाती है।

इसके अलावा रोडवेज अधिकारियों ने बसों में बैठे यात्रियों को ठंड के मौसम से बचाने के पर्याप्त प्रबंध कर रहा है। वर्कशॉप मैनेजर ने निर्देश दिए हैं कि सभी बसों की खिड़कियों में शीशे लगाए जाएं। साथ ही यह सुनिश्चित किया जाए कि शीशों पर लॉक है या नहीं। जिन बसों की खिड़कियों के लॉक टूटे हुए हैं, उन्हें बदला जाए। इसके अलावा चालकों को निर्देश दिए गए हैं कि धुंध में बसों को धीमी गति में चलाएं।

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