Monday, May 6, 2024
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किसानों को खालिस्तानियों का तगमा न दें, आंदोलन से नहीं हटेंगे पीछे- किसान नेता सरवन सिंह

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अंबाला। किसानों का जत्था दिल्ली की ओर कूच कर चुका है। पहले किए ऐलान के अनुसार, 13 फरवरी को दिल्ली के चिल्ला, गाजीपुर, शंभू समेत बाकी सीमाओं से पुलिस भी मुस्तैद रही। दिल्ली और हरियाणा के अलावा यूपी पुलिस किसानों को दिल्ली में प्रवेश करने से रोकने में सफल रही।

पंजाब किसान मजदूर संघर्ष कमेटी के महासचि सरवन सिंह पंधेर ने कहा कि यह भारतीय इतिहास के लिए काला दिन है। हरियाणा के शंभू बॉर्डर पर किसानों और पुलिस के बीच झड़प हुई। पुलिस ने बदले में ड्रोन से आंसू गैस के गोले दागे। केंद्र सरकार ने अपील की है कि आंदोलन के दौरान हिंसा न करें और बातचीत से हाल निकालें। वहीं किसानों के चलते दिल्ली-एनसीआर में लोगों को देर रात तक भारी ट्रैफिक जाम से दो चार होना पड़ा।

खालिस्तान का तमगा दिया, हम पर लाठीचार्ज किया- किसान नेता सरवन सिंह

उधर किसानों को मनाने और विरोध प्रदर्शन रोकने के लिए सरकार की ओर से बातचीत की जा रही। हालांकि, उसका कोई नतीजा नहीं निकल रहा। इस पर पंजाब किसान मजदूर संघर्ष समिति के महासचिव सरवन सिंह पंधेर ने जानकारी दी है। उन्होंने साफ किया कि जब तक सरकार उनकी मांगें नहीं मानती हैं, तब तक वे इस आंदोलन में पीछे नहीं हटने वाले हैं। किसान नेता सरवन सिंह पंढेर ने आज किसानों के बीच एक प्रेस कॉन्फ्रेंस की। उन्होंने पीएम मोदी से अपील की वह बड़ा दिल दिखाएं।

सरवन सिंह ने आगे कहा कि हमें खालिस्तान का टैग देना बंद करें और हमारा पार्टी से कोई संबंध नहीं है। वहीं पत्थरबाजी को लेकर उन्होंने कहा कि हम पत्थरबाजी नहीं कर रहे हैं, हमारा आंदोलन पूरी तरह शांतिपूर्ण है। सरकार आंदोलन को गुमराह करने का प्रयास कर रही है। उन्होंने आगे कहा कि हमपर पुलिस ने गोलियां चलाईं और आंसू गैस के गोले छोड़े। यह सही नहीं है। सरवन सिंह पंढेर ने एक बार फिर दोहराते हुए कहा कि हम बातचीत के लिए तैयार हैं और रहेंगे। हमें एमसएसपी पर कानून बनाने का आश्वासन दें। हम सरकार से टकराव नहीं चाहते, सरकार हमारी मांगें मान ले।

सामान्य लोगों के लिए कठिनाई पैदा न करें: कृषि मंत्री

केंद्रीय मंत्री अर्जुन मुंडा ने बुधवार सुबह मीडिया से बातचीत की। उन्होंने किसानों से अपील करते हुए कहा कि आम लोगो को परेशानी न हो इसकी कोशिश की जाए। मुंडा ने आगे कहा कि हमें किसानों की चिंता है। आम जनजीवन बाधित न करें। सरकार को किसानों की चिंता है। उन्होंने कहा, ‘परामर्श के लिए हमें राज्यों से बात करने की आवश्यकता है। हमें चर्चा करने के लिए एक मंच और समाधान ढूंढने की जरूरत है। भारत सरकार किसानों के हितों की रक्षा करने के लिए बाध्य है। जनता को परेशानी में नहीं डालना चाहिए, किसान यूनियन को इसे समझना चाहिए।’

राजनीति से प्रेरित होकर के काम ना करें

कृषि मंत्री अर्जुन मुंडा ने कहा कि किसान संगठनों को यह बात समझना जरूरी है कि जिस कानून की बात की जा रही है इस तरीके से कोई निर्णय नहीं लिया जा सकता है. जिससे बाद के दिनों में सबके लिए बगैर सोची समझी स्थिति के बारे में लोग आलोचना करें। किसानों को इस बात का भी ध्यान रखना पड़ेगा आम जनजीवन को बाधित न किया जाए। मैं किसान संगठनों को यही कहूंगा किसी राजनीति से प्रेरित होकर के काम ना करें। किसानों के प्रदर्शन के बीच केंद्रीय कृषि मंत्री अर्जुन मुंडा ने कहा कि हम बातचीत करने के लिए तैयार हैं। हमें सभी पक्षों को ध्यान में रखकर बातचीत करनी होगी. मैं किसान संगठनों से अनुरोध करता हूं कि वे चर्चा का माहौल बनाए रखें।

हिंसा ना करें, उग्र ना हों- केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर की किसानों से अपील

केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने कहा कि मोदी सरकार ने कृषि क्षेत्र के बढ़ावे के लिए और किसान के कल्याण के बहुत सारे कार्य किए हैं। जब किसानों ने मांग रखी तब हमने चर्चा के लिए एक दम से सहमति जताई। इस बार भी हमारे केंद्रीय मंत्री चंडीगढ़ गए और कई घंटे तक वार्ता भी की, जब किसान उठ कर चल पड़े तब भी हमने कहा कि चर्चा को जारी रखिए। जब नए मुद्दे जुड़ते जाएंगे तो समय तो लगेगा। हमारा कहना है कि हम नए विषयों पर भी चर्चा करने के लिए तैयार हैं लेकिन इस पर अन्य लोगों से भी बात करनी पड़ेगी, क्या ये गलत हैं? मैं प्रदर्शनकारियों से कहूंगा कि हिंसा ना करें, उग्र ना हों। मैं किसान नेताओं से अनुरोध करता हूं कि कृप्या करके बातचीत का दौर जारी रखें।

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