Friday, May 3, 2024
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धनतेरस पर मां लक्ष्मी और गणेश की इस रंग की ना खरीदें मूर्ति, बंद हो जाएगी तरक्की

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धनतेरस पर नया सामान, नए बर्तन और नई मूर्ति खरीदने की परंपरा है। धनतेरस पर लक्ष्मी गणेश की मूर्ति खरीदने के से पहले हमें कुछ बातों का विशेष ख्याल रखना चाहिए अन्यथा हमारी पूजा अधूरी भी रह सकती है।

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रोहतक। धनतेरस का पर्व हिंदू धर्म में बहुत महत्व रखता है। दिवाली के पांच पर्वों की शुरुआत धनतेरस से होती है और इस की बाजरों में काफी धूम होती है। धनतेरस पर नया सामान, नए बर्तन और नई मूर्ति खरीदने की परंपरा है। चूँकि दिवाली के दिन गणेश जी और लक्ष्मी जी की पूजा करने की परम्परा है इसलिए लोग धनतेरस पर लक्ष्मी गणेश जी की मूर्ति खरीदने में विश्वास रखते हैं। मां लक्ष्मी और गणेश की मूर्ति किसी भी तरह की नहीं खरीदनी चाहिए बल्कि दोनों की मूर्ति खरीदने के से पहले हमें कुछ बातों का विशेष ख्याल रखना चाहिए।

 मां लक्ष्मी और गणेश जी का विधि विधान से पूजन

हिंदू धर्म की मान्यता के अनुसार, मान्यता है कि आज के दिन समुद्र मंथन के दौरान अमृत कलश लेकर धन्वंतरी प्रकट हुए थे। इसी के कारण आज उनकी पूजा का विधान है। इसके अलावा आज मां लक्ष्मी के साथ कुबेर भगवान की पूजा करने से शुभ फलों की प्राप्ति होती है। दिवाली के दिन नई गणेश-लक्ष्मी की मूर्ति स्थापित करते पूजा की जाती है। जिन्हें धनतेरस के दिन खरीदना शुभ माना जाता है। उनकी पूरे अनुष्ठान से स्थापना की जाती है। धनतेरस के दिन भगवान धन्वंतरि की पूजा के साथ मां लक्ष्मी और गणेश जी का विधि विधान से पूजन किया जाता है। इस दिन इनकी पूजा करने से सौभाग्य और धन की प्राप्ति होती है। अगर आप भी गणेश लक्ष्मी की मूर्ति खरीदने जा रहे हैं, तो इन बातों का ख्याल रखें।

धनतेरस पर खरीदारी का शुभ मुहूर्त

हिंदू पंचांग के अनुसार, धनतेरस के दिन यानी 10 नवंबर को दोपहर 12 बजकर 35 मिनट से लेकर अगले दिन यानी 11 नवंबर की सुबह तक खरीदारी करने का शुभ मुहूर्त है।
अभिजीत मुहूर्त- 10 नवंबर को धनतेरस पर सुबह 11 बजकर 43 मिनट से दोपहर 12 बजकर 26 मिनट तक।
शुभ चौघड़िया- सुबह 11 बजकर 59 मिनट से दोपहर 1 बजकर 22 मिनट तक।
चर चौघड़िया- शाम 04 बजकर 07 मिनट से शाम 05 बजकर 30 मिनट तक

इन बातों का रखें ध्यान
  • भगवान गणेश माता लक्ष्मी के दत्तक पुत्र हैं। लक्ष्मी गणेश की मूर्ति खरीदने से पहले यह बात ध्यान रखें कि उन दोनों की प्रतिमा एक साथ जुड़ी न हो। दोनों की अलग मूर्ति ही खरीदें। साथ ही यह भी देखें कि भगवान गणेश मां लक्ष्मी के बाईं तरफ हों।
  • धनतेरस वाले दिन लक्ष्मी गणेश की मूर्ति खरीदते समय याद रखें कि उनकी मूर्ति सीमेंट या पीओपी से न बनी हो। लक्ष्मी गणेश की मिट्टी से बनी मूर्ति ही खरीदें।
  • धनतेरस पर मां लक्ष्मी की मूर्ति खरीदते समय देख लें कि माता कमल के फूल पर ही बैठी ही हुईं हो। मूर्ति खरीदने से पहले यह भी ध्यान रखें कि माता की सवारी उल्लू न हो और खड़ी हुई मुद्रा वाली मूर्ति नहीं खरीदनी चाहिए।
    भगवान गणेश की मूर्ति खरीदने से पहले ये सुनिश्चित कर लें कि उनकी बाईं तरफ की और हो और बैठी हुई मुद्रा की प्रतिमा ही खरीदें।
  • धनतेरस पर खरीदी हुई मूर्ति मिट्टी की ही हो यह आवश्यक नहीं है। मिट्टी के अलावा आप सोने चांदी की मूर्ति भी खरीद सकते हैं।
  • धनतेरस पर मां लक्ष्मी और गणेश जी की मूर्ति खरीदते समय उनके रंग का खास ख्याल रखें। मां लक्ष्मी की मूर्ति लाल या गुलाबी रंग की ही हो और भगवान गणेश की पीले रंग की मूर्ति ही खरीदनी चाहिए।
  • मां लक्ष्मी और भगवान गणेश की मूर्ति की खरीदारी धनतेरस के दिन ही कर लेनी चाहिए और घर में लाने के बाद उन दोनों की प्रतिमाओं को पूरे अनुष्ठान से स्थापना करें।
  • धनतेरस पर लक्ष्मी गणेश की मूर्ति खरीदने और उनकी पूजा करने के बाद कभी भी विसर्जित न करें।
    धनतेरस पर मां लक्ष्मी और भगवान गणेश की मूर्ति खरीदने समय कभी भी काले रंग की मूर्ति न खरीदें। काले रंग की मूर्ति खरीदना अशुभ माना जाता हैं।
  • भगवान गणेश की मूर्ति खरीदते समय इस बात का ध्यान रखें कि उनकी सूंड बाएं ओर मुड़ी हो, क्योंकि दाएं ओर मां लक्ष्मी विराजित होती है।
  • गणपति जी की मूर्ति के साथ मूषक होना बेहद जरूरी है, क्योंकि उनका वाह मूषक महाराज है। इसलिए इस तरह की मूर्ति ही लें।
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