Sunday, April 28, 2024
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डिप्टी सीएम ने अम्बाला में SYL पर बन रहे पुल को लेकर दी ये खुशखबरी ,सत्र में इन मुद्दों पर कहा …..

चंडीगढ़। हरियाणा के डिप्टी सीएम दुष्यंत चौटाला ने बताया कि अम्बाला जिले में तीन नए पुलों का निर्माण एनएच-152 ( अम्बाला हिसार रोड ) से गांव खैरा तक लिंक रोड पर एसवाईएल नहर, एसवाईएल नहर और नरवाना ब्रांच के समानांतर नाले पर किया जा रहा है।उन्होंने यहाँ विधानसभा सत्र के दौरान सदन के दौरान पूछे गए एक प्रश्न का जवाब देते हुए बताया कि एसवाईएल नहर पर पुल का 85 फीसदी काम पूरा हो चूका। एजेंसी के साथ चल रहे मुकदमे के कारण शेष कार्य रुका हुआ है। अब एजेंसी का अनुबंध समाप्त कर दिया गया है और शेष कार्य की निविदा आमंत्रित की जा रही है। यह कार्य 30 सितम्बर 2024 तक पूरा होने की सम्भावना है। इनके अलावा नरवाना शाखा और समानांतर नाले पर पुल का कार्य पूरा हो चुका है।

किसानों के मुद्दे पर बोले डिप्टी सीएम
डिप्टी सीएम ने विधानसभा के बजट सत्र के दौरान उठाए गए मुद्दे पर कहा कि राज्य सरकार ने किसानों को 29 हज़ार करोड़ रूपए से ज्यादा का भुगतान सीधा उनके बैंक खातों में किया गया है। उन्होंने कहा कि हरियाणा एकमात्र राज्य है जहां पर 14 फसलें एमएसपी पर खरीदी जा रही हैं। इसके साथ ही 18 फसलें भावांतर भरपाई योजना के अंतर्गत शामिल की गई हैं। । प्रदेश सरकार चाहती है कि राज्य का हर किसान समृद्ध हो।दुष्यंत चौटाला ने बताया कि वर्तमान सरकार ने बीस हजार किलोमीटर सड़कों को दुरुस्त किया गया है।

पानीपत के उद्योगों हेतु कॉमन बॉयलर के प्रयास
हरियाणा के उपमुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला ने बताया कि पानीपत के उद्योगों को लाभकारी बनाने के लिए कॉमन बॉयलर लगाने का सरकार विचार कर रही है।डिप्टी सीएम ने आज सदन में पूछे गए एक प्रश्न का जवाब देते हुए बताया कि चूंकि एचएसआईआईडीसी के पहले सलाहकार ने परियोजना को गैर-व्यवहार्य पाया, इसलिए एचएसआईआईडीसी ने पानीपत में सामान्य बॉयलर की व्यवहार्यता अध्ययन के पुनर्मूल्यांकन के लिए आईआईटी कानपुर को नियुक्त किया है।

उन्होंने आगे यह भी बताया कि सर्दियों के मौसम में उच्च प्रदूषण स्तर के दौरान एनसीआर में औद्योगिक संचालन को ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान (जीआरएपी), के तहत राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र और आसपास के क्षेत्रोंय सीएक्यूएम, के लिए वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग के निर्देशों के अनुसार विनियमित किया जा रहा है। हालाँकि, अनुमोदित इंधन का उपयोग करके बॉयलरों के संचालन पर कोई प्रतिबंध नहीं है, बशर्ते उत्सर्जन सहित अन्य सभी लागू पर्यावरणीय मानदंडों का अनुपालन किया जाए।

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