पवन कुमार बंसल : ज्यादा दाव-पेंच भूपिंदर हूडा, रणदीप सुरजेवाला और कुमारी सेलजा लड़ा रहे है।
किरण को तो बिल्ली के भाग से छीका टूटने का इंतजार – क्या उदयभान डार्क हॉर्स साबित होंगे ?
प्रदेश में जिस तरह मनोहर लाल की जन विरोधी नीतियों को लेकर रोष है उसे देख आज के दिन तो
लगता है की असेंबली चुनाव में भाजपा का सूपड़ा साफं है।
भाजपा के विरोध में कांग्रेस, आम आदमी पार्टी और इनेलो खड़ी है। जजपा का तो पता नहीं की भाजपा के साथ रहेगी या अलग डफली बजाएगी।
हमारे विश्लेषण के मुताबिक इस बार मुकाबला कोंग्रेस भाजपा में है। सत्तर के करीब सीट इन दोनों में बंटेगी।
बाकी बीस पर आज़ाद और बाकि सभी प्रार्टिया।
कांग्रेस की सरकार बनते देख संभावित मुख्यमंत्री पद के दावेदारों ने भी अपनी गोटिया फिट करनी शुरू कर दी है।
सबसे ज्यादा भूपिंदर हूडा और रणदीप सुरजेवाला सक्रिय है।
कोशिश सबसे पहले तो संगठन में अपने आदमी फिट करवाने और बाद में ज्यादा से ज्यादा टिकट अपने समर्थको को दिलवाने की है।
सुरजेवाला,सेलजा और किरण चौधरी की तिगड़ी ने चंडीगढ़ प्रेस कॉन्फ्रेंस कर हूडा को अपनी ताकत दिखाई है।
हालाँकि एक सवाल के जवाब में सुरजेवाला ने कहा की उनका निशाना अर्जुन द्वारा मछली की आंख की तरह बेरोजगार युवको का भविष्य है ।
लेकिन सभी जानते है की उनका निशाना मुख्यमंत्री पद पर है।
इस समय वे राहुल गांधी ,सोनिया गांधी और प्रियंका के काफी करीब है। शैलजा भी सोनिया से नजदीकी पर उम्मीद लगाए बैठी है।
हूडा की उम्मीद ज्यादा विधायकों पर है। उन्हें बिल्डर लॉबी का समर्थन है।
क्या उदय भान की लॉटरी खुलेगी। ?
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यह चर्चा है कि सुरजेवाला , हुड्डा और शैलजा के बीच घमासान में कही प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष उदय भान की लॉटरी लग सकती है।?
उनका कोई विरोध नहीं कर सकता।
दुमछल्ला।
जहा तक जनाधार की बात है अकेले भूपिंदर हूडा , सुरजेवाला ,सेलजा और किरण चौधरी पर भारी पड़ते है।
ओल्ड रोहतक जिसमे सोनीपत और झज्जर भी आता है में हूडा का प्रभाव है जबकि बाकी तीनो केवल अपने हलके तक ही सीमित है।