Sunday, April 28, 2024
Homeदेशचावल की बढ़ती कीमत का देश में मंडरा रहा है खतरा

चावल की बढ़ती कीमत का देश में मंडरा रहा है खतरा

Rice To Get Costlier: इन दिनों ऐसे ही जनता महंगाई से जूझ रही है। टमाटर, प्याज, हरी मिर्च और अदरक से लेकर गर्म मसालों की कीमत में भी तेजी से उछाल देखने को मिला है। इसी बीच खबर आ रही है कि देश में चावल की बढ़ती कीमत (Rice To Get Costlier) का खतरा मंडरा रहा है। बीते 11 सालों में वैश्विक चावल की कीमतों में सबसे ऊंचा असर देखने को मिल रहा है। अब आशंका जताई जा रही है कि आने वाले दिनों में भारत में भी चावल की कीमत में इजाफा हो सकता है।

चावल के रिटेल और थोक दाम में हो सकती है बढ़ोतरी (Rice To Get Costlier)

अल नीनो के प्रभाव की वजह से चावल के प्रमुख उत्पादकों में कमी आयी है। बता दें कि पूरी दुनिया में भारत में 40 प्रतिशत चावल का उत्पादन होता है और साल 2022 में भारत का चावल निर्यात 5.6 करोड़ टन रहा था। हालांकि अब देश में चावल का कम प्रोडक्शन इसके निर्यात शिपमेंट्स में कमी की वजह बन सकता है और चावल के रिटेल और थोक दाम बढ़ने की संभावना है।

ये भी पढ़ें- हरियाणा में विदेशी तर्ज पर बसाए जायेंगे 5 नए शहर

राइस एक्सपोर्ट एसोसिएशन के प्रेसिडेंट बी वी कृष्णा राव ने इस संबंध में कहा कि बीते साल तक भारत  चावल का सबसे सस्ता उत्पादक देश था। लेकिन अब देश में नए मिनिमम सपोर्ट प्राइस आ चुके हैं तो भारतीय कीमतें बढ़ने का असर दूसरे चावल सप्लायर्स पर भी आ रहा है और वो कीमतें बढ़ा रहे हैं।

अल-नीनो पैटर्स के चलते कम बरसात का खतरा बन गया 

एशिया के तकरीबन 3 अरब लोग चावल खाना ही पसंद करते हैं। धान पानी पर आश्रित फसल है। एशिया में बहुतायत में यानी लगभग 90 प्रतिशत चावल का उत्पादन होता है। इस साल अल-नीनो पैटर्स के चलते कम बरसात का खतरा बन गया है जो कि चावल जैसी पानी आधारित फसल के लिए अच्छा संकेत नहीं है।  वहीं दूसरी ओर  मौसम के खराब असर का प्रोडक्शन पर असर आने से पहले ही ग्लोबल चावल के दाम 11 साल के उच्च स्तर पर आ चुके हैं।

 

- Advertisment -
RELATED NEWS

Most Popular