Sunday, May 5, 2024
Homeहरियाणारोहतकरोहतक में निजी स्कूल वाले कर रहे बच्चों को प्रताड़ित, 11 माह...

रोहतक में निजी स्कूल वाले कर रहे बच्चों को प्रताड़ित, 11 माह में आये मारपीट के 40 मामले

- Advertisment -

प्राइवेट स्कूल में फटी जुराबों या गंदे जूतों की वजह से भी बच्चे प्रताड़ना के शिकार हो रहे हैं। बच्चे चाइल्ड हेल्प लाइन 1098 पर मदद मांग रहे हैं। पीटने वाले अध्यापक से पेरेंट्स जाकर बात करते हैं तो बाद में बच्चों से स्कूल में दुर्व्यवहार किया जाता हैं। पिछले 11 माह में ऐसे 40 केस आ चुके हैं जिसमे बाद में पेरेंट्स को न चाहते हुए भी स्कूल वालों से समझौता करना पड़ता है।

- Advertisment -

रोहतक। रोहतक में बच्चे चाइल्ड हेल्प लाइन 1098 पर मदद मांग रहे हैं। फोन पर कहते हैं ‘सर, जूते-जुराब फटे हुए हैं। इसलिए टीचर रोज पीटते हैं। मम्मी-पापा भी उन्हें कुछ नहीं कहते, हमें पिटाई से बचा लो। सरकारी और प्राइवेट स्कूलों में बच्चों की प्रताड़ना के कई मामले पिछले कुछ माह में चाइल्ड हेल्पलाइन पर आ चुके हैं। जिले के सरकारी और प्राइवेट स्कूलों में बच्चों के साथ अध्यापकों द्वारा मारपीट की घटनाएं बढ़ रही हैं।

11 माह में स्कूली बच्चों के साथ अध्यापकों द्वारा मारपीट के 40 मामले सामने आए हैं। 10 मामले ऐसे आए हैं जिनमें प्राइवेट स्कूलों ने एसएलसी देने से मना कर दिया। प्राइवेट स्कूलों के 17 मामले शीतकालीन छुट्टियां न करने के आए हैं। 2 मामले ऐसे आए हैं जिसमें निजी स्कूलों ने ड्रैस को लेकर बच्चों पर जुर्माना लगा दिया। प्राइवेट स्कूलों को लेकर कई मामले ऐसे भी आए हैं जिनमें बच्चे की जुराबे फटी हुई थी या जूते गंदे थे जिनको लेकर बच्चों को प्रताड़ित किया गया।

सरकारी और प्राइवेट स्कूलों में बच्चों के साथ पिटाई पर बच्चे चाइल्ड हैल्पलाइन 1098 पर काल करके मदद मांगते हैं। कॉल करने वाले छात्र बताते हैं कि स्कूल के फलां अध्यापक ने बुरी तरह पिटाई की है। चाइल्ड लाइन जब इस मामले में स्कूल में प्रिंसीपल व सम्बंधित अध्यापक से बात करते हैं तो वे बताते हैं कि बच्चे को केवल धमकाया था। पिटाई नहीं हुई है।

चाइल्डलाइन द्वारा मामले को लेकर जब बच्चे के माता-पिता से बात की जाती है तो वे बताते हैं कि उनका और अध्यापक का समझौता हो गया है। अध्यापक ने अपनी गलती मान ली है और आगे से पिटाई न करने का आश्वासन दिया है। मामले का सबसे खराब पहलु यह है कि प्रताड़ना बच्चे को सहन करनी पड़ती है और समझौता बच्चे की सहमति के बिना माता-पिता व अध्यापक कर लेते हैं। और बच्चा इसलिए चुप रह जाता है कि फिर से माता-पिता पर दबाव डालकर समझौता कर लेंगे और उसे प्रताड़ना सहन करनी पड़ेगी। यह भी देखने में आया है कि कोई बच्चा यदि ज्यादा चंचल है तो उसके व्यवहार को लेकर उसकी पिटाई होती है। ऐसा एक मामला चाइल्ड लाइन के पास आया है।

ऐसे मामलों में अक्सर यह देखने में आता है कि बाद में सम्बंधित अध्यापक बच्चे को और अधिक प्रताड़ित करते हैं। चाइल्ड हैल्पलाइन पर कई मामले ऐसे भी आए हैं जब किसी दिन बच्चे का मन स्कूल जाने का नहीं है। माता-पिता बातचीत करके कारण जानने की बजाय उसकी पिटाई करते हैं। इस संबंध में भी चाइल्ड लाइन 1098 के पास बच्चों की कॉल आती है कि उनको एक दिन स्कूल न जाने के कारण माता-पिता द्वारा पिटाई की गई है आप आकर उन्हें समझाएं। इसके बाद चाइल्ड लाइन टीम द्वारा माता-पिता की काऊंसलिंग की जाती है।

बच्चों को लेकर स्कूलों में अध्यापकों के बीच अभियान चलाने की आवश्यकता है। बहुत सारे मामलों में देखने में आया है कि अध्यापक बच्चों के साथ ‘मित्रवत’ व्यवहार नहीं करते। वे बच्चों में अनुशासन के नाम पर खौफ बनाकर रखते हैं। इसलिए बच्चे पढ़ाई को बोझ के रूप में देखते हैं। बच्चों से संबंधित बहुत सारी सरकारी संस्थाएं काम कर रही हैं। उन्हें चाहिए कि वे अपने कार्यालय से बाहर निकाल अध्यापकों के साथ मिलकर बाल मनोविज्ञान पर काम करें। बच्चों को लेकर माता-पिता और अध्यापकों के भी जागरूक होना होगा।

- Advertisment -
RELATED NEWS
- Advertisment -
- Advertisment -

Most Popular