पंजाब और हरियाणा की संयुक्त राजधानी चंडीगढ़ के मेयर चुनाव को लेकर विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा है। एनएसयूआई नेताओं और कार्यकर्ताओं ने मेयर चुनाव रद्द करने की मांग को लेकर बीजेपी दफ्तर का घेराव करने की कोशिश की। इस बीच पुलिस की ओर से बैरिकेड्स लगा दिए गए। जब एनएसयूआई नेता पीछे नहीं हट रहे थे। इसी बीच भीड़ को तितर-बितर करने के लिए पुलिस ने एनएसयूआई नेताओं पर पानी फेंकना शुरू कर दिया। इस बीच पुलिस और एनएसयूआई कार्यकर्ताओं के बीच जमकर नोकझोंक हुई।
चंडीगढ़ पुलिस ने समय रहते वॉटर कैनन का इस्तेमाल कर सभी प्रदर्शनकारियों को बीजेपी दफ्तर के सामने रोक दिया। इस बीच पुलिस ने युवाओं पर लाठीचार्ज भी किया। लाठीचार्ज को लेकर प्रदर्शनकारियों में काफी गुस्सा है। चंडीगढ़ के मेयर चुनाव रद्द कराने को लेकर युवाओं द्वारा लगातार नारे लगाए जा रहे हैं। इस मुद्दे पर आम आदमी पार्टी के नेता भी आए दिन विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं।
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बता दें कि 30 जनवरी को हुए चंडीगढ़ मेयर चुनाव में बीजेपी प्रत्याशी मनोज सोनकर ने जीत हासिल की थी। विपक्षी कांग्रेस और आम आदमी पार्टी ने बीजेपी पर वोटों की गिनती के दौरान धोखाधड़ी करने का आरोप लगाया है। ऐसे में आम आदमी पार्टी ने चुनाव रद्द करने की मांग को लेकर पहले पंजाब और हरियाणा हाई कोर्ट और फिर सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है।
सुनवाई के दौरान हाईकोर्ट ने चंडीगढ़ प्रशासन को जवाब देने के लिए 3 हफ्ते का समय दिया है. इसके साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने चुनाव अधिकारी की निंदा करते हुए इसे लोकतंत्र की हत्या बताया है। इस मामले पर सोमवार 12 फरवरी को सुप्रीम कोर्ट में दोबारा सुनवाई होने वाली है।