रोहतक जैसे-जैसे ठंड बढ़ती जा रही है वैसे-वैसे लोग अलाव सेंकना शुरू कर रहे हैं। परंतु ये अलाव सेंकना आपकी जान ले सकता है। ऐसा ही एक मामला बहादुरगढ़ का सामने आया है जिसमें तीन व्यक्ति अलाव जलाकर सोए थे लेकिन सुबह उनकी मौत हो गई। सूचना मिलने पर पुलिस मौके पर पहुंची। मृतकों में दो की शिनाख्त हो गई है जबकि एक की अभी पहचान की जा रही है।
जानकारी के अनुसार तीनों यहां एक टायर निर्माता कंपनी में पावर हाउस के निर्माण कार्य में लगे थे। कमरे में मृत मिले दो लोगों की पहचान सैफिजुल मेहेना (41) और मुनेश कुमार (42) के रूप में हुई है। सैफिजुल पश्चिम बंगाल के वीरभूम जिले का रहने वाला था। जबकि मुनेश पुत्र ज्ञासन उत्तराखंड के जिला हरिद्वार के मुंडाखेड़ा कलां का निवासी था।
हर रोज की तरह तीनों काम करने के बाद कमरे पर पहुंचे थे। मंगलवार की सुबह ये नहीं उठे। कंपनी में काम पर नहीं पहुंचे तो प्रोजेक्ट हेड विकास ने कई बार कॉल की लेकिन किसी ने नहीं उठाया फिर विकास उनके कमरे में पहुंचा। भीतर से दरवाजा बंद था। कई बार खटखटाने पर भी दरवाजा नहीं खुला तो जैसे-तैसे खिड़की की साइड से देखा। तीनों अंदर बेसुध पड़े थे। विकास ने 112 पर कॉल कर पुलिस को सूचना दी। यहां से सूचना पाकर सेक्टर-6 थाना पुलिस मौके पर पहुंची। दरवाजे की कुंडी तोड़कर पुलिस कमरे में घुसी तो तीनों मजदूर मृत अवस्था में थे।
डीएसपी पवन कुमार, एसएचओ सुनील कुमार और एफएसएल टीम ने मौके का मुआयना कर साक्ष्य जुटाने का प्रयास किया। कमरे से अलाव की राख, जली हुई लकड़ियां बरामद हुई। प्रारंभिक जांच में सामने आया है कि कमरा पूरी तरह से बंद था। तीनों मृतकों ने उल्टी भी की है। अनुमान लगाया जा रहा है कि अलाव के कारण कमरे में गैस बन गई।
वेंटिलेशन न होने के कारण तीनों का दम घुट गया और जान चली गई। कमरे से दो मृतकों के आधार कार्ड मिले हैं। इनके आधार पर पुलिस ने परिजनों को सूचना दे दी है। पुलिस तीसरे शख्स कल्लू की पहचान और परिजनों के बारे में पता लगाने का प्रयास कर रही है। शवों को नागरिक अस्पताल में रखवा दिया गया है।