Monday, May 6, 2024
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रोहतक नगर निगम की भूमि 33 वर्ष के लिए गौड़ ब्राह्मण विद्या प्रचारिणी सभा को पट्टे पर देने को मंजूरी

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सीएम मनोहर लाल की अध्यक्षता में कैबिनेट की बैठक में गौड़ ब्राह्मण विद्या प्रचारिणी सभा को नगर निगम की भूमि 33 वर्ष की अवधि के लिए पट्टे पर देने के संबंध में मंजूरी दे दी गई है। हवाला दिया कि सभा पंजीकृत संस्था है और 100 से अधिक वर्षों से सक्रिय रूप से शिक्षण संस्थान चला रही है।

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रोहतक। रोहतक में बड़े सियासी विवाद की शक्ल लेता जा रहा पहरावर की जमीन का मसला मुख्यमंत्री मनोहर लाल की पहल से मंगलवार को शांत हो गया। राज्य मंत्रिमंडल की बैठक में पहरावर गांव स्थित नगर निगम की 15 एकड़ तीन कनाल जमीन एक बार फिर 33 सालों के लिए गौड़ ब्राह्मण विद्या प्रचारिणी सभा को पट्टे पर देने की मंजूरी मिल गई है। 14 साल बाद फिर से सरकार पट्‌टे पर जमीन देने जा रही है।

मंगलवार को सीएम मनोहर लाल की अध्यक्षता में कैबिनेट की बैठक में गौड़ ब्राह्मण विद्या प्रचारिणी सभा को नगर निगम की भूमि 33 वर्ष की अवधि के लिए पट्टे पर देने के संबंध में मंजूरी दे दी गई है। हवाला दिया कि सभा पंजीकृत संस्था है और 100 से अधिक वर्षों से सक्रिय रूप से शिक्षण संस्थान चला रही है। इस भूमि का उपयोग सभा द्वारा संचालित मौजूदा शैक्षणिक संस्थानों के विस्तार के लिए किया जाएगा।

वर्तमान में रोहतक में एक डिग्री कॉलेज, एक बीएड कॉलेज और एक स्कूल चलाया जा रहा है। सभा की ओर से प्रस्तावित भूमि का उपयोग मौजूदा संस्थानों के विस्तार के लिए किया जाएगा। कब्जा सौंपने से पहले सभा को नियमों और शर्तों का पालन करने के लिए निगम और सभा के बीच एक समझौता किया जाएगा। चर्चा है कि संस्था को पहरावर की मौजूदा जमीन के स्थान पर दूसरी जमीन देने की तैयारी है। साथ ही पट्‌टा राशि भी एक लाख से बढ़ाकर दो लाख प्रति एकड़ तक करने पर विचार किया जा रहा है। ऐसे में फिर से विवाद भी बढ़ सकता है।

गौरतलब है कि गौड़ ब्राह्मण विद्या प्रचारिणी सभा को पहरावर गांव की पंचायत ने साल 2009 में 15 एकड़ 3 कनाल जमीन 33 वर्ष के लिए लीज पर दी थी। शर्त के मुताबिक 2 वर्ष में ही इस जमीन पर निर्माण शुरू करना और हर साल एक लाख रुपए की लीज मनी 5 फीसदी बढ़ोतरी के साथ जमा करवानी थी। निगम के रिकॉर्ड के मुताबिक वर्ष 2009 में पहरावर पंचायत ने 15 एकड़ 3 कनाल जमीन 33 साल के लीज पर गौड़ ब्राह्मण विद्या प्रचारिणी सभा को देने के प्रस्ताव को तत्कालीन कांग्रेस सरकार के कैबिनेट की ओर से मंजूरी दी गई।

तय शर्त में संस्था को प्रति वर्ष एक लाख रुपए पंचायत को देने थे। इसमें प्रतिवर्ष 5 फीसदी बढ़ोतरी अतिरिक्त। वर्ष 2010 में ही पहरावर गांव रोहतक नगर निगम की सीमा में शामिल कर लिया गया। ऐसे में लीज मनी पर नगर निगम का अधिकार था। फिर भी उसे लीज मनी नहीं मिली। वर्ष 2013 में गौड़ संस्था की ओर से नगर निगम कार्यालय में 1 लाख 20 हजार रुपए बतौर लीज मनी जमा कराए गए।

2014 में 1 लाख 25 हजार रुपए जमा कराना चाहा, लेकिन निगम ने लीज अनुबंध की शर्त तोड़ने का हवाला देते हुए यह रकम वापस कर दी। इसके बाद अब तक गौड़ संस्था ने न तो कोई लीज राशि निगम को दी और न ही रिकॉर्ड अपडेट करवाया। 21 अप्रैल 2022 को बिना नगर निगम को सूचना दिए ही 5 एकड़ जमीन का अपने नाम इंतकाल करवाना गैर कानूनी है। चूंकि जमीन का मालिक नगर निगम है। ऐसे में इंतकाल कराने से पहले नगर निगम काे सूचना दिया जाना आवश्यक था, लेकिन ऐसा नहीं किया गया।

गौड़ संस्था ने अब तक लीज मनी के तौर पर अब तक 5.50 लाख रुपए ही जमा करवाए हैं। जबकि अनुबंध के तहत 33 साल तक एक लाख रुपए 5 फीसदी बढ़ोतरी के साथ लीज राशि जमा करवानी थी। चार साल तक तो पंचायती राज विभाग में राशि जमा करवाए। इसके मुताबिक वर्ष 2009 में 1 लाख रुपए, 2010 में 105000 रुपए, 2011 में 1.10 लाख रुपए, 2012 में 1.15 लाख रुपए की राशि पंचायत में जमा होती रही। इसके बाद नगर निगम अस्तित्व में आ गया और पहरावर गांव नगर निगम में शामिल हो गया। यहां से वर्ष 2013 में 1.20 लाख रुपए नगर निगम में बतौर लीज राशि जमा करवाई गई। गौड़ संस्था ने 2013 के बाद से राशि जमा करवानी भी बंद कर दी थी।

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