रोहतक। रोहतक MDU के 5 प्रोफेसर के निलंबन के बाद रिटौली गांव स्थित राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय के प्रिंसिपल को भी चुनाव आयोग ने सस्पेंड कर दिया है। इसके साथ ही MDU के पांच और कर्मचारियों को कारण बताओ नोटिस जारी किया है। इन सब की वजह है आचार संहिता का उल्लंघन। यह निर्देश रोहतक संसदीय निर्वाचन क्षेत्र के रिटर्निंग अधिकारी अजय कुमार ने दिए हैं।
अधिकारी के निर्देश के बाद गांव रिटौली स्थित राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय के प्राचार्य श्रीभगवान को शिक्षा विभाग द्वारा तुरंत प्रभाव से निलंबित कर दिया गया है। शिक्षा विभाग द्वारा आदर्श आचार संहिता के उल्लंघन के मामले में रिटोली स्थित राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय के प्राचार्य श्रीभगवान को तुरंत प्रभाव से निलंबित किया गया है। निलंबन अवधि के दौरान उनका मुख्यालय पंचकुला स्थित हरियाणा माध्यमिक शिक्षा निदेशालय रहेगा। वे सक्षम प्राधिकारी की अनुमति के बिना मुख्यालय नहीं छाड़ेंगे।
रोहतक कांग्रेस प्रत्याशी दीपेन्द्र हुड्डा के पक्ष में प्रचार करने के आरोप में एमडीयू के पांच शिक्षकों पर एफआइआर दर्ज करने के बाद निलंबित किया गया है। इनके अलावा मडूटा के प्रधान एसोसिएट प्रोफेसर डा. विकास सिवाच, डा. संदीप मलिक, डा. राजेश, प्रो. सुरेश चंद्र मलिक और डीन, छात्र कल्याण प्रो. रणदीप राणा को भी कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है। शिकायतकर्ता अधिवक्ता जितेंद्र अत्री ने बताया कि कांग्रेस प्रत्याशी के लिए सरकारी सेवा में रहते प्रचार करने वाले दसों शिक्षकों के खिलाफ निर्वाचन अधिकारी को सुबूत दिए गए हैं। लेकिन पांच शिक्षकों को ही निलंबित किया गया है। अन्य पांच शिक्षकों को भी सख्त कार्रवाई होनी चाहिए।
एचफेक्टो ने आज बुलाई बैठक, लेंगे बड़ा निर्णय
महर्षि दयानंद विश्वविद्यालय शिक्षक संघ एवं हरियाणा विश्वविद्यालय और महाविद्यालय शिक्षक संघ (एचफेक्टो) के प्रधान डा. विकास सिवाच ने एमडीयू के पांच शिक्षकों को निलंबित किए जाने पर निंदा की है। उन्होंने बताया कि विवि स्वायत्त संस्था है। विवि के शिक्षक सांसद और विधानसभा का चुनाव लड़ते रहे हैं। ऐसे कई उदाहरण भी है। जिन पांच शिक्षकों को निलंबित किया गया है, उन्होंने अपनी ड्यूटी पूरी ईमानदारी के साथ निभाई है। शिक्षकों से जवाब मांगे बिना ही निलंबित कर दिया गया और उनके खिलाफ एफआइआर भी दर्ज की गई है।
अधिवक्ता की शिकायत पर निर्वाचन अधिकारी और एमडीयू प्रशासन ने कार्रवाई की है। एचफेक्टो इसका विरोध करता है और शुक्रवार को एचफेक्टो के अलावा गैर शिक्षक संघ और छात्र संगठनों के प्रतिनिधियों की बैठक एमडीयू में बुलाई गई है, जिसमें आगामी रणनीति बनाई जाएगी। राज्य सरकार विवि के शिक्षकों को गजटिड आफिसर नहीं मानती है। शिक्षक चुनाव की ड्यूटी नहीं देने को लेकर विवि के कुलपतियों व कुलसचिवों को ज्ञापन सौंप चुके हैं। इसके बावजूद शिक्षकों की चुनाव में ड्यूटी के लिए सूची भेज दी जाती है।