पंजाब में भीषण गर्मी के कारण जहां बिजली की मांग लगातार बढ़ रही है, वहीं पावरकॉम की मुश्किलें बढ़ने की आशंका है, क्योंकि आने वाले दिनों में तापमान 47 डिग्री तक जाने की आशंका है।
भीषण गर्मी के कारण पंजाब में बिजली की मांग लगातार बढ़ती जा रही है और अब दो दिनों में बिजली की मांग लगभग 12500 मेगावाट तक पहुंच गई है, जो दो दिन पहले 12300 मेगावाट पर चल रही थी। गर्मी बढ़ने के कारण कृषि क्षेत्र में बिजली की मांग बढ़ने के साथ-साथ ए. सी., कूलर, पंखों का उपयोग अब बढ़ने लगा है। इस भीषण गर्मी के कारण जनजीवन प्रभावित हो गया है, वहीं पावरकॉम के पास बिजली की मांग लगातार बढ़ती जा रही है।
पावरकॉम दिन के समय दूसरे राज्यों से सस्ती बिजली खरीदकर उपलब्ध करा रहा है। अगर बिजली मौके पर खरीदी जाती है तो इसकी कीमत करीब 6 रुपये प्रति यूनिट होती है, जबकि अगर बिजली खरीदने के लिए पहले समझौता किया जाए तो यह 3.5 रुपये प्रति यूनिट से गिरकर 9.35 रुपये प्रति यूनिट हो जाती है।
एक जानकारी के मुताबिक पावरकॉम ने दिनभर में 140 लाख यूनिट बिजली खरीदी है। पावरकॉम को सरकारी व गैर सरकारी थर्मल प्लांटों के अलावा अन्य स्रोतों से भी बिजली लेनी पड़ती है। बिजली विशेषज्ञों का कहना है कि अगर धान के सीजन में बिजली की मांग लगातार बनी रही तो ज्यादा बिजली खरीद पाना संभव नहीं होगा, क्योंकि पावरकॉम हमेशा महंगी बिजली खरीदने से बचता रहा है। धान के सीजन में बिजली की मांग भी 15500 मेगावाट से अधिक होने की संभावना है।
लहरा मोहब्बत थर्मल प्लांट का 210 मेगावाट का बॉयलर दो साल से लीक हो रहा है और यूनिट की मरम्मत नहीं की जा सकी है। इस भीषण गर्मी के कारण पावरकॉम के थर्मल प्लांट फुल लोड पर आ गए हैं। अगर यह गर्मी लगातार जारी रही तो बिजली की बढ़ती मांग पावरकॉम के लिए परेशानी का सबब बन सकती है।
पावरकॉम के दावे के मुताबिक, पावरकॉम की ओर से कोई स्थायी बिजली कटौती नहीं की जा रही है, लेकिन कुछ जगहों पर अल्पकालिक अघोषित बिजली कटौती जरूर की जा रही है। इस गर्मी में अघोषित कटौती से भी लोगों की हालत खराब हो गई है। एक जानकारी के मुताबिक, पिछले साल की तुलना में मई का महीना ज्यादा गर्म रहा है, इसलिए बिजली की मांग में गिरावट दर्ज की गई है।