राज्य में डेयरी फार्मिंग क्षेत्र को और बढ़ावा देने के लिए, पंजाब सरकार जल्द ही सर्वोत्तम होल्स्टीन फ़्रीज़ियन (एचएफ) गायों की पहचान करने और उनकी दूध उत्पादन क्षमता के बारे में जानने के लिए एक परियोजना शुरू करने जा रही है। यह पायलट प्रोजेक्ट तीन जिलों मोगा, लुधियाना और श्री फतेहगढ़ साहिब में शुरू होने जा रहा है।
इस प्रोजेक्ट के बारे में जानकारी साझा करते हुए डिप्टी कमिश्नर श्री विशेष सारंगल ने बताया कि यह प्रोजेक्ट दिसंबर 2024 के पहले सप्ताह में शुरू किया जाएगा। इस परियोजना के तहत, परियोजना पर्यवेक्षकों ने पशुपालन विभाग के कर्मचारियों की मदद से दूध उत्पादन की रिकॉर्डिंग के लिए पात्र एच.एफ. नस्ल की गायों की पहचान की जाएगी. इस अवसर पर डिप्टी डायरेक्टर पशुपालन विभाग मोगा डाॅ. हरवीन कौर भी मौजूद रहीं।
उन्होंने कहा कि वित्तीय वर्ष 2024-25 एवं 2025-26 के दौरान उक्त तीनों जिलों के 90 गांवों के 13 हजार एच.एफ. नस्ल की गायों का दूध उत्पादन दर्ज किया जाएगा। जिसके तहत जिला मोगा के 30 गांवों में लगभग 2600 एच.एफ. नस्ल की गायों का दूध उत्पादन दर्ज किया जाएगा। किसान हमेशा की तरह इन चयनित गायों से दूध अपने घरों में एकत्र करेंगे।
इस बीच, एक दूध रिकॉर्डर होगा, जो जीपीएस-सक्षम स्मार्ट वेइंग स्केल (KANDE) का उपयोग करके दूध उत्पादन डेटा एकत्र करेगा। यह डेटा स्वचालित रूप से एक राष्ट्रीय डेटाबेस पर अपलोड किया जाएगा, जिससे यह देश भर के किसानों, सरकारी एजेंसियों और अन्य भागीदारों के लिए सुलभ हो जाएगा। उन्होंने कहा कि किसान की सुविधा के अनुसार 10 महीने तक दिन में 2-3 बार दूध की रिकॉर्डिंग की जाएगी।
पंजाब, धान की हेराफेरी के आरोप में मिल मालिक और पार्टनरों के खिलाफ मामला दर्ज
उन्होंने कहा कि इस पहल से पशुपालकों को अपनी गायों की आनुवंशिक क्षमता और जर्मप्लाज्म की पहचान करने और दूध उत्पादन बढ़ाने के लिए प्रजनन और प्रबंधन निर्णय लेने में मदद मिलेगी और इन गायों की रिकॉर्ड दूध उत्पादन क्षमता स्थापित करने में भी मदद मिलेगी।
उन्होंने कहा कि राज्य सरकार के पास इन गायों से जन्मे एच.एफ. इससे बछड़ों की खरीद में भी मदद मिलेगी, जिससे पशुधन की कीमतें और बढ़ेंगी। उन्होंने कहा कि इस परियोजना के शुरू होने से जहां इन गांवों के शिक्षित बेरोजगार युवाओं को मिल्क रिकॉर्डर के रूप में रोजगार मिलेगा, वहीं भविष्य में इस पहल से आवारा पशुओं की समस्या को कम करने में मदद मिलेगी और राज्य में पशुधन क्षेत्र को भी बढ़ावा मिलेगा।