रोहतक। पुलिस की कस्टडी में एक युवक की मौत हो गई। अफीम की सप्लाई करने के आरोप में दो महीने पहले फतेहाबाद निवासी हरपाल सिंह को रोहतक नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो की टीम ने गिरफ्तार किया था, जिसकी पीजीआई रोहतक ट्रामा सेंटर में इलाज के दौरान मौत के बाद गांव के लोग गुस्से में है। दरअसल, गांव वालों का आरोप है कि पुलिस ने गिरफ्तार आरोपी हरपाल सिंह को रोहतक से हिसार सीएमसी ले जाकर उसके साथ बदसलूकी की तो वहीं उनके घर वालों पर पैसे देने का जोर भी बनाया गया।
जानकारी के अनुसार दो महीने पहले रोहतक नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो ने नए बस स्टैंड के सामने एक कार से 5 किलो 800 ग्राम अफीम पकड़ी थी। टीम ने झारखंड के अफीम सप्लायर और फतेहाबाद निवासी हरपाल सिंह को गिरफ्तार किया था। अर्बन स्टेट पुलिस स्टेशन में इस संबंध में एनडीपीएस एक्ट के तहत मामला दर्ज कराया गया था। हरपाल सिंह फतेहाबाद जिले के नाडोडी गांव का निवासी था। पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर अदालत से 8 दिन के पुलिस रिमांड पर लिया था लेकिन हिसार पुलिस ने इस केस को रोहतक पुलिस के हवाले कर दिया।
कुछ दिन बाद हिसार पुलिस के इंस्पेक्टर पवन पूछताछ के लिए हरपाल को हिसार ले गए। उसके बाद हरपाल की तबीयत अचानक खराब हो गई और उसे रोहतक पीजीआई के ट्रामा सेंटर में भर्ती कराया गया। बताया जा रहा है कि हरपाल कोमा में था, जिसकी कल रात इलाज के दौरान मौत हो गई। हरपाल की मौत की खबर सुनकर परिवार सहित गांव के लोग पीजीआई में इकट्ठे हो गए और उन्होंने पीजीआई में जमकर हंगामा किया। परिजनों ने शव को लेने से इनकार कर दिया।
परिजनों का आरोप है कि पुलिस की पिटाई के कारण हरपाल की मौत हुई है। जब तक दोषी पुलिस कर्मियों पर मामला दर्ज कर कार्रवाई नही होगी वह शव को नही उठाएंगे और न ही दाह संस्कार करेंगे। उन्होंने पुलिस पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि हरपाल को पुलिस कस्टडी में रिमांड के दौरान काफी टॉर्चर किया गया है। उस का नशे से बिल्कुल कोई भी वास्ता नहीं था, लेकिन जानबूझकर पुलिस ने उसे इस केस में फंसाया। इसके अलावा भी परिवारवालों ने इनपर कई आरोप लगाए हैं।
मृतक हरपाल सिंह के परिजन प्रमोद ने हिसार पुलिस पर आरोप लगाते हुए बताया कि उनके रिश्तेदार की पुलिस रिमांड के दौरान मौत हुई है। उसका कहना है कि जब हरपाल को गिरफ्तार किया गया था तो वह बिल्कुल स्वस्थ था उसके बाद पुलिस ने उसे बुरी तरह टॉर्चर किया है। जिसके दौरान वह कोमा में चला गया। एक दिन उन्हें सूचना मिली कि उसकी हालत ज्यादा खराब है वह मिलने पहुँचे तो उनको हरपाल से मिलने नही दिया गया। लेकिन फिर वह किसी तरह हरपाल को मिले तो देखा वह कोमा में था। उसकी हालत इतनी खराब थी वह बोल नही सकता था। उसके बाद उसे रोहतक पीजीआई लाया गया लेकिन आज हरपाल की मौत हो गई।