हिंदू धर्म में भगवान गणेश का स्थान सर्वप्रथम आता है। किसी भी शुभ कार्य या मांगलिक कार्य को करने से पहले भगवान गणेश की पूजा करने का प्रावधान है। महादेव और माता पार्वती के पुत्र भगवान गणेश को बुद्धि और ज्ञान का देवता माना जाता है। आज हम आपको एक ऐसी गुफा के बारें में बताने जा रहे हैं जहां आज भी गणेशजी का कटा हुआ सिर मौजूद है। महादेव ने क्रोध में आकर गणेश जी का सिर काट दिया था फिर माता पार्वती की विनती के बाद उन्होंने हाथी का मस्तक गणेश जी के धड़ पर लगा दिया था। गणेश जी के इस कटे हुए सिर को महादेव ने इस गुफा में सुरक्षित रख दिया था।
गुफा को पाताल भुवनेश्वर के नाम से जाना जाता
जिस गुफा में महादेव ने भगवान गणेश का सिर सुरक्षित रख दिया था उस गुफा को पाताल भुवनेश्वर के नाम से जाना जाता है। ये उत्तराखंड के पिथौरागढ़ में स्थित है। पाताल भुवनेश्वर पहाड़ के तकरीबन 90 फीट अंदर है। इस गुफा में विराजित गणेशजी की मूर्ति को आदिगणेश के नाम से जाना जाता है। कहते हैं 1191 ई. में इस गुफा की खोज आदिशंकराचार्य ने की थी। इसका वर्णन स्कंद पुराण के मानस खंड में किया गया है।
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इस गुफा में भगवान गणेश और शिव के साथ -साथ तैंतीस कोटि देवी देवता विराजमान हैं। यहां पर बद्रीनाथ, केदारनाथ और अमरनाथ के भी दर्शन होते हैं। बद्रीनाथ में बद्री पंचायत की शिला रूप मूर्तियां हैं, जिनमें यम कुबेर, वरुण, लक्ष्मी, गरुड़ और गणेशजी शामिल हैं। इस पंचायत के ऊपर बाबा अमरनाथ की गुफा है और पत्थर की बड़ी बड़ी जटाएं फैली हुई हैं।