Sunday, May 12, 2024
Homeधर्मसावन के महीने में भोले शंकर आते हैं अपने ससुराल

सावन के महीने में भोले शंकर आते हैं अपने ससुराल

- Advertisment -
- Advertisment -

Sawan 2023: आज से सावन (Sawan 2023) के महीने की शुरुआत हो चुकी है। इस महीने में माता पार्वती और भगवान शंकर की पूजा होती है। सावन के महीने में भगवान विष्णु चातुर्मास के लिए योग निद्रा में रहते हैं। ऐसे वक्त में संसार की पूरी बागडोर भगवान शंकर के हाथों में रहती है। इसलिए इस महीने में उनकी खास पूजा करने का प्रावधान है। ऐसी मान्यता है कि सावन के महीने में भोले शंकर कैलाश का पर्वत छोड़कर धरती पर आते हैं और ब्राह्मण्ड का संचालन करते हैं।

अपने परिवार के साथ ससुराल में रहते हैं भगवान शिव (Sawan 2023) 

पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, सावन के पावन महीने में भगवान शंकर अपने पूरे परिवार के साथ भारत में अपने ससुराल में निवास करते हैं। ग्रंथों और वेदों के अनुसार शिव जी की ससुराल हरिद्वार के कनखल में स्थित है। ऐसा माना जाता है कि  यहीं के दक्ष मंदिर में माता सती और महादेव का विवाह हुआ था। पूरे सावन में भोले शंकर दक्षेश्वर रूप में विराजमान रहकर भक्तों का कल्याण करते हैं।

माता सती ने किया था अग्निदाह 

शिव पुराण में इसका वर्णन किया गया है कि कनखल में ही देवी सती के पिता दक्ष प्रजापति ने बड़े यज्ञ का आयोजन किया था। इस यज्ञ में राजा दक्ष ने सबको आमंत्रित किया था लेकिन भोले शंकर को उन्होंने निमंत्रण नहीं दिया था। लेकिन इसके बावजूद भी  देवी सती यज्ञ में शामिल हुईं थी जिसके बाद पिता दक्ष ने देवों के देव महादेव को लेकर काफी भला बुरा कहा। पिता के द्वारा अपने पित का अपमान होता देख सती सहन नहीं कर पायी और यज्ञ में अपने प्राणों को त्याग दिया। माता सती के अग्निदाह के बाद शिव जी के गण वीरभद्र ने दक्ष प्रजापति का सिर धड़ से अलग कर दिया था।

ALSO READ: भगवान शंकर को बहुत ही प्रिय हैं ये 8 पत्ते

धरती पर क्यों पधारे भगवान शंकर 

भोले नाथ ने सभी देवताओं की विनती को सुनने के बाद राजा दक्ष को बकरे का सिर लगाकर दोबारा जीवनदान दे दिया था। राजा दक्ष प्रजापति ने भोलेनाथ से अपने इस गुनाह के लिए माफी मांगी थी। साथ ही शिव जी से वचन लिया था कि वह हर साल सावन में कनखल निवास करेंगे, ताकि वह उनकी सेवा कर सकें। जिसके बाद से ऐसा माना जाता है कि सावन में भगवान शिव धरती पर आते हैं और यहीं से सृष्टि का कार्यभाल संभालते हैं।

ALSO READ: मेयर ने रचाई मगरमच्छ से शादी, लड़की के बजाय मगरमच्छ को बनाया जीवन संगिनी

- Advertisment -
RELATED NEWS
- Advertisment -
- Advertisment -

Most Popular