रोहतक। रोहतक नगर निगम के ढुलमुल रवैये की वजह से प्रॉपर्टी टैक्स को लेकर आम लोगों की परेशानी कम होने की बजाए बढ़ती जा रही है। नगर निगम ने 30 सितंबर तक छूट के बावजूद त्रुटियां दूर करने के लिए फाइल ऑफलाइन लेना बंद कर दिया है, जबकि एक लाख के करीब प्रॉपर्टी टैक्स के बिल अभी बंटने बाकी हैं। अधिकारी कुर्सी छोड़कर ऑनलाइन फाइल निकालने पर लगे रहते हैं। परेशान लोग एक कमरे से दूसरे कमरे में चक्कर काटकर वापस लौट जाते हैं। मंगलवार को संयुक्त आयुक्त विजय सिंह के सामने भी यह बात सामने आई। अब पूरे मामले को लेकर निगम आयुक्त जितेंद्र दहिया बुधवार को फैसला लेंगे।
नगर निगम की तरफ से पिछले वित्त वर्ष साल 2022-23 में 55 करोड़ रुपये टैक्स वसूली का टारगेट रखा गया था, लेकिन निगम प्रॉपर्टी टैक्स के सर्वे में हुई त्रुटियों के चलते 30 करोड़ का टारगेट ही हासिल कर सका। ऐसे में मार्च माह में हुई हाउस की बैठक में चालू वित्त वर्ष 2023-24 में टैक्स वसूली का टारगेट मात्र 35 करोड़ रुपये रखा गया। एक अप्रैल से 31 जुलाई तक निगम साढ़े 10 करोड़ की राशि ही वसूल कर सका है। जबकि अगस्त माह में 50 लाख भी प्रॉपर्टी टैक्स नहीं आया है।
निगम को टैक्स वसूली बढ़ाने के लिए चालू वित्त वर्ष के दो लाख 16 हजार बिल बांटने थे। साथ ही ज्यादा से ज्यादा लोगों की त्रुटियां दूर करनी थी। निगम अब तक एक लाख के करीब ही बिल बांट सका है। साथ ही ऑफलाइन शिकायतें लेना भी कम कर दिया है। आपको बता दें निगम की टैक्स ब्रांच में 12 क्लर्क व 10 के करीब बेलदार कार्यरत हैं। साथ ही टैक्स इंस्पेक्टर आनंद व अमन के अलावा दो जोनल टैक्स ऑफिसर अशोक कुमार व अशोक डांगी हैं।
डीएमसी जितेंद्र सिंह भी टैक्स से जुड़ी शिकायत सुनते हैं। वीरवार दोपहर ज्यादातर अधिकारी अपनी कुर्सी पर नहीं मिले। डीएमसी जरूर लोगों की शिकायतें सुन रहे थे। पूछने से पता चला कि कुछ अधिकारी ऑनलाइन फाइन निकाल रहे हैं। इसलिए दूसरे कमरे में बैठते हैं। काउंटर पर भी फाइल नहीं ली जा ही है। प्रॉपर्टी टैक्स की त्रुटियों की समस्या लेकर लोग मेयर मनमोहन गोयल व सीनियर डिप्टी मेयर राजकमल सहगल और डिप्टी मेयर अनिल कुमार के कार्यालय में पहुंच रहे हैं। तीनों आने वाली फाइलों को अधिकारी ले रहे हैं।