Friday, April 26, 2024
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कांग्रेस नेता अशोक काका हत्याकांड के 11 दोषियों को रोहतक कोर्ट ने सुनाई उम्रकैद

रोहतक। रोहतक में पूर्व CM के करीबी रहे अशोक काका की हत्या के पौने 6 साल बाद ही सही लेकिन इंसाफ मिल ही गया। जिला कोर्ट ने हत्यारों को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। कांग्रेस के पूर्व जिला अध्यक्ष व हैफेड के पूर्व चेयरमैन अशोक वर्मा उर्फ़ काका की 22 अप्रैल 2016 को हत्या कर दी थी। आज सभी 11 दोषियों को उम्रकैद की सजा दी गई। इनमें से 6 दोषियों ने मौके पर हत्या की वारदात को अंजाम दिया, वहीं 5 को साजिशकर्ता के तौर पर हत्या में शामिल किया गया है। इनमें से 2 नाबालिग भी शामिल हैं। हत्या के करीब पौने 6 साल बाद दोषियों को सजा सुनाई गई है।

अशोक
पूर्व सीएम भूपेंद्र सिंह हुड्डा के करीबी थे अशोक काका

गत गुरुवार कोर्ट ने 11 आरोपियों को दोषी करार दिया था। हत्याकांड को लेकर शहर में कई दिन तक व्यापारियों ने प्रदर्शन किया था। एडवोकेट सुरेंद्र वर्मा ने बताया कि अशोक काका कांग्रेस के शहरी इकाई के जिला अध्यक्ष ही नहीं, बल्कि हैफेड चेयरमैन भी रहे थे। अप्रैल 2016 में 60 वर्षीय अशोक काका मॉडल टाउन डबल पार्क में घूमने गए थे। जब पार्क में वे सैर कर रहे थे, तभी तीन युवक पार्क में दाखिल हुए। जैसे ही काका गेट के नजदीक पहुंचे एक युवक ने उनकी कमर में गोली मार दी।

अशोक काका पक्ष के वकील सुरेंद्र वर्मा ने कहा कि इस केस में महेश वर्मा व राजकुमार वर्मा मौके पर ही थे। गवाहों के बयानों के आधार पर सभी आरोपियों को दोषी करार दिया गया है। इस मामले में प्रत्यक्षदर्शियों के बयान के आधार पर और 2 मौके के गवाह के अलावा मोबाइल लोकेशन भी काफी काम आई। अशोक काका हत्याकांड में शामिल सभी 11 आरोपियों को पुलिस ने काबू कर लिया था। जिनके खिलाफ न्यायालय में केस चल रहा है। इन आरोपियों में सुनील, अनिल, दीपक, पंकज हुड्‌डा, विरेंद्र, सतीश, संदीप उर्फ काला, मनोज सोनी और संजय सोनी शामिल हैं। जिन्हें सजा सुनाई गई है।

मामले के अनुसार माडल टाउन निवासी अशोक काका ने रेलवे रोड पर एसएस ज्वेलर्स के नाम से शोरूम खोल रखा था। 22 अप्रैल को कांग्रेस के पूर्व जिलाध्यक्ष एवं हैफेड के पूर्व चेयरमैन अशोक काका डबल पार्क में सुबह सैर करने के लिए गए। उसके अन्य भाई फुटपाथ पर सैर कर रहे थे। इसी दौरान पार्क के गेट से तीन नौजवान आए। तीनों के हाथों में हथियार थे। आरोपियों ने आते ही अशोक काका पर गोलियां बरसाना शुरू कर दिया। उन्होंने गोली मारने वाले युवक को दबोच लिया। तभी दूसरे युवक ने पीछे से आकर काका को पीछे से पकड़ लिया। इस बीच अशोक बेसुध होकर जमीन पर गिर गए। इसके बाद एक युवक ने उनकी बायीं आंख में और दूसरे ने सीने में गोली मार दी। गोली लगने के बाद जमीन पर गिरे हुए को भी लगातार गोली मारते रहे। फायरिंग की आवाज सुनकर वहां मौजूद लोग कुछ समझ पाते हमलावर हथियार लहराते हुए फरार हो गए थे। पुलिस ने हत्या का केस दर्ज कर जांच पड़ताल की थी।

तत्कालीन आईजी संजय कुमार और एसपी शशांक आनंद ने मीडिया के सामने हत्याकांड का खुलासा किया था। आईजी ने बताया कि हत्या 147 गज जमीन के लिए की गई। अशोक काका ने यह जमीन किसी को बेच दी थी। उसका भतीजा संजय सोनी और मनोज सोनी अपना हक जता रहे थे। उन्होंने भी यह जमीन करौंथा के सुनील व उसके साथी बिंदर को बेच दी थी, लेकिन उन्हें यह जमीन नहीं मिल रही थी। इस जमीन को पाने के लिए ही सभी ने मिलकर अशोक काका की हत्या की योजना बनाई। रेकी करके वारदात को अंजाम दिया गया। तभी से जिला अदालत में केस की सुनवाई चल रही थी।

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