रोहतक। सिरसा डेरा प्रमुख गुरमीत राम रहीम की पैरोल का आज आखिरी दिन है। रविवार को बरनावा आश्रम से वापिस सुनारिया जेल पहुँच कर सरेंडर करेगा। उसकी 50 दिन की पैरोल अवधि शनिवार यानि आज पूरी हो रही है। साथ ही हाईकोर्ट ने भी राम रहीम को 10 मार्च को सरेंडर करने की हिदायत दी थी। कहा था कि सरकार आगे राम रहीम को हाईकोर्ट की अनुमति के बगैर पैरोल नहीं देगी। जेल प्रशासन व पुलिस ने भी जेल परिसर के आसपास सुरक्षा बढ़ा दी है।
पैरोल पर रोक लगाने की मांग
गुरमीत को साध्वी दुष्कर्म मामले में वर्ष 2017 में सजा सुनाई गई थी। बाद में उसे छत्रपति हत्याकांड और रणजीत हत्याकांड में भी सजा हो चुकी है। 19 फरवरी को सरकार ने उसकी 50 दिन के पैरोल की अर्जी मंजूर की थी। डीएसपी के नेतृत्व में पुलिस की टीम राम रहीम को यूपी के बागपत स्थित बरनावा आश्रम छोड़कर आई थी। हाईकोर्ट में याचिका दायर करके बार-बार रामरहीम को मिल रही पैरोल पर रोक लगाने की मांग की थी। हाईकोर्ट ने सुनवाई करते हुए सरकार से पूछा था कि रामरहीम की तरह कितने कैदियों को इतनी पैरोल दी गई है। साथ ही कहा था कि सरकार आगे राम रहीम को हाईकोर्ट की अनुमति के बगैर पैरोल नहीं देगी।
महिला ने राम रहीम के खिलाफ दायर की याचिका
उधर डेरा सच्चा सौदा में प्रमुख पदों पर रहे प्रदीप कलेर की पत्नी ने अपनी व अपने परिवार को डेरे में खतरा बताते हुए सुरक्षा के लिए पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट से गुहार लगाई है। याचिका पर सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट ने हरियाणा सरकार को इस मामले में स्टेटस रिपोर्ट दाखिल करने का आदेश दिया है।
क्या कहा गया याचिका में
याचिका दाखिल करते हुए ज्योति ने बताया कि उसका पति व परिवार लंबे समय से डेरा सच्चा सौदा से जुड़े थे। डेरा प्रमुख राम रहीम की फिल्म मैसेंजर ऑफ गॉड 2015 में रिलीज हुई थी। उस दौरान 23 मार्च 2015 को गुरुद्वारा बुर्ज जवाहर सिंह वाला में हरजिंदर सिंह मांझी के संबोधन के बाद कई डेरा समर्थकों ने राम रहीम की फोटो वाले लॉकेट उतार कर फेंक दिए थे। इसके बाद पंजाब में लगातार बेअदबी की घटनाएं बढ़ने लगी। बेअदबी को लेकर पंजाब सरकार ने 2015 में एफआईआर दर्ज की थी और इस मामले में याची के पति को आरोपी बनाया गया था। याची का पति पुलिस की पकड़ से बाहर था और अदालत ने उसे भगोड़ा घोषित कर दिया था।
गुरुग्राम से गिरफ्तार किया गया था प्रदीप को
बीती 9 फरवरी को उसे फरीदकोट पुलिस ने गुरुग्राम से गिरफ्तार किया था और वर्तमान में वह बुडैल जेल में है। याची ने बताया कि उसके पति ने डेरा प्रमुख व उनके समर्थकों के खिलाफ कच्चा चिट्ठा खोलने का फैसला लिया और 26 फरवरी को चंडीगढ़ में मजिस्ट्रेट के सामने बयान दर्ज करवा दिए। याची ने बताया कि उसके पति के बयान के बाद अब उसकी व उसकी बेटी की जान को खतरा बना हुआ है क्योंकि वे अभी डेरा के भीतर ही मौजूद हैं। याची ने कहा कि वह डेरा छोड़ना चाहते हैं लेकिन उन्हें खतरा है कि यदि ऐसी कोशिश की गई तो उनकी हत्या कर दी जाएगी। ऐसे में हाईकोर्ट से सुरक्षा देने की मांग करते हुए उन्होंने याचिका दाखिल की है। हाईकोर्ट ने याची पक्ष की दलीलें सुनने के बाद याचिका पर हरियाणा सरकार को स्टेटस रिपोर्ट दाखिल करने का आदेश दिया है।