Punjab News: मुख्यमंत्री भगवंत मान के नेतृत्व में पंजाब मंत्रिमंडल ने आज एक महत्वपूर्ण कदम उठाते हुए भाखड़ा बांध पर केन्द्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल (सीआईएसएफ) तैनात करने के कांग्रेस सरकार के फैसले को वापस लेने का निर्णय लिया। इस सम्बन्ध में निर्णय मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में पंजाब सिविल सचिवालय-1 स्थित उनके कार्यालय में हुई कैबिनेट बैठक के दौरान लिया गया।
मुख्यमंत्री कार्यालय के एक प्रवक्ता ने आज यहां यह जानकारी देते हुए बताया कि मंत्रिमंडल ने इस बात पर खेद व्यक्त किया कि तत्कालीन कांग्रेस सरकार ने 23 जुलाई, 2021 को अपने निर्णय के माध्यम से भाखड़ा बांध पर सी.आई.एस.एफ. कर्मियों को तैनात किया था। तैनाती को मनमाने ढंग से मंजूरी दी गई। यह पंजाब विरोधी कदम राज्य के प्रति घोर अनादर था, क्योंकि पंजाब पुलिस बांधों की सुरक्षा करने में पूरी तरह सक्षम थी।
आज कैबिनेट ने राज्य के व्यापक हित में इस निर्णय को वापस ले लिया। बैठक के दौरान यह भी निर्णय लिया गया कि भाखड़ा बांध पर सीआईएसएफ की तैनाती की जाएगी। विधानसभा के अगले सत्र में तैनाती के कदम का कड़ा विरोध करने के लिए एक प्रस्ताव पारित किया जाएगा।
मंत्रिमंडल ने बांध की सुरक्षा के लिए सीआईएसएफ तैनात करने का निर्णय लिया है। तैनाती के फैसले का कड़ा विरोध करते हुए उन्होंने कहा कि राज्य सरकार इस बल की तैनाती के लिए एक पैसा भी नहीं देगी। बैठक के दौरान यह मुद्दा भी उठाया गया कि कांग्रेस सरकार ने पुलिस बल तैनात करने पर सहमति देकर राज्य के हितों को खतरे में डाला है, जबकि पंजाब पुलिस के पास सीमावर्ती राज्य की सुरक्षा करने की शानदार विरासत है। मंत्रिमंडल ने इस बात पर आश्चर्य व्यक्त किया कि पंजाब पुलिस राज्य में कानून एवं व्यवस्था को पर्याप्त रूप से सुनिश्चित कर सकती है, जबकि सीआईएसएफ ऐसा कर सकती है। बांधों की सुरक्षा के लिए अनुमति देने की क्या जरूरत थी?
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मंत्रिमंडल ने पंजाब पशु क्रूरता निवारण (पंजाब संशोधन) अधिनियम-2025 और पंजाब पशु क्रूरता निवारण (बैलगाड़ी दौड़ संचालन) नियम, 2025 को भी हरी झंडी दे दी। उल्लेखनीय है कि किला रायपुर में बैलगाड़ी दौड़ ग्रामीण खेलों का अभिन्न अंग थी, लेकिन कुछ कारणों से इसमें कई बाधाएं आईं। पंजाब में पशु खेल गतिविधियों को विनियमित करने के लिए, “पंजाब पशु क्रूरता निवारण (किला रायपुर ग्रामीण खेल आयोजन और मेले) नियम-2025” को मंजूरी दी गई है।
इन नियमों का मुख्य उद्देश्य खेलों में भाग लेने वाले पशुओं को सुरक्षा प्रदान करना है, जिसमें पशुओं की पशुचिकित्सा पर्यवेक्षण, सुरक्षा मानक, पंजीकरण/दस्तावेजीकरण और उल्लंघन के लिए दंड शामिल हैं। इस निर्णय से न केवल गांवों में पारंपरिक खेलों को बढ़ावा मिलेगा, बल्कि पंजाब की देशी गायों की नस्लों को बचाने में भी मदद मिलेगी।