Punjab News: आर्थिक मामलों की मंत्रिमंडलीय समिति ने पंजाब और हरियाणा के शहरी क्षेत्रों में भीड़भाड़ कम करने के लिए 19.2 किलोमीटर लंबे ज़ीरकपुर बाईपास परियोजना को मंजूरी दे दी है। इस परियोजना में संरक्षित वन के ऊपर 3 किलोमीटर लंबी एलिवेटेड सड़क शामिल होगी, जो तेंदुए और सांभर जैसे वन्यजीवों के लिए सुरक्षित मार्ग प्रदान करेगी।
1,878.31 करोड़ रुपये की लागत से पूरी होने वाली इस परियोजना में एलिवेटेड रोड के लिए अतिरिक्त 200 करोड़ रुपये शामिल होंगे। यह एलिवेटेड सड़क वन्यजीवों की सुचारू आवाजाही और सुरक्षित प्रवाह सुनिश्चित करेगी, जिससे यह पंजाब का पहला शहरी वन्यजीव गलियारा बन जाएगा।
यह परियोजना वन भूमि के कारण दो वर्षों से अधिक समय से लंबित थी। इस मामले को वन संरक्षण अधिनियम (एफसीए) के तहत निपटाया जाना था। भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआई) के साथ परामर्श के बाद एलिवेटेड सड़क का प्रस्ताव किया गया।
जंगल के बीच से छह लेन की सड़क बनाने से 50 एकड़ क्षेत्र प्रभावित होता, लेकिन वन विभाग द्वारा एलिवेटेड विकल्प को मंजूरी दिए जाने से वन्य जीवों की आवाजाही में कोई व्यवधान नहीं होगा और यातायात का सुचारू प्रवाह सुनिश्चित हो सकेगा।
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परियोजना से जुड़े अधिकारियों ने बताया कि पंजाब और हरियाणा में 19.2 किलोमीटर लंबे जीरकपुर बाईपास परियोजना का निर्माण 1,878.31 करोड़ रुपये की लागत से किया जाएगा, जिसमें एलिवेटेड खंड के लिए 200 करोड़ रुपये का अतिरिक्त व्यय अनुमानित है।
पिछले महीने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में आर्थिक मामलों की मंत्रिमंडलीय समिति ने हाइब्रिड एन्युटी मोड के तहत छह लेन वाली सड़क को मंजूरी दी थी। प्रस्तावित बाईपास से जीरकपुर और पंचकूला के भीड़भाड़ वाले शहरी क्षेत्रों में भीड़भाड़ कम हो जाएगी।