हर साल कन्या संक्रांति के दिन विश्वकर्मा पूजा मनायी जाती है। आज देश भर में विश्वकर्मा पूजा मनाई जा रही है। आज के दिन चार शुभ योगों का संयोग भी पड़ रहा है जिसके कारण विश्वकर्मा पूजा का महत्व और भी अधिक बढ़ गया है। आज के दिन सर्वार्थ सिद्धि योग, द्विपुष्कर योग, ब्रह्म योग और अमृत सिद्धि योग का निर्माण हो रहा है। ये सभी योग मनुष्य की मनोकामना पूर्ण करने में सहायक होते हैं। आइए जानते हैं विश्वकर्मा पूजा की शुभ मुहूर्त और पूजन विधि।
विश्वकर्मा पूजा शुभ मुहूर्त
आज पूरे दिन भर भगवान विश्वकर्मा की पूजा की जा सकती है। लेकिन पूजा का शुभ मुहूर्त सुबह 7 बजकर 50 मिनट से दोपहर 12 बजकर 26 मिनट तक हैं। एक खास शुभ मुहूर्त दोपहर 1 बजकर 58 मिनट से 3 बजकर 30 मिनट तक का है।
विश्वकर्मा पूजा का क्या है महत्व
भगवान विश्वकर्मा ब्रह्म देव के पुत्र हैं। भगवान विश्वकर्मा को सभी देवताओं का शिल्पी भी कहा जाता है। मान्यता है कि इस सृष्टि की रचना में भगवान विश्वकर्मा ने ब्रह्म देव की मदद की थी। धार्मिक ग्रंथों के अनुसार विश्वकर्मा जी ने ही सोने की लंका, द्वारका नगरी, पुष्पक विमान, देवी-देवताओं के अस्त्र-शस्त्र बनाए थे। जो लोग मशीन कारोबार और गाड़ियों के कारोबार से जुड़े हैं वो भगवान विश्वकर्मा की पूजा अवश्य करते हैं।
पूजन विधि
आज कामकाज में आने वाले हर तरह के औजार और यंत्रों की साफ सफाई करनी चाहिए। स्नान के बाद स्वच्छ वस्त्र धारण कर भगवान विश्वकर्मा का चित्र स्थापित कर विधिवत पूजा अर्चना करनी चाहिए। इसके लिए मिठाई, फल फूल, अक्षत, पंचमेवा और पंचामृत का भोग लगाना चाहिए। आरती के बाद प्रसाद बांटना चाहिए।
शुभ योगों का निर्माण
1. सर्वार्थ सिद्धि योग – 17 सितंबर 2023, सुबह 06:07 से सुबह 10:02 बजे तक।
2. द्विपुष्कर योग – 17 सितंबर 2023, सुबह 10:02 से सुबह 11.08 बजे तक।
3. ब्रह्म योग – 17 सितंबर 2023, प्रात:काल 04:13 से 18 सितंबर 2023, प्रात:काल 04:28 बजे तक।
4. अमृत सिद्धि योग – 17 सितंबर 2023, सुबह 06:07 से सुबह 10:02 बजे तक।
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