हरियाणा सरकार ने प्रदेश की स्वास्थ्य सेवाओं को और अधिक सुदृढ़ एवं सुलभ बनाने की दिशा में एक और क्रांतिकारी कदम उठाया है। अब प्रदेश के सरकारी अस्पतालों में ‘ऑन-कॉल’ प्रणाली के तहत विशेषज्ञ डॉक्टर उपलब्ध रहेंगे, ताकि गंभीर रोगियों को समय पर उपचार मिल सके।
स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री आरती सिंह राव ने जानकारी देते हुए बताया कि अब सरकारी अस्पतालों में डॉक्टरों के लिए पीपीपी (पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप) मॉडल के तहत नो-नोड फार्मूला लागू किया जा रहा है। इस पहल से ग्रामीण एवं दूरदराज के क्षेत्रों में भी विशेषज्ञ चिकित्सा सेवाएं उपलब्ध हो सकेंगी। विशेषज्ञ डॉक्टर अस्पतालों में ऑन-कॉल मरीजों को देखेंगे। एनेस्थीसिया, सर्जरी एवं रेडियोलॉजी, स्त्री रोग एवं बाल रोग जैसी सेवाओं के लिए विशेषज्ञ डॉक्टर उपलब्ध रहेंगे। उन्होंने बताया कि यह सेवा शुरुआती चरण में पांच जिलों हिसार, जींद, मेवात, सोनीपत और कैथल में उपलब्ध कराई जा रही है।
पूरे प्रदेश में लागू किया जाएगा
स्वास्थ्य मंत्री ने बताया कि यह एक पायलट प्रोजेक्ट है, जिसे बाद में पूरे प्रदेश में लागू किया जाएगा। इस योजना से न केवल मरीजों को उच्च गुणवत्ता वाली चिकित्सा सुविधाएं मिलेंगी, बल्कि जिला स्तर पर रेफरल सिस्टम की जरूरत भी कम होगी। प्रदेश सरकार का उद्देश्य हर नागरिक को समय पर, गुणवत्तापूर्ण और सुलभ स्वास्थ्य सेवाएं उपलब्ध कराना है। यह नई पहल उस दिशा में एक मजबूत और सकारात्मक प्रयास है।
स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि यह पहल प्रौद्योगिकी, विकेंद्रीकरण और नवाचार के माध्यम से स्वास्थ्य सेवाओं को मजबूत करने के सरकार के व्यापक प्रयास का हिस्सा है। उन्होंने कहा कि हमारी सरकार सुलभ, सस्ती और गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य सेवा प्रदान करने के लिए प्रतिबद्ध है। यह केवल एक नीतिगत बदलाव ही नहीं बल्कि यह लोगों पर केंद्रित सुधार है, जिसका उद्देश्य जीवन बचाना और स्वास्थ्य परिणामों में सुधार करना है।