लुधियाना, इस बार लोकसभा चुनाव के बीच लुधियाना में मुश्किल उम्मीदवारों की किस्मत दांव पर है, लेकिन अगर उनकी शिक्षा की बात करें तो लुधियाना में कुल 43 उम्मीदवार चुनाव मैदान में हैं और इनमें से 26 निर्दलीय उम्मीदवार हैं। इन सभी उम्मीदवारों में सबसे ज्यादा पढ़ी-लिखी निर्दलीय उम्मीदवार पलविंदर कौर हैं, जो पंजाबी यूनिवर्सिटी, पटियाला से पीएचडी धारक हैं।
लुधियाना लोकसभा से चुनाव लड़ने वाले 43 उम्मीदवारों में से वह सबसे अधिक शिक्षित हैं। अगर सबसे कम पढ़े-लिखे उम्मीदवार की बात करें तो भोला सिंह हैं, जो 8वीं फेल हैं। जबकि जन सेवा चालक पार्टी के राजीव कुमार मेहरा 5वीं कक्षा उत्तीर्ण हैं।
लुधियाना की चारों प्रमुख पार्टियों के उम्मीदवारों की बात करें तो रवनीत बिट्टू जो लगातार तीन बार सांसद बन चुके हैं। दो बार लुधियाना से और एक बार श्री आनंदपुर साहिब से जीत हासिल करने के बाद उन्होंने अपने दस्तावेजों में खुद को 12वीं कक्षा पास बताया है।
इसी तरह, अगर हम कांग्रेस के पंजाब अध्यक्ष और लुधियाना से मौजूदा उम्मीदवार राजा वारिंग की बात करें तो वह 10वीं कक्षा पास हैं। आम आदमी पार्टी के अशोक पाराशर पप्पी की बात करें तो वह 7वीं कक्षा पास हैं। उन्होंने अपने दस्तावेजों में अपना सातवीं पास का सर्टिफिकेट लगाया है।
इसी तरह अगर लुधियाना से अकाली दल के उम्मीदवार रणजीत सिंह ढिल्लो की बात करें तो वह भी ज्यादा पढ़े-लिखे नहीं हैं। रणजीत सिंह ढिल्लों 10वीं कक्षा पास हैं और उन्होंने 1986 में पंजाब यूनिवर्सिटी, चंडीगढ़ से स्नातक की पढ़ाई की है। ज्ञानी में प्रवेश के लिए 10वीं कक्षा उत्तीर्ण होना अनिवार्य है।
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हालांकि, अशोक पाराशर भी लुधियाना सेंट्रल से आम आदमी पार्टी के विधायक हैं और रंजीत ढिल्लो भी लुधियाना से विधायक रह चुके हैं, लेकिन पंजाब कांग्रेस अध्यक्ष अमरिंदर राजा वारिंग दावा करते रहे हैं कि वह छात्र राजनीति में काफी सक्रिय रहे हैं खास तौर पर वह लंबे समय तक यूथ कांग्रेस के अध्यक्ष रहे हैं जिसके बाद उन्हें पंजाब की कमान सौंपी गई थी।
दूसरी ओर, रवनीत बिट्टू भी दावा करते रहे हैं कि वह भी यूथ कांग्रेस के काफी सक्रिय नेता रहे हैं और लंबे समय से कांग्रेस की सेवा कर रहे हैं। वैसे तो ये दोनों ही युवाओं से जुड़े नेता हैं, लेकिन लोकसभा चुनाव में दोनों ने जो एजुकेशन सर्टिफिकेट लगाया है, उसके मुताबिक राजा वारिंग दसवीं पास हैं तो वहीं बीजेपी के उम्मीदवार रवनीत बिट्टू बारहवीं कक्षा पास हैं। ऐसे में वे छात्र राजनीति और खासकर युवावस्था में कैसे सक्रिय रहे, यह भी बड़ा सवाल है।