Mushroom Farming: आज हम आपको बिहार के ऐसे किसान के बारें में बताने जा रहे हैं जिन्होंने खेती के जरिए सालभर में डेढ़ करोड़ रुपए की बिक्री की। साथ ही साथ दूसरों लोगों को भी रोजगार दिया। हम बात कर रहे हैं छपरा के किसान राजनाथ राय के बारें में। राजनाथ राय ने दूसरे प्रदेश में जाकर कमाने के बजाय अपने गांव में ही रहकर खेती करना शुरु किया। ये बिहार के एक सफल मशरुम उत्पादक हैं।
राजनाथ राय ने एक रुम के जरिए मशरुम का उत्पादन शुरु किया था। आज ये पांच रुम में मशरुम का उत्पादन कर रहे हैं। बिहार के अतिरिक्त पश्चिम बंगाल में मशरुम की जबरदस्त डिमांड है। उन्होंने बताया कि हर दिन वो 6 से 7 क्विंटल मशरुम का उत्पादन कर रहे हैं। छपरा के अतिरिक्त सीवान, गोपालगंज और बंगाल के सिलीगुड़ी तक यहां से व्यापारी मशरूम खरीद कर ले जाते हैं। किसी भी शादी-ब्याह और पार्टी में मशरुम के लिए लोग उन्हें बड़े पैमाने पर ऑर्डर देकर जाते हैं। राजनाथ राय ने 50 महिलाओं को रोजगार भी उपलब्ध कराया है। जो मशरुम की देखभाल के साथ-साथ उत्पादन और पैकेजिंग का काम करती हैं।
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जब राजनाथ राय से पूछा गया कि आखिर उन्हें मशरुम की खेती करने का आइडिया कहां से मिला। इस पर उन्होंने बताया कि वो एक दिन अखबार पढ़ रहे थे। इसी दौरान मशरूम उत्पादन करने की स्टोरी पढ़ने को मिली। इसको पढ़कर उन्होंने कृषि विभाग से संपर्क किया और उसके बाद मशरूम उत्पादन के लिए प्रशिक्षण लिया। प्रशिक्षण लेने के बाद सबसे पहले एक रूम में मशरूम उत्पादन शुरू किया। जब रिजल्ट अच्छा मिला तो 80 लाख लोन लेकर पांच रूम में मशरूम उत्पादन करने लग। साथ ही बताया कि प्रतिवर्ष ढाई करोड़ का मशरूम बेच देते हैं। सभी खर्च काट कर हर महीना एक लाख रुपये बचत हो जाती है।