Friday, May 3, 2024
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सिर पर मंडरा रहा मानसून, डीसी रोहतक के आदेश के बाद अधिकारीयों की रफ्तार सुस्त

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मौजूदा हालातों पर नजर डालें तो अभी निगम की ओर से नालों की सफाई का कार्य पहले धीमी गति से शुरू हुआ फिर किसी न किसी परेशानी को बता ठप कर दिया गया। जबकि मानसून सिर पर मंडरा रहा है। अगर यही स्थिति रही तो एक बार फिर शहर को बड़े नुकसान के लिए तैयार रहना होगा।

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रोहतक। गर्मी चरम पर है और मानसून सिर पर मंडरा रहा है। रोहतक प्रशासन ने मानसून से पहले बरसात के पानी की निकासी के लिए पूर्ण बंदोबस्त करने के निर्देश नगर निगम को समय रहते दे दिए, ताकि हर परिस्थति से निपटने के लिए हम तैयार रहे। लेकिन हर बार की भांति इस बार भी सुस्त निगम प्रशासन डीसी के निर्देश की अनदेखी करता नजर आ रहा है। यह अनदेखी पिछले सीजन की तरह इस बार भी भारी पड़ सकती है।

डीसी अजय कुमार के आदेश के बावजूद शनिवार को हिसार रोड नाले की सफाई एक दिन में नहीं हो पाई। दूसरे दिन रविवार को छुट्‌टी रहने और सड़क पर ट्रैफिक कम होने के बाद भी नगर निगम की टीम ने नाले की सफाई का कार्य नहीं किया। अलबत्ता दोपहर बाद नाले के बाहर पड़ी गाद जेसीबी से उठवाई गई है। उधर नए बसस्टैंड से सुखपुरा चौक जा रही सड़क पर और काठमंडी पुल के नीचे भी निकासी नहीं होने बरसात का पानी जमा रहता है। इससे आने जाने वालों को दिक्कत का सामना करना पड़ रहा है। इस बारे में पब्लिक हेल्थ विभाग और मेयर व नगर निगम के अधिकारियों को लिखित शिकायत देने के बाद भी समस्या का समाधान नहीं हो पाया है।

सिविल अस्पताल के पास गंदगी से भरा पड़ा नाला

भिवानी स्टैंड से पुरानी सब्जी मंडी चौक के बीच हिसार रोड मार्केट की दुकानों के आगे स्थित वर्षों पुराने नाले की सफाई कराई जानी थी। यह कार्य गत शनिवार को शुरू भी हुआ। लेकिन नाले के ऊपर बने पक्के निर्माण तोड़ने को लेकर दुकानदारों ने विरोध शुरू कर दिया। राजनैतिक दबाव के चलते निगम के अधिकारियों ने कदम पीछे खींच लिए। वैकल्पिक समाधान के रूप में दो एक जगह पर नाले के ऊपर का स्लैब हटाया और बाकी खुली जगह से नाले की सफाई शुरू कराई। लेकिन जरूरत करीब 8 फीट गहरे नाले की सफाई ढंग से कराने की है। जो कि बिना नाले पर बने पक्के निर्माण हटाए संभव नहीं है।

वहीँ सीवर लाइन धंसने से सुनारिया रोड स्थित श्रीराम नगर कॉलोनीवासियों की परेशानी बढ़ गई है। जहां घरों से गंदे पानी की निकासी नहीं हो पा रही है। वहीं, मकानों में दरारें आनी शुरू हो गईं। इससे पीड़ित लोगों ने मुआवजा देने की मांग की है। स्थानीय निवासियों का कहना है कि कुछ दिनों से सीवरेज की समस्या कॉलोनी में बनी हुई है। शिकायत के बाद जब पब्लिक हेल्थ के कर्मचारी मौके पर आए तो उन्होंने बताया कि सीवरेज में कुछ ब्लॉकिंग टूट गई है। इसके कारण से यहां पर जमीन धंसने लगी है। ऐसे में यहां 12 से 14 फीट गहरी खुदाई करके नया सीवर होल बनाना होगा। उनके पुराने घर मिट्टी की चिनाई से बने हैं। सीवर के लिए गहरी खुदाई होने पर आसपास के मकानों को खतरा पैदा हो जाएगा। दूसरी ओर रविवार को पब्लिक हेल्थ ने श्रीराम नगर कॉलोनी में सीवरेज व्यवस्था ठीक करने के लिए जेसीबी से खुदाई शुरू कर दी है।

काठमंडी रोड पर भरा गंदा पानी

उधर काठमंडी के निवासी इन दिनों सड़कों और गलियों में गंदा पानी जमा होने से जूझ रहे हैं। स्कूल, कॉलेज, मंदिर और घरों से बाहर आने जाने के लिए रास्ता नहीं है। दुकानों के सामने गंदा पानी जमा होने से ग्राहक नहीं आ रहे हैं। करीब तीन साल से यह समस्या बनी हुई है। नगर निगम मेयर मनमोहन गोयल से लेकर अन्य अधिकारियों को शिकायत दी गई है। लेकिन कोई कार्रवाई अभी तक नहीं हो पाई। मेयर मनमोहन गोयल ने भी मौके का निरीक्षण किया। पीड़ितों का कहना है कि एक सीवरेज लाइन क्षतिग्रस्त हो चुकी है। उसकी जगह नई लाइन डालने से ही समस्या का हल हो सकता है।

स्थानीय लोगों ने बताया कि काठमंडी और वैश्य कॉलेज रोड पर गंदा पानी सड़कों पर आ रहा है। इसकी वजह से आना जाना दुभर हो गया है। साथ ही बदबू की वजह से बहुत परेशानी हो रही है। इसके अलावा मंदिर में जाने वाले भक्तों को भी गंदे पानी से होकर जाना पड़ता है। मानव सेवा संघ और परमार्थ अस्पताल में आने वाले लोगों को भी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। इसके अलावा वैश्य स्कूल और कॉलेज में रोजाना हजारों छात्र छात्राएं और स्टाफ आता है। कई बार नगर निमग, जन स्वास्थ्य विभाग को शिकायतें की गई. लेकिन उन्हें आश्वासन देकर शांत करवा दिया जाता है। अभी तक किसी ने स्थाई समाधान नहीं किया। उन्होंने बताया कि पूछने पर अधिकारी केवल इतना ही बताते हैं कि काठमंडी की पाइप लाइन क्षतिग्रस्त हो चुकी है। इसकी वजह से पानी बाहर आ रहा है।

ये सब होते हुए भी निगम प्रशासन इस बार भी सुस्ती दिखा रहा है। ऐसे में सवाल उठता है कि आखिर इंतजार किसका हो रहा है? जिस काम को हमें करना ही है उस काम को समय रहते क्यों नहीं किया जा रहा? जबकि नालों की सफाई करने में जितना धन व समय लगेगा उससे कई गुना ज्यादा बरसात के बाद होने वाली समस्या से निपटने में लग जाएगा। मौजूदा हालातों पर नजर डालें तो अभी निगम की ओर से नालों की सफाई का कार्य पहले धीमी गति से शुरू हुआ फिर किसी न किसी परेशानी को बता ठप कर दिया गया। जबकि मानसून सिर पर मंडरा रहा है। अगर यही स्थिति रही तो एक बार फिर शहर को बड़े नुकसान के लिए तैयार रहना होगा। जिसकी पूरी की पूरी जिम्मेदारी जिला प्रशासन व निगम प्रशासन की होगी।

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