Tuesday, April 23, 2024
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युवा पीढ़ी ‘हुक्का बार’ से हो रही बर्बाद, हरियाणा स्पीकर ने सीएम को पत्र लिख प्रतिबंध लगाने की मांग की

हरियाणा विधान सभा के अध्यक्ष ज्ञानचंद गुप्ता ने प्रदेश में होटल, रेस्टोरेंट, पब-बार, नाइट क्लब इत्यादि में ग्राहकों को हुक्का परोसने पर प्रतिबंध लगाने की मांग की है। इसके लिए उन्होंने रविवार को मुख्यमंत्री को पत्र लिखा है। हुक्का बार को उन्होंने हरियाणा की एक ज्वलंत समस्या बताते हुए इस पर गहरी चिंता व्यक्त की है।

चंडीगढ़। आज की युवा पीढ़ी का फैशन और क्रेज बनता जा रहा ‘हुक्का बार’ उनकी जिंदगी बर्बाद करने का काम कर रहा है। बंद अंधेरे कमरे में डीजे की तेज धुनों पर हुक्का गुड़गुड़ाते हुए युवा दरअसल मजा लेने के चक्कर में गंभीर बीमारियों को अपने शरीर में जगह दे रहे हैं। तेज म्यूजिक के बीच धुएं के छल्ले उड़ाते हुए लड़के-लड़कियां अश्लीलता करते हैं। जैसे-जैसे नशा बढ़ता है वैसे-वैसे हुक्के की और डिमांड होने लगती है। हुक्का बार से युवा पीढ़ी नशे की लत के कारण उनका भविष्य अंधकारमय हो रहा है। इस नशे की चपेट में आकर हजारों परिवार उजड़ रहे हैं और बच्चे अनाथ हो रहे हैं। यह वह शब्द है जो हरियाणा विधान सभा के अध्यक्ष ज्ञान चंद गुप्ता ने मुख्यमंत्री मनोहर लाल को पत्र में लिखे हैं।

उन्होंने पत्र में प्रदेश में होटल, रेस्टोरेंट, पब- बार, नाईट क्लब इत्यादि में ग्राहकों को हुक्का परोसने पर प्रतिबंध लगाने की मांग की है। इसके लिए उन्होंने रविवार को मुख्यमंत्री मनोहर लाल को पत्र लिखा है। हुक्काबार को उन्होंने हरियाणा की एक ज्वलंत समस्या बताते हुए इस पर गहरी चिंता व्यक्त की है। गुप्ता ने कहा कि इस समस्या का हमें समय रहते समाधान निकालना होगा। उन्होंने चंडीगढ़ में हुक्का बार पर पाबंदी लगाने के केंद्र सरकार के फैसले का भी स्वागत किया।

मुख्यमंत्री मनोहर लाल को लिखे पत्र में विधान सभा के अध्यक्ष ज्ञान चंद गुप्ता ने कहा कि सीमावर्ती क्षेत्र में इस प्रकार की पाबंदी लगने से इस धंधे में संलिप्त लोग पंचकूला व हरियाणा के दूसरे जिलों में अपना अनैतिक कारोबार स्थापित करने के लिए प्रयास कर सकते हैं। इसलिए हरियाणा में भी इस प्रकार का सख्त कानून बनाना चाहिए, जिसके तहत इस प्रकार के धंधों में संलिप्त लोगों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जा सके। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि पंचकूला समेत सभी शहरों में हुक्काबार पर प्रतिबंध लगाना भी जरूरी है।

उन्होंने नशा उन्मूलन के लिए हरियाणा सरकार की ओर से किए गए प्रयासों की सराहना भी की है। उन्होंने कहा कि हरियाणा राज्य नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो द्वारा शुरू की गई नशा मुक्त अभियान की कार्य योजना के सराकारात्मक परिणाम आ रहे हैं। इस मुहिम से अनैतिक गतिविधियों में संलिप्त लोगों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई तो हो ही रही है, साथ ही लोगों में नशाखोरी के प्रति जागरूकता भी बढ़ी है। सभी सरकारी मेडिकल कालेजों में मानसिक स्वास्थ्य एवं नशा मुक्ति वार्ड खोले गए हैं। हर जिले के सिविल अस्पताल में भी नशा मुक्ति केंद्र खोले जा रहे हैं। इसका परिणाम यह हो रहा है कि आज आम जनमानस नशाखोरी के खिलाफ लामबंद हो रहा है और सरकार की मुहिम में कॉलेज के विद्यार्थियों से लेकर सामान्य गृहिणियां तक सहयोगी बन रही हैं।

पत्र में गुप्ता ने गत माह पिंजौर के गांव मंडावाला में एक नशा मुक्ति केंद्र में किए गए निरीक्षण का जिक्र करते हुए प्रशासन की ओर से की गई कार्रवाई की भी सराहना की। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि विधान सभा में अनेक बार विधायकों ने हरियाणा में नशों के बढ़ते प्रकोप पर चिंता व्यक्त की है। इस विषय पर अनेक ध्यानाकर्षण प्रस्ताव भी विधान सभा में आए हैं तथा सरकार ने नशा रोकने के लिए आश्वासन दिया है।

प्रदेश के शहरों में चल रहे रेस्तरां, बार, कैफे और होटलों में युवाओं को हुक्का के माध्यम से ड्रग का सेवन करवाए जाने की सूचनाएं मिलती रही हैं। इन हुक्काबारों में सेब, मिंट, चेरी, चॉकलेट, नारियल, मुलेठी, कैपचिनो और तरबूज के फ्लेवर उपलब्ध करवाए जाते हैं। नवयुवक इन फ्लेवर के झांसे में आकर इनके आदी हो जाते हैं।

उन्होंने कहा कि हुक्के में एसीटोन, अमोनिया, नैफ्थेलैमिन, मैथोनॉल, पाइरीन, डाई मैथिल, नाइट्रो सैमीन, नैफ्थैलीन, केडमियम, कार्बन डाइमोनो आक्साइड, बेंजोपाइरीन, वाइनिल क्लोराइड, हाइड्रोजन साइनायड, टोल्यूडिन, युरेथैन, फिनोल समेत 40 से अधिक रसायन होते हैं। इनसे कैंसर और अन्य जानलेवा बीमारी होने की आशंका प्रबल होती है। इससे अस्थमा, ब्रोंकाइटिस, लंग्स कैंसर, ब्रेस्ट कैंसर, हृदय रोग हो जाते हैं। हुक्के से हल्का सा भी कश लगाने पर धुआं सीधे फेफड़े तक पहुंचता है।

ये हुक्काबार हमारी युवा पीढ़ी के लिए सबसे बड़े खतरे हैं। समय रहते हमें अपनी जिम्मेदारी का निर्वहन करते हुए इन पर अंकुश लगाना जरूरी है। इसलिए इन हुक्काबारों को पंचकूला समेत हरियाणा के सभी शहरों में प्रतिबंधित किया जाए। यह प्रयास हमारी आने वाली पीढ़ियों के लिए बड़ा संबल साबित होगा।

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